भारत के पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) के नाम से एक ट्विटर हैंडल के एक ट्वीट (tweet) का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल है. 26 मार्च 2020 को किये गए इस ट्वीट में देश में सालों से चल रहे "शिक्षा जिहाद" (Education Jihad) की संभावना जताई गई है.
बूम ने पाया कि @RanjanGogoii ट्विटर हैंडल अब मौजूद नहीं है. हमने जस्टिस गोगोई से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि वह ट्विटर पर मौजूद नहीं हैं.
स्क्रीनशॉट के अनुसार यह ट्वीट पिछले साल का है. ट्वीट में जिस घटना का ज़िक्र किया गया है वह भी 2020 की ही है, जब जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने एक विवादित ट्वीट को लेकर असिस्टेंट प्रोफ़ेसर अबरार अहमद को निलंबित कर दिया था.
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अबरार अहमद (Abrar Ahmad) ने ट्वीट में कहा था कि वह 15 गैर-मुस्लिम छात्रों, जिन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का समर्थन किया था, को छोड़कर अपने सभी छात्रों को पास करेंगे. बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था. बाद में अहमद ने इस मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए ट्वीट किया था कि ऐसी कोई परीक्षा नहीं हुई थी और कोई छात्र फ़ेल नहीं हुआ था. उन्होंने कहा था कि एक मुद्दे की व्याख्या करने के लिए उनका ट्वीट एक 'पैरोडी' था.
वायरल स्क्रीनशॉट के ट्वीट में कहा गया है कि "जामिया के प्रोफ़ेसर "अबरार अहमद" ने ट्विटर पर लिखा कि मैंने क्लास के 15 नॉन-मुस्लिम छात्रों को फेल कर दिया है क्योंकि वो CAA को सपोर्ट कर रहे थे. देश भर की यूनिवर्सिटी-कॉलेज में ये एक अलग टाइप का #जिहाद कई साल से चल रहा है. इसे "शिक्षा जिहाद" कहना हास्यास्पद नही होगा."
पोस्ट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने ट्विटर पर @RanjanGogoii नाम के हैंडल खोजा तो इस यूज़रनेम से हमें कोई अकाउंट नहीं मिला. खोज के दौरान हमें कई ट्वीट्स मिले जहां इस हैंडल का उल्लेख किया गया है, लेकिन जब हमने हैंडल पर क्लिक किया तो उक्त पेज तक पहुंच नहीं पाये. इसका सामान्य अर्थ है कि यह ट्विटर अकाउंट अब मौजूद नहीं है. हालांकि, बूम हैंडल को बदलने की संभावना को सत्यापित नहीं कर सका.
इसके बाद हमने पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई से संपर्क किया, जिन्होंने स्पष्ट किया कि वो ट्विटर पर नहीं है और उनके पर प्रसारित ट्वीट का स्क्रीनशॉट फ़र्ज़ी है. हालांकि, हमें उनके नाम पर कुछ और पैरोडी हैंडल मिले.
कौन हैं अबरार अहमद?
अबरार अहमद जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं. प्रोफ़ेसर अबरार पिछले साल दिल्ली और देश के कई हिस्सों में चल रहे तत्कालीन सीएए विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में अपने विवादास्पद ट्वीट के बाद सुर्ख़ियों में आए थे.
हालांकि, अबरार अहमद का ट्विटर हैंडल अब एक्टिव नहीं है, लेकिन उनके ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट अभी भी सार्वजनिक डोमेन में मौजूद हैं.
उनके इस ट्वीट के बाद जामिया प्रशासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था. इसी संदर्भ में जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने 26 मार्च 2020 को ट्वीट किया था.
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