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      क्या होता है बादल का फटना और क्यों है ये इतना खतरनाक?

      जम्मू के किश्तवाड़ में हाल ही में बादल फटने से भयावह हालात पैदा हुए हैं. कई जानें भी गयी हैं. जानिए क्या होता है बादल का फटना.

      By - Devesh Mishra |
      Published -  29 July 2021 9:05 AM
    • क्या होता है बादल का फटना और क्यों है ये इतना खतरनाक?

      28 जुलाई को जम्मू के किश्तवाड़ ज़िले के होंज़ार गांव में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के कारण 20 से अधिक लोग लापता हो गये जबकि क़रीब छह से आठ घर पूरी तरह बह गए हैं. शुरुआती जांच में कहा गया है कि अब तक सात शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि 12 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. बादल फटने की घटनायें अक्सर हम खबरों में पढ़ते रहते हैं लेकिन ये बादल फटना आख़िर होता क्या है? आइये जानते हैं.

      Cloud Burst क्या होता है?

      कहीं भी बादल फटने की घटना तब होती है जब काफी ज्यादा नमी वाले बादल एक जगह पर ठहर जाते हैं. वहां मौजूद पानी की बूंदें आपस में मिल जाती हैं. बूंदों के भार से बादल का घनत्व बढ़ जाता है और फिर अचानक भारी बारिश शुरू हो जाती है. बादल फटने पर 100 mm प्रति घंटे की रफ्तार से बारिश हो सकती है. बादल गुब्बारे के जैसे नहीं होते. ये भाप के बने होते हैं. इनमें मौजूद नमी इकट्ठा होकर बूंदों का रूप ले लेती है जो बारिश के रूप में ज़मीन पर गिरती है.

      सरल शब्दों में कहा जाये तो बादल फटने का मतलब होता है एक जगह पर बड़ी मात्रा में बारिश एक साथ हो जाना. बादल फटने के साथ तूफान या ओले पड़ना भी सामान्य है. 100 मिलीमीटर प्रति घंटे यानी 4.94 इंच प्रति घंटे की रफ्तार से बारिश पड़े तो उसे बादल फटना कहा जाता है. ऐसी परिस्थिति में बूंदों का आकार भी सामान्य से बड़ा होता है.

      सामान्य तौर पर बादल फटने की घटनायें ज़्यादातर पहाड़ी इलाक़ों पर ही होती हैं. लेकिन साल 2005 में मुंबई में बादल फटने की घटना के बाद ये माना जाने लगा कि मानसूनी हवाओं के एक निश्चित मात्रा और तापमान में इकठ्ठा हो जाने से ये घटना मैदानी इलाक़ों में भी हो सकती है.

      Kishtwar से अपडेट नीचे देखें

      Cloudburst update in Hanzor area of Dachhan in #Kishtwar district

      Seven dead, 12 injured rescued by #Police team led by SHO at Hunzar. Army column also reached on spot. Rescue team is looking for 19 other missing persons.

      — IGP Jammu (@igpjmu) July 28, 2021

      Cloud Burst की मुख्य घटनाएं

      28 जुलाई 2021 के जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटा जिसमें अभी तक मिली जानकारी के अनुसार सात शव बरामद किये गये जबकि 40 से अधिक लोग लापता हैं. राहत एवं बचाव कार्य की टीमें मौक़े पर मौजूद हैं और मलबा हटाने का काम जारी है.

      28 जुलाई को ही हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटना की वजह से 7 लोगों की मौत हो गई जबकि 9 से अधिक लोग लापता हैं. Live Hindustan की खबर के मुताबिक़ कुल्लू ज़िले में चार व्यक्तियों और चम्बा में एक व्यक्ति की मौत होने की आशंका है जबकि लाहौल-स्पीति में दो लोगों की मौत हो गई और नौ लापता हैं.

      खबर के मुताबिक़ मंगलवार रात करीब आठ बजे बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ में मजदूरों के दो तम्बू और एक निजी जेसीबी मशीन बह गई. बाढ़ के कारण दो लोगों की मौत हो गई और नौ श्रमिक अब भी लापता हैं.

      साल 2013 में उत्तराखंड के केदारनाथ में बादल फटने की घटना अभी भी लोगों के ज़हन में ताज़ा है. इस घटना में 5 हज़ार से भी ज़्यादा लोग मारे गये थे और जान माल का भयंकर नुक़सान हुआ था. उत्तराखंड के अलावा हिमाचल प्रदेश के भी कई ज़िले इस तबाही का शिकार हुए थे.

      साल 2005 में बादल फटने की घटना मुंबई जैसे मैदानी इलाक़े में हुई थी. The Hindu की एक ख़बर के मुताबिक़ 24 घंटे लगातार 944 मिलीमीटर की बारिश होती रही. इसी रिर्पोट के मुताबिक़ लगभग 450 लोगों की मौत इस तबाही में हुई थी.

      Tags

      cloud burstUttarakhandHimachal PradeshKishtwar
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