दावा: सोशल मीडिया पर एक लेटर शेयर किया जा रहा है जिसमें लिखा है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को बीजेपी का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया.
सच: बूम ने पाया कि वायरल लेटर फेक है. बीजेपी और प्रशांत किशोर के सोशल मीडिया हैंडल खंगालने पर ऐसा कोई लेटर नहीं मिला.
कैसे पता लगाई सच्चाई: प्रशांत किशोर के जनसुराज संगठन ने वायरल लेटर का खंडन किया. इसके अलावा प्रशांत किशोर के ऑफिस ने भी लेटर को फर्जी बताते हुए स्पष्ट किया कि वह बीजेपी से जुड़े नहीं हैं. वायरल लेटर में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के हस्ताक्षर शामिल हैं. इस बारे में बूम ने अरुण सिंह के ऑफिस में संपर्क किया, जहां वायरल लेटर के फर्जी होने की पुष्टि की गई.
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