वायरल तस्वीर में दिख रहे घायल बच्चे की तस्वीर का सच क्या है?
दावा किया जा रहा है कि तस्वीरें गाज़ियाबाद में मंदिर में पानी पीने पर पीटे गए मुस्लिम बच्चे के घाव दिखाती हैं.
यमन से एक लड़के के शरीर पर गहरे चोट के निशान दिखाती तस्वीरों का एक सेट फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है. दावा है कि यह लड़का वही मुस्लिम लड़का है जिसे उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में मंदिर में पानी पीने पर पीटा गया है.
वायरल तस्वीरों में लड़के के शरीर पर गहरे निशान हैं जिससे प्रतीत होता है कि उससे बेंत या कोड़ों से पीटा गया है.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में एक मंदिर में पानी पीने के कारण एक 14 वर्षीय मुस्लिम लड़के की 11 मार्च 2021 को पिटाई कर दी गई. इसी के साथ आरोपियों में से पीटने वाले ने पिटाई का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. वे लड़के के गुप्तांगों पर लगातार लात मारता भी नज़र आता है.
फ़र्ज़ी दावों के साथ मुस्लिम संप्रदाय को निशाना बनाते वीडियो क्लिप्स फिर वायरल
वीडियो के वायरल हो जाने के बाद गाज़ियाबाद पुलिस ने दो आरोपियों - मुख्य आरोपी श्रृंगी नंदन यादव और उसका दोस्त शिवानंद - को गिरफ़्तार किया है. यहां पढ़ें.
तस्वीरें परेशान करने वाली हैं. बूम इन्हें लेख में शामिल नहीं कर रहा है. फ़ोटोज़ एक कैप्शन के साथ वायरल है जिसमें लिखा है: "आसिफ़ प्यास लगी हो तो मस्ज़िद , गुरुद्वारा, चर्च, होटल में चले जाना बस मन्दिर में मत जाना मेरे भाई! #DeshBadalRahaHai"
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीरें यमन के अल महवित गोवेर्नोरेट में अक्टूबर 2020 में हुए एक हादसे से सम्बंधित हैं. इस घटना में एक पिता ने अपने बच्चे को रस्सी से बाँध कर उसे प्रताड़ित किया था.
रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें वायरल तस्वीरें येमेनी न्यूज़ रिपोर्ट्स में प्रकाशित मिलीं. इन रिपोर्ट्स के मुताबिक़ एक नाबालिग लड़के को उसके पिता ने प्रताड़ित किया था.
क्रेटर स्काई नमक वेबसाइट पर 4 अक्टूबर 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में वायरल तस्वीरें दिखाई देती हैं. यह एक येमेनी वेबसाइट है जिसके अनुसार अल महवित, यमन, में हुई इस घटना के बाद पिता को जेल भेज दिया गया था.
अल महवित गोवेर्नोरेट, यमन, की पुलिस ने पिता - रशीद मुहम्मद अल-काहिली (40) को अपने 14 वर्षीय बेटे को बेरहमी से पीटने के कारण गिरफ़्तार किया था, यह यमन की मिनिस्ट्री ऑफ़ इंटीरियर के सिक्योरिटी मीडिया सेण्टर द्वारा 5 अक्टूबर 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है.
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