फैक्ट चेक

भारत-बांग्लादेश सीमा पर मिलन मेले का पुराना वीडियो गलत दावे से वायरल

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो अप्रैल 2018 का भारत-बांग्लादेश की सीमा पर आयोजित होने वाले मिलन मेले का है.

By - Rohit Kumar | 9 Aug 2024 4:50 PM IST

भारत-बांग्लादेश सीमा पर मिलन मेले का पुराना वीडियो गलत दावे से वायरल

शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद देश में फैली हिंसा के बीच भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर जुटे लोगों का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. यूजर्स इस वीडियो को हालिया बताते हुए दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश से हजारों हिंदू असम बॉर्डर की तरफ सीमा पर आकर खड़े हैं. 

बूम ने अपनी जांच पाया कि वायरल वीडियो अप्रैल 2018 का है. भारत-बांग्लादेश की सीमा पर हर साल दोनों देशोें के लोगों के लिए 'पोइला बोइसाख' के अवसर पर एक मिलन मेले का आयोजन होता है. 'पोइला बोइसाख' बंगाली समुदाय का नया वर्ष उत्सव है.

गौरतलब है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच 5 अगस्त 2024 को अपने पद से इस्तीफा देकर भारत आ गईं. उनके देश छोड़ने के बाद से ही बांग्लादेश से हिंसा, लूटपाट की खबरें आ रही हैं. वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं को भी निशाना बनाया जा रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की 8 अगस्त 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में फैली अशांति के बीच कई हिंदुओं ने भारत में आने के लिए सीमा पार करने की कोशिश की है. बांग्लादेश में भारतीय सीमा के पास रहने वाले हिंदू भारत में शरण लेने का प्रयास कर रहे हैं. 

फेसबुक पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'पूरे बांग्लादेश से हजारों की संख्या में हिंदू भारत की तरफ आकर सीमा पर खड़े हैं. क्योंकि उनके घरों को लूट लिया गया है उनकी बहनों बेटियों के साथ बलात्कार हो रहा है उनके घर जला दिए गए हैं उनके घरों में दुकानों में तोड़फोड़ हो रही है. भारत बांग्लादेश बॉर्डर असम का आज का दृश्य. भाईचारा जिंदाबाद.'


(आर्काइव पोस्ट)

एक अन्य यूजर ने लिखा, 'असम में भारत-बांग्लादेश सीमा के दृश्य BSF सतर्क रहे. बांग्लादेश से पीड़ित हिंदू यदि आ रहे हैं तो सरकार गाइडलाइंस इश्यू करे. कोई कॉरिडोर बनाया जाए. फेंसिंग से किसी को भी नही आने दिया जाए. जिसे भी भारत में प्रवेश देना हैं उसकी पूरी जांच, नामांकित प्रक्रिया और पहचान पत्र जारी कर राहत शिविरों में रखें.'

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(आर्काइव पोस्ट)


फैक्ट चेक 

बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो के एक कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें YOUR FRIENDS नाम के एक यूट्यूब चैनल पर जून 2018 को अपलोड किया गया वीडियो मिला. इस वीडियो के शीर्षक का हिंदी अनुवाद है, "भारत बांग्लादेश मिलन मेला 15 अप्रैल 2018. भारत बांग्लादेश सीमा पर मिलन मेला."

(मूल अंग्रेजी कैप्शन - India Bangladesh Milan Mela 15 April 2018. মিলন মেলা at India Bangladesh border.) 

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हमने इससे संकेत लेकर सर्च किया तो पाया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर दोनों देशों के लोगों के लिए एक सालाना मिलन मेले का आयोजन होता है. अमर उजाला की जुलाई 2019 की एक रिपोर्ट में भी बताया गया कि "बैसाखी की तिथि पर भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर मिलन समारोह का आयोजन होता है. लोग उस जगह पर जहां दोनों देशों की फैंसिंग (कंटीली तार) लगी होती है, दोनों देशों के ऐसे लोग साल में एक बार बॉर्डर पर आकर अपने रिश्तेदारों को देखते मिलते और उनसे बातें कर लेते हैं".

रिपोर्ट में बताया गया, "बीएसएफ ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के साथ मिलकर यह मिलन उन लोगों के लिए शुरू किया है, जिनके पास वीजा या पासपोर्ट बनवाने के पैसे नहीं है. वह चार-पांच मीटर दूर खड़े होकर एक दूसरे का हालचाल जान लेते हैं."

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 से कोरोना और फिर सुरक्षा कारणों के चलते लगातार चार साल तक यह मेला आयोजित नहीं हुआ था. ईटीवी की 14 अप्रैल 2023, की रिपोर्ट में बताया गया कि हर नए साल (14 या 15 अप्रैल) की पूर्व संध्या पर भारत-बांग्लादेश सीमा पर पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में भारत और बांग्लादेश मिलन मेले का आयोजन किया जाता है. लेकिन सुरक्षा कारणों से इस बार आयोजन की परमिशन नहीं दी गई.

रिपोर्ट में आगे बताया गया कि यह लगातार चौथा साल है जब भारत-बांग्लादेश सीमा पर मिलन मेला रद्द किया गया है, इसके पहले कोरोना और वैक्सीन पूरी नहीं होने के कारण मेले के लिए इजाजत नहीं दी गई थी. 

बंगाली नव वर्ष जिसे पोइला बोइसाख (Poila Baisakh) के नाम से भी जाना जाता है. बंगाली कैलेंडर के पहले दिन मनाया जाता है. यह आमतौर पर 14 या 15 अप्रैल को ही पड़ता है.



द टेलीग्राफ की 16 अप्रैल 2018 की रिपोर्ट में बताया गया कि भारत और बांग्लादेश में रहने वाले कई लोग, जिनके रिश्तेदार सीमा के दूसरी ओर रहते हैं, जलपाईगुड़ी के राजगंज ब्लॉक में आयोजित हुए मेले में बॉर्डर के पास एकत्रित हुए. यह मेला सीमा सुरक्षा बल और बीजीबी की देखरेख में आयोजित किया गया था.

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो के संबंंध में असम पुुलिस ने भी अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से 8 अगस्त 2024 को एक पोस्ट कर बताया कि "अप्रैल 2018 के एक पुराने वीडियो को भारत-बांग्लादेश सीमा का हालिया दृश्य बताकर गलत तरीके शेयर किया जा रहा है." पुलिस ने पोस्ट में लिखा, "गलत सूचना से सावधान रहें. दुर्भावनापूर्ण इरादे से दहशत फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."

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