फैक्ट चेक

हरियाणा में वोटों की धांधली के आरोप वाला पुराना वीडियो फिर से वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान हरियाणा के फरीदाबाद में हुई एक घटना का है, जब एक पोलिंग एजेंट पर मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप था.

By - Rohit Kumar | 31 May 2024 5:27 PM IST

हरियाणा में वोटों की धांधली के आरोप वाला पुराना वीडियो फिर से वायरल

मतदान केंद्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें एक पोलिंग एजेंट मतदान केंद्र में घूमते हुए और ईवीएम में वोट डाल रही महिला के पास जाते हुए दिख रहा है. वीडियो को लोकसभा चुनाव 2024 के संदर्भ से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान हरियाणा के फरीदाबाद में हुई एक घटना का है. तब एक पोलिंग एजेंट को मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश के आरोप में अरेस्ट किया गया था.

एक फेसबुुक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'चुनाव आयोग देश को चूना लगा रहा है, चुनाव आयोग सो गया है, क्या चुनाव आयोग को आयोग बोलना कहां तक ठीक है.'


(आर्काइव पोस्ट)



फैक्ट चेक 

बूम ने फैक्ट चेक के लिए इनविड टूल की मदद से वायरल वीडियो के कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें हिंदुस्तान टाइम्स और अमर उजाला पर मई 2019 की इस घटना की वीडियो रिपोर्ट मिलीं. अमर उजाला की 13 मई 2019 रिपोर्ट में बताया गया कि हरियाणा के फरीदाबाद में छठे चरण के मतदान के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के आरोप में एक पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार किया गया. 



हमें एक्स पर मई 2019 में वायरल इस वीडियो पर हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी का रिप्लाई मिला, जिसमें फरीदाबाद जिला निर्वाचन अधिकारी के एक्स हैंडल को टैग करते हुए मामले पर कार्यवाई करने के लिए निर्देशित किया गया. 

इस पर फरीदाबाद जिला निर्वाचन अधिकारी का रिप्लाई भी देखा जा सकता है. निर्वाचन अधिकारी ने एक्स हैंडल पर लिखा कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति पोलिंग एजेंट है, जिसे एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है. वह कम से कम 3 महिला मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा था.


एनडीटीवी की रिपोर्ट में बताया गया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट के तहत आने वाले असावटी गांव में मतदान केंद्र पर वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश के आरोप में भाजपा के एक पोलिंग एजेंट गिरिराज को गिरफ्तार किया गया. हालांकि बाद में उसे बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया. 

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया कि यहां पर 12 मई को मतदान हुआ था, चुनाव आयोग ने उक्त मतदान केंद्र पर 19 मई को फिर से मतदान कराने का आदेश दिया था.

बूम ने नवंबर 2020 में भी इस वीडियो का फैक्ट चेक किया था, जब इसे बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर वायरल किया जा रहा था.  

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