फ़ेक न्यूज़ सोशल मीडिया पर जंगल के आग की तरह फ़ैलता है | कुछ ऐसा ही हुआ है दस साल पुरानी इस तस्वीर के साथ जिसे फ़ेसबुक पर एक गलत सन्दर्भ में शेयर किया गया है | रिपोर्ट लिखे जाने तक
Umashankar Sahu नामक शख्स के प्रोफाइल से
ओपी चौधरी फैंस एक नई लहर फ़ेसबुक पेज पर पोस्ट किये गए इस तस्वीर को करीब 1,700 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चूका था | तस्वीर में आप एक वृद्ध व्यक्ति को देख सकते हैं जिसे कुछ पुलिस वाले एक खेत से पकड़ कर ले जा रहे हैं | उसके पीछे कुछ अन्य किसान भी दिखाई देते हैं | तस्वीर पर लिखा है "
कर्जा ना चुकाने पर कर्नाटक के किसानों को खेतों से गिरफ्तार करती पुलिस | राहुल गाँधी ने चुनावों जीतन इ पर किसानों का कर्जा माफ़ करने का वादा नहीं निभाया" | इस पोस्ट के साथ ये सन्देश भी है:
ये किसानों के हमदर्द नही। किसानों पर कोड़े बरसाने वाले सरकार है | तस्वीर का दूसरा पहलु आपको बता दे की इस तस्वीर का उस पर लिखे गए पोस्ट से कोई ताल्लुक नहीं है | और तो और जिस शख्स को आप इस तस्वीर में देख रहें हैं उनकी मृत्यु को करीब छः साल हो चुके हैं | दरअसल ये तस्वीर वर्ष 2010 की है और जो शख्स इसमें पुलिस की गिरफ्त में नज़र आ रहे हैं वो कर्नाटका राज्य रायथा संघ के वाईस-प्रेजिडेंट डॉ. वेंकट रेड्डी हैं | वेंकट रेड्डी का निधन अक्टूबर 21, 2012, को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था | रेड्डी ग्रामीण उत्पादकों के अधिकारों के अग्रणी पैरोकार थे |
इस ब्लॉग पोस्ट में आप उनके मृत्यु के बारे में पढ़ सकते हैं |
आपको बता दे की यह तस्वीर तब ली गयी थी जब के.आर.आर.एस. के कार्यकर्ता और कई किसान
जेनेटिकली मॉडिफाइड (जी.एम.) फसलों के फील्ड ट्रायल्स के विरुद्ध इकट्ठा हुए थे | ये घटना नवंबर 17, 2010, की है जब किसान और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन के लिए कर्नाटका के डोड्डाबालापुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर जमा हुए थे | इसी दौरान पुलिस वाले उन्हें और अन्य किसानों को खेतों से बाहर निकालने में लगे हुए थे जब ये तस्वीरें उतारी गयी | आपको बता दे की इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कर्नाटका पुलिस ने सोलह किसानों को गिरफ्तार किया था जिन्हे बाद में रिहा कर दिया गया था | बूम ने यांडेक्स वेबसाइट पर रिवर्स इमेज सर्च के सहारे यह तस्वीर और उससे जुड़ी ख़बरें खोज निकाली | आप ये ख़बरें
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