टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में भारत की महिला हॉकी टीम (Indian Women Hockey Team) ने सेमीफ़ाइनल में जगह बनाकर इतिहास रच दिया है. ओलंपिक में पुरुष हॉकी टीम के सेमीफ़ाइनल में हार के बाद देश की निगाहें महिला टीम पर टिकी हुईं जोकि पहली बार मेडल की दौड़ में शामिल है. यह मैच भारतीय समयानुसार आज दोपहर 3:30 बजे खेला जाएगा.
सेमीफ़ाइनल में भारत का मुक़ाबला अर्जेंटीना (Argentina) से है. अर्जेंटीना की महिला हॉकी टीम अपने आक्रामक खेल के लिए जानी जाती है, ऐसे में भारतीय टीम को आक्रामक खेल दिखाना होगा. भारतीय महिला टीम ने सेमीफ़ाइनल का सफर तीन बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पूरा किया है. अर्जेंटीना महिला हॉकी टीम ने ओलंपिक में कभी स्वर्ण पदक नहीं जीता है लेकिन 2000 और 2012 के ओलंपिक में रजत पदक अवश्य जीता है.
यदि भारतीय टीम अर्जेंटीना को हराकर फ़ाइनल में पहुंचती है, तो ऐसा पहली बार होगा कि महिला हॉकी टीम के खाते में ओलंपिक का गोल्ड या सिल्वर मेडल होगा.
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टोक्यो ओलंपिक में अब तक का सफर
ग्रुप चरण के अंतिम दो मैचों और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पिछले मैच में शानदार वापसी करने से पहले महिला टीम ने अपने ओलंपिक अभियान के शुरुआती तीन मैच हार गई थी. यहां एक नज़र है कि भारतीय टीम के लिए अब तक का सफ़र कैसा रहा है.
भारत- नीदरलैंड (पहला मैच)
भारतीय महिला टीम की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही. पहले ही मैच में विश्व चैंपियन नीदरलैंड से 5-1 से हार का सामना करना पड़ा. भारत ने पहले हाफ में विश्व चैंपियन को कड़ी टक्कर दी लेकिन डच ने रक्षात्मक कमजोरियों का फ़ायदा उठाते हुए दूसरे हाफ में चार गोल किए.
भारत - जर्मनी
नीदरलैंड के ख़िलाफ़ पहले मैच में मिली हार के बाद भारत का सामना जर्मनी से हुआ, जिसमें जर्मनी ने भारतीय महिला टीम को 2-0 से हरा दिया. हालांकि, मैच में भारत को पेनाल्टी स्ट्रोक के कई मौक़े मिले लेकिन गोल में तब्दील नहीं हो सके.
भारत – ग्रेट ब्रिटेन
भारतीय महिला टीम ने पिछले मैचों की तरह ही ग्रेट ब्रिटेन के ख़िलाफ़ भी पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदलने में असफल रही. सात पेनाल्टी कार्नर में से सिर्फ़ एक ही गोल हो सका. जबकि ग्रेट ब्रिटेन की टीम शुरुआत से हावी रही और भारत को 4-1 से मुक़ाबला हरा दिया.
भारत - आयरलैंड
भारत ने आयरलैंड पर 1-0 से जीत के साथ अंक तालिका में अपनी शुरुआत की और अपनी नॉकआउट की उम्मीदों को जिंदा रखा. नवनीत कौर ने 57वें मिनट में गोल किया.
भारत – साउथ अफ्रीका
भारत को क्वार्टर फ़ाइनल में जगह बनाने के लिए तीन अंकों की ज़रूरत थी. टीम ने ज़बरदस्त प्रदर्शन करते हुए अफ़्रीकी टीम को 4-3 से हरा दिया. भारत की ओर से वंदना कटारिया ने अहम मुक़ाबले में एक नहीं बल्कि तीन गोल मारकर भारत को जीत दिलाई. कटारिया ओलंपिक में हैट्रिक लेने वाली पहली भारतीय महिला बनीं.
भारतीय महिलाओं की जीत के बावजूद नॉकआउट राउंड में पहुँचने की उम्मीदें ग्रुप की दूसरी टीमों के प्रदर्शन पर भी टिकी थीं. ग्रेट ब्रिटेन ने आयरलैंड पर 2-0 से जीत दर्ज की, जिसने भारत को क्वार्टर फ़ाइनल में पहुंचा दिया.
भारत – ऑस्ट्रेलिया (क्वार्टर फ़ाइनल)
भारतीय महिला हॉकी टीम ने एक कड़े मुक़ाबले में ऑस्ट्रेलिया को एक गोल की मदद से हराया था. पहले हाफ में 22वें मिनट में मिले एकमात्र पेनाल्टी कार्नर को ड्रैग फ़्लिकर गुरजीत कौर ने गोल में तब्दील करके बढ़त दिलाई थी. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम लगातार गोल मारने की कोशिश करती रही लेकिन भारत की गोलकीपर सविता पूनिया के सामने कामयाबी नहीं मिली.
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इन खिलाड़ियों पर रहेंगी नज़र
वंदना कटारिया
29 वर्षीय वंदना भारतीय हॉकी टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं. साउथ अफ्रीका के ख़िलाफ़ वंदना ने तीन गोल मारकर भारत को सेमीफ़ाइनल में पहुंचा दिया है.
सविता पूनिया
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ क्वार्टरफ़ाइनल मैच में सविता ने कुल 9 पेनाल्टी स्ट्रोक बचाकर भारत की 1-0 की जीत में अहम योगदान दिया है. इस मैच के बाद सविता को 'द वाल' का कहा जाने लगा है.
गुरजीत कौर
गुरजीत कौर विश्व की गिनती विश्व के सबसे बेहतरीन ड्रैग फ़्लिकर में होती है. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ कड़े मुक़ाबले में कौर ने पहले हाफ में गोल मारकर भारत की जीत की नींव रख दी थी.
नेहा गोयल
नेहा गोयल ने साउथ अफ्रीका के ख़िलाफ़ अहम मुक़ाबले में शानदार प्रदर्शन किया था.
नवनीत कौर
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला टीम के विजयी अभियान की शुरुआत नवनीत के गोल से हुआ था. उनके गोल की बदौलत भारत ने आयरलैंड को हराया था.
भारतीय महिला टीम की कप्तान रानी रामपाल, निशा वारसी, निक्की प्रधान, सुशीला चानू, दीप ग्रेस इक्का, सलीमा टेटे, मोनिका मलिक, शर्मीला देवी, नवजोत कौर. ये वो नाम हैं जो भारतीय महिला हॉकी टीम को इतिहास रचने की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया है.
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