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रोज़मर्रा

कोरोना वायरस का म्यूटेंट वर्ज़न डेल्टा वेरिएंट क्या है? कितना ख़तरनाक है?

नई जांच में सामने आया है कि कोविड से पीड़ित नये मरीज़ों में जो वायरस है उसका स्वरूप थोड़ा ज़्यादा ख़तरनाक है. वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट्स की क्या राय है, जानिए इस रिपोर्ट में.

By - Devesh Mishra | 22 Jun 2021 2:58 PM GMT

कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर का असर थोड़ा कम होता दिख ही रहा था कि इस वायरस का एक और म्यूटेंट वर्जन (Mutant Version) सामने आ गया. वायरस के इस म्यूटेंट वर्जन को डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) कहा जा रहा है.

नई जाँच में पता चल रहा है कि कोविड से पीड़ित नये मरीज़ों में जो वायरस है उसका स्वरूप थोड़ा बदला है और अधिक ख़तरनाक (Dangerous) भी है. नये म्यूटेंट वायरस के मामले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं. हालाँकि वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह ज़रूरी नहीं कि कोरोना वायरस का हर म्यूटेंट वर्ज़न इतना ख़तरनाक हो.

पिछले कुछ दिनों से देश और दुनिया के कई हिस्सों में म्यूटेंट वायरस डेल्टा के कई केस सामने आये हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वेरिएंट का नाम सबसे पहले डेल्टा दिया. WHO ने यह भी कहा कि इसमें हो रहे बदलावों को बहुत सावधानी से परखना होगा. वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत की दूसरी बड़ी कोविड लहर का कारण बने डेल्टा वेरिएंट में एक और म्यूटेशन हुआ है जो वैक्सीन और कोविड इम्यूनिटी को चकमा देने में इसकी मदद कर सकता है.

देश के कई हिस्सों में मिले केस

केरल के दो ज़िलों में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है. यहां तीन लोगों में से एक 4 साल का बच्चा है. महाराष्ट्र में यह वैरिएंट 21 लोगों में मिला है. महाराष्ट्र में 7500 लोगों की जांच में 21 मामले इस नए वैरिएंट के मिले हैं जिसमें मुंबई के 2 लोग शामिल हैं. इन 21 मामलों में सबसे अधिक 9 मामले डेल्टा प्लस वैरिएंट के रत्नागिरी में मिले हैं. यहाँ पढ़ें. 

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डेल्टा प्लस के सभी मामले उन सैंपलों की जांच में मिले हैं जो दूसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमित पाए गए 7500 लोगों से लिए गए थे. इसमें 15 से 20 मामले तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब और मध्य प्रदेश से मिले हैं. यह कितनी तेज़ी से फैलता है, अभी इसकी जांच की जा रही है. मध्य प्रदेश के शिवपुरी में डेल्टा प्लस से संक्रमित तीन लोगों की मौत हो गई है. इनमें से एक फ्रंटलाइन वर्कर भी है जिसे वैक्सीन की एक डोज़ लग चुकी थी.

एक्सपर्ट्स की क्या राय है 

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंडिया के टॉप वाइरलॉजिस्ट में से एक प्रोफ़ेसर शाहिद ज़मील का कहना है कि कोरोना वायरस का यह म्यूटेंट रूप वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता को भी ख़त्म कर सकता है. उनका कहना है कि डेल्टा वेरिएंट पर अभी बहुत कुछ शोध करना बाक़ी है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिये.

नीति आयोग के स्वास्थ्य मामलों के सदस्य डॉ. वी.के.पॉल ने पिछले हफ़्ते एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि कोविड-19 का डेल्टा प्लस वैरिएंट फिलहाल वैरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट (VoI) के तौर पर चिन्हित किया गया है ना कि वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न (VoC). डॉ पॉल ने कहा वायरस के इस नए प्रारूप से निपटने का सबसे असरदार तरीका है कोविड-19 के गाइडलाइंस का पालन करना.

WHO के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉक्टर माइक रेयान का कहना है कि यह म्यूटेंट वायरस काफ़ी ख़तरनाक है और यह बहुत तेज़ी से फैलता है. डेल्टा म्युटेंट बाक़ी पिछले सभी चरणों में से सबसे ज़्यादा तेज़ी से फैलता है. उन्होंने आगे कहा कि इस वायरस का प्रभाव सबसे ज़्यादा उन लोगों पर होगा जो पहले से बीमार हैं, अस्पताल में हैं और  कमज़ोर हैं.

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