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फैक्ट चेक

केरल में भारतीय संस्कृति का मजाक उड़ाने के फर्जी दावे के साथ विज्ञापन की पुरानी तस्वीर वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. वायरल तस्वीर मॉर्फी रिचर्ड्स (Morphy Richards) कंपनी के एक विज्ञापन की है.

By -  Anmol Alphonso |

31 July 2024 4:44 PM IST

सोशल मीडिया पर एक लड़की की तस्वीर वायरल है जिसमें वह पारंपरिक राजस्थानी पोशाक घाघरा-चोली पहनी हुई है, लेकिन घाघरे को काट कर मिनी स्कर्ट बना दिया गया है.

सोशल मीडिया यूजर का दावा है कि यह केरल के एक कॉलेज के ड्रेस कॉम्पिटिशन की तस्वीर है और इसे टॉप 3 में चुना गया है. इस तस्वीर को यह कहते हुए शेयर किया जा रहा है कि केरल के कॉलेज ने भारतीय और हिंदू संस्कृति का मजाक उड़ाया है. 

बता दें कि घाघड़ा चोली एक लंबी चौड़ी स्कर्ट और ब्लाउज है जिसे पारंपरिक रूप से राजस्थान और गुजरात की महिलाएं पहनती हैं.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. यह एक विज्ञापन की पुरानी तस्वीर है. 

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वायरल फोटो को पोस्ट करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'केरल में एक कॉलेज फंक्शन के ड्रेस कंपटीशन में इसे टॉप 3 में चुना गया. केरल से निकल के यह रोग हर यूनिवर्सिटी कॉलेज होते हुए हर शहर तक आएगा, क्योंकि वामपंथ हावी है हिंदुत्व पर,परंतु हिन्दू समझने को तैयार नहीं. स्त्री का सबसे बड़ा शत्रु,खुद स्त्री ही है, वो स्त्री जिनको अवसर दिए.'

(पोस्ट का आर्काइव लिंक)

यही तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

फैक्ट चेक

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली कंपनी मॉर्फी रिचर्ड्स (Morphy Richards) के एपिलेटर के अप्रैल 2011 के एक विज्ञापन की है. हमने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए इसे गूगल रिवर्स इमेज के सर्च किया तो हमें इससे जुड़ा 2011 का रिजल्ट मिला, जिससे पता चला कि यह तस्वीर एक विज्ञापन शूट का है.

हमें यह तस्वीर विज्ञापन कंपनी एड्सपोर्ट (Adsspot) पर भी मिली, जिसमें बताया गया कि यह तस्वीर अप्रैल 2011 की है और इसे खींचने वाले फोटोग्राफर का नाम अमोल जाधव है.


मूल तस्वीर के कोने में ब्रांड का नाम 'मॉर्फी रिचर्ड्स एपिलेटर्स' भी लिखा हुआ है. वायरल तस्वीर में इसे क्रॉप कर शेयर किया जा रहा है. फोटो में फर्श पर पड़ी कैंची और स्कर्ट के बाकी हिस्से को दिखाया गया है जो महिला के पैरों की ओर केंद्रित है. इन सबसे पता चलता है कि यह एक एपिलेटर्स का विज्ञापन है, जो शरीर के बालों को हटाने की मशीन है.


हमें 'Ads of the World' वेबसाइट पर इस विज्ञापन के बारे में विस्तृत डिस्क्रिप्शन भी मिला. इसमें लिखा था, यह 'साड़ी में लड़की, राजस्थान की लड़की' टाइटल के साथ अप्रैल 2011 में भारत में प्रकाशित हुआ था. इसे 'मोर्फी रिचर्ड्स' ब्रांड के लिए 'कांट्रेक्ट' एड एजेंसी द्वारा बनाया गया था. यह इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री से संबंधित है और इसमें 2 मीडिया एसेट्स शामिल हैं. इसे लगभग 13 साल पहले सबमिट किया गया था.' (हिंदी अनुवाद)


हालांकि, वायरल दावे में केरल के कॉलेज का नाम और कॉलेज की जगह के बारे में कुछ नहीं बताया गया है. हमें गूगल पर सर्च करने पर इससे जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट भी नहीं मिली.

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