मतदान केंद्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें एक पोलिंग एजेंट मतदान केंद्र में घूमते हुए और ईवीएम में वोट डाल रही महिला के पास जाते हुए दिख रहा है. वीडियो को लोकसभा चुनाव 2024 के संदर्भ से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान हरियाणा के फरीदाबाद में हुई एक घटना का है. तब एक पोलिंग एजेंट को मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश के आरोप में अरेस्ट किया गया था.
एक फेसबुुक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'चुनाव आयोग देश को चूना लगा रहा है, चुनाव आयोग सो गया है, क्या चुनाव आयोग को आयोग बोलना कहां तक ठीक है.'
फैक्ट चेक
बूम ने फैक्ट चेक के लिए इनविड टूल की मदद से वायरल वीडियो के कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें हिंदुस्तान टाइम्स और अमर उजाला पर मई 2019 की इस घटना की वीडियो रिपोर्ट मिलीं. अमर उजाला की 13 मई 2019 रिपोर्ट में बताया गया कि हरियाणा के फरीदाबाद में छठे चरण के मतदान के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के आरोप में एक पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार किया गया.
हमें एक्स पर मई 2019 में वायरल इस वीडियो पर हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी का रिप्लाई मिला, जिसमें फरीदाबाद जिला निर्वाचन अधिकारी के एक्स हैंडल को टैग करते हुए मामले पर कार्यवाई करने के लिए निर्देशित किया गया.
@OfficeFaridabad take necessary action in this matter
— Chief Electoral Officer, Haryana (@ceoharyana) May 12, 2019
इस पर फरीदाबाद जिला निर्वाचन अधिकारी का रिप्लाई भी देखा जा सकता है. निर्वाचन अधिकारी ने एक्स हैंडल पर लिखा कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति पोलिंग एजेंट है, जिसे एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है. वह कम से कम 3 महिला मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा था.
The person in the video is the Polling agent who has been arrested in the afternoon itself. FIR lodged. He was trying to effect at least 3 lady voters. Observer & ARO with teams visited the booth at Asawati in prithala constituency. He is satisfied that voting was never vitiated
— DISTRICT ELECTION OFFICE FARIDABAD (@OfficeFaridabad) May 12, 2019
एनडीटीवी की रिपोर्ट में बताया गया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट के तहत आने वाले असावटी गांव में मतदान केंद्र पर वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश के आरोप में भाजपा के एक पोलिंग एजेंट गिरिराज को गिरफ्तार किया गया. हालांकि बाद में उसे बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया.
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया कि यहां पर 12 मई को मतदान हुआ था, चुनाव आयोग ने उक्त मतदान केंद्र पर 19 मई को फिर से मतदान कराने का आदेश दिया था.
बूम ने नवंबर 2020 में भी इस वीडियो का फैक्ट चेक किया था, जब इसे बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर वायरल किया जा रहा था.