गाज़ियाबाद (Ghaziabad) के डासना क़स्बे (Dasna) में मंदिर में पानी पीने गए एक मुस्लिम बच्चे की पिटाई का मामला और उससे जुड़ी फ़र्ज़ी ख़बरों का सिलसिला थम नहीं रहा है. इस बीच सोशल मीडिया पर डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yati Narsinghanand Saraswati) के फ़ैन ट्विटर अकाउंट से किये गए एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट काफ़ी वायरल हो रहा है.
इस ट्वीट में दावा किया गया है कि पुलिस ने मंदिर का बोर्ड न हटाने पर मंदिर को खंडहर बनाने की धमकी दी है.
बूम ने पाया कि वायरल ट्वीट में किया गया दावा फ़र्ज़ी है. गाज़ियाबाद पुलिस के पीआरओ ने बूम से बात करते हुए इस दावे का खंडन किया है.
युवाओं का शिवलिंग पर पेशाब करने वाला पुराना वीडियो फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल
गौरतलब है कि बीते दिनों डासना के एक मंदिर में पानी पीने के लिए गए एक मुस्लिम बच्चे, आसिफ़ की मंदिर के केयरटेकर श्रृंगी लाल यादव ने पिटाई की थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था. घटना के बाद हरकत में आई स्थानीय पुलिस ने श्रृंगी लाल को गिरफ़्तार कर लिया.
फ़ेसबुक पर इस स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए सनातन धर्म प्रचार महासभा नाम के अकाउंट ने कैप्शन में लिखा, "न्याय के नाम पे सनातनी हिन्दुधर्मस्थलों के साथ छेड़ छाड़ स्वीकार्य नही।सरकार ध्यान दे।"
वायरल ट्वीट के स्क्रीनशॉट में लिखा है, "पुलिस ने मंदिर का बोर्ड ने हटाने पर मंदिर को खंडहर बनाने की धमकी दी है। देखते हैं कि धर्म जीतेगा या बसपा असलम चौधरी। धर्म का साथ दो मेरे बच्चों लाखों लोगों तक मेरे बात को भेजने में सहयोग करें।"
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
वायरल स्क्रीनशॉट फ़ेसबुक और ट्विटर पर बड़ी तादाद में शेयर किया जा रहा है.
वायरल तस्वीर में दिख रहे घायल बच्चे की तस्वीर का सच क्या है?
फ़ैक्ट चेक
बूम वायरल स्क्रीनशॉट की जांच के दौरान सबसे पहले विराथू यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज समर्थक के ट्विटर हैंडल पर पहुंचा. हमने पाया कि यह ट्वीट16 मार्च को किया गया था. इस ट्वीट को अब तक 10 हजार से ज़्यादा रिट्वीट और 21 हजार से ज़्यादा लाइक्स मिल चुके हैं.
वायरल ट्वीट में किये गए दावे पर पुलिस की टिप्पणी जानने के लिए हमने गाज़ियाबाद पुलिस के पीआरओ से संपर्क किया.
पीआरओ ने हमें बताया कि "मंदिर में पानी पीने गए बच्चे की पिटाई के मामले में पुलिस ने विवेचना की है और आरोपी को गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया है. मंदिर से बोर्ड हटाने की धमकी जैसा कोई आदेश पुलिस ने नहीं दिया है. ऐसा कोई मामला हमारे संज्ञान में नहीं है.
हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए गाज़ियाबाद के मसूरी थाने से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने बताया कि "यह सब फ़ालतू बातें है. हमने ज़रूरत के मुताबिक़ सभी वैधानिक कार्यवाई की है. मंदिर को खंडहर बनाने जैसा दावा फ़र्ज़ी है."
इसके अलावा, बूम ने अपनी जांच के दौरान पाया कि अप्रैल 2020 में बनाये गए विराथू यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज समर्थक हैंडल से डासना मंदिर में मुस्लिम बच्चे की पिटाई के बाद से कई सिलसिलेवार ट्वीट किये गए हैं. इनमें कई ट्वीट साम्प्रदायिक कोण से हैं, जिनमें मुसलमानों को निशाना बनाया गया है जबकि एक ट्वीट में मंदिर के स्वाभिमान की लड़ाई के लिए धन में कमी न आये इसलिए लोगों से चंदा देने का आह्वान किया गया है.