अफ़ग़ानिस्तान सेंट्रल बैंक के नये गवर्नर के नाम से वायरल तस्वीर ग़लत है
तस्वीर में एक शख़्स बंदूक़ और लैपटॉप लिये बैठा है. मीडिया आउटलेट्स में उसे अफ़ग़ानिस्तान सेंट्रल बैंक का नया गवर्नर Haji Mohammad Idris बताया गया है.
सोशल मीडिया सहित भारतीय मीडिया के कई आउटलेट्स में एक शख्स की तस्वीर इस दावे के साथ प्रसारित की जा रही है कि वो अफ़ग़ानिस्तान सेंट्रल बैंक (Afghanistan Central Bank) का नया गवर्नर है. खबरों के मुताबिक़ हाल ही में अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने Haji Mohammad Idris को अफ़ग़ानिस्तान सेंट्रल बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किया है.
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तस्वीर में एक शख़्स किसी दफ़्तर में कुर्सी पर बंदूक़ और लैपटॉप लिये बैठा दिखाई दे रहा है. दावा किया जा रहा है कि तालिबान ने इसे ही सेंट्रल बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किया है.
तालिबान ने हाल ही में अफ़ग़ानिस्तान में अपनी अंतरिम सरकार की घोषणा की है. इस नई सरकार में कई ऐसे लोगों को मुख्य पद दिये गये हैं जो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकी गतिविधियों में वांछित रहे हैं.
बूम ने अफ़ग़ानिस्तान सेंट्रल बैंक द्वारा नवनियुक्त गवर्नर Haji Mohammad Idris उर्फ़ Maulvi Abdul Qahir की पोस्ट की गयी तस्वीर की तुलना वायरल तस्वीर से की तो पाया कि ये दोनों अलग हैं. बूम ने अफ़ग़ानिस्तान के एक स्थानीय पत्रकार से भी संपर्क कर पता लगाया तो उन्होंने बताया कि वायरल तस्वीर Idris की नहीं है बल्कि किसी आम तालिब की है.
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इससे पहले भी भारतीय न्यूज़ चैनलों और वेबसाइट्स पर तालिबान से जुड़ी कई खबरें फ़ेक न्यूज़ की श्रेणी में आ चुकी हैं.
India Today और Aaj Tak ने कुर्सी में लैपटॉप और बंदूक़ लिये बैठे एक आदमी की वीडियो प्रसारित किया. इसके साथ दावा किया कि ये अफ़ग़ानिस्तान सेंट्रल बैंक के गवर्नर Haji Mohammad Idris हैं. इसका कैप्शन है 'तालिबान ने Haji Mohammad Idris को Afghanistan Central Bank का नया गवर्नर नियुक्त किया है.'
बिल्कुल यही क्लिप India Today के फ़ेसबुक पेज से भी शेयर की गई.
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अन्य मीडिया संस्थानों जैसे की Navbharat Times, Jansatta, News 18 Hindi, TV9 Hindi, Live Hindustan, Zee Marathi ने भी इस फ़ोटो को Idris की तस्वीर बताकर खबरें छापीं.
फ़ैक्ट-चेक
भारतीय समाचार आउटलेट्स द्वारा इस्तेमाल की गई ये तस्वीर कम से कम 18 अगस्त, 2021 से वायरल है. इसके साथ कई अलग अलग कैप्शन के साथ कहा गया है कि यह तालिबान द्वारा 15 अगस्त, 2021 को अफगानिस्तान में सत्ता अधिग्रहण के बाद, अपनी बंदूक के साथ काम कर रहे एक तालिबानी लड़ाके की फ़ोटो है. यह तस्वीर 9gag जैसी मीम वेबसाइटों पर भी मज़ेदार कैप्शन के साथ शेयर हो रही थी.
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अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक - Da Afghanistan Bank के फेसबुक पेज ने 23 अगस्त, 2021 को एक बैठक की तस्वीरें पोस्ट कीं जिसमें Idris को बैठक की अध्यक्षता करते देखा जा सकता है. इस पोस्ट के कैप्शन का जब अनुवाद किया जाता है तो कैप्शन में बैंक के प्रमुख की पहचान Haji Mohammad Idris के रूप में है, जिन्हें मौलवी अब्दुल काहिर के नाम से भी जाना जाता है.
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अनुवादित पोस्ट में लिखा है, "इस बैठक में, मौलवी अब्दुल काहिर, जो अफ़ग़ानिस्तान बैंक के प्रमुख के रूप में हाज़ी मोहम्मद इदरीस के नाम से भी प्रसिद्ध हैं. और मौलवी अब्दुल क़ादिर अहमद इस बैंक के प्रतिनिधि हैं जो मोलवी नूर अहमद आगा के नाम से प्रसिद्ध हैं."
Idris को Da Afghanistan Bank के ट्वीट की हुई तस्वीरों में भी देखा जा सकता हैं जिसमें वो काली पगड़ी पहने हुए हैं.
बंदूक़ लिये शख़्स और Idris की तस्वीरों की तुलना करने पर ये साफ़ पता चलता है कि ये दोनों अलग अलग शख़्स हैं. दोनों की चेहरे की बनावट बिल्कुल अलग है.
हमें Idris की बैंक के नए कार्यवाहक गवर्नर के रूप में नियुक्ति की तस्वीरों वाली News reports भी मिलीं. नीचे दी गई रिपोर्ट में प्रयोग की गई तस्वीर Da Afghanistan Bank द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर वाले व्यक्ति से बिल्कुल मेल खाती है.
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बूम ने अफ़ग़ानिस्तान के एक स्थानीय पत्रकार से संपर्क किया जिसने पुष्टि की कि वायरल तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति Idris नहीं है. उन्होंने कहा कि Da Afghanistan Bank द्वारा फ़ेसबुक पर पोस्ट की गई तस्वीर में जिस व्यक्ति की तस्वीर है, वही Idris की तस्वीर है." स्थानीय रिपोर्टर ने बूम को बताया, "नहीं, वह केंद्रीय बैंक के प्रमुख नहीं हैं. वह एक सामान्य तालिब है."
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Reuters के एक लेख में तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी का हवाला देते हुए Idris के बारे में निम्नलिखित बातें कही गई हैं. "Idris जब्ज़जान के उत्तरी प्रांत से है, और आंदोलन के पूर्व नेता मुल्ला अख़्तर मंसूर के साथ वित्तीय मुद्दों पर काम करने का उसे लंबा अनुभव था. मंसूर 2016 के एक ड्रोन हमले में मारा गया था. Idris का आंदोलन के बाहर कोई सार्वजनिक प्रोफ़ाइल नहीं था और कोई औपचारिक वित्तीय प्रशिक्षण या उच्च शिक्षा भी नहीं है. वह आंदोलन के वित्त अनुभाग का प्रमुख था और उसकी विशेषज्ञता के लिए उसकी काफी इज़्ज़त थी."
बूम स्वतंत्र तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता की वायरल तस्वीर में बन्दूक के साथ बैठा व्यक्ति कौन है.