दावा: कांग्रेस नेता कमलनाथ मुस्लिम समाज के लोगों के साथ बैठक में मस्जिद की जमीन वापस दिलवाने और आर्टिकल 370 बहाल करने की बात कह रहे हैं.
फैक्ट: बूम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा फेक है. वीडियो में कमलनाथ की असली आवाज नहीं है, बल्कि इसमें एआई वॉयस क्लोनिंग के जरिए अलग से फर्जी आवाज जोड़ी गई है.
कैसे पता की सच्चाई: बूम को पड़ताल के दौरान 'लोकमत' के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 14 नवंबर 2018 का अपलोड किया हुआ मूल वीडियो मिला. इसमें कमलनाथ मुस्लिम मतदाताओं से आरएसएस की रणनीति से सचेत रहने की सलाह दे रहे थे, जो कि वायरल वीडियो के दावे से बिलकुल अलग था. इसके अलावा हमने वीडियो को डीपफेक विश्लेषण टूल इतिसार पर भी चेक किया. टूल ने इसकी पुष्टि की कि वीडियो की आवाज एक एआई जनरेटेड आवाज है.
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