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राजनीति

दीपिका का जेएनयू दौरा: छपाक का बहिष्कार करने के लिए चल रहे हैं हैशटैग

ट्रोल ने 'टिकट रद्दीकरण' के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए हैं, जिसमें कई बार एक ही तस्वीर को पोस्ट किया गया है।

By - Archis Chowdhury | 9 Jan 2020 4:29 PM IST

7 जनवरी, 2020 को बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हो रहे विरोध प्रदर्शन में एक मौन उपस्थिति दर्ज कराई, और आइशे घोष से मिली जिन पर 2 दिन पहले एक नकाबपोश भीड़ द्वारा हमला किया गया था। कुछ ही समय बाद भीड़ के साथ खड़ी उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। दीपिका पादुकोण की मौजूदगी में जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने प्रदर्शनकारियों के साथ नारे भी लगाए थे।

फिल्म छपाक के रिलीज होने के कुछ दिन पहले पदुकोण की उपस्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर विवादित बहस छिड़ गई, जिसमें कई लोगों ने उनकी फिल्म का बहिष्कार करने का आह्वान किया, जबकि अन्य ने उनके इस काम का समर्थन किया है।

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ट्वीटर पर #boycottchhapaak, #Chappak, #DeepikaPadukone, #shameonbollywood और #ChahapaakDekhoTapaakSe जैसे हैशटैग की बाढ़ आ गई और अगले दिन एक प्रमुख ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया। जेएनयू में पादुकोण की उपस्थिति के समर्थन में आने वाले या उनके विरोध को दिखाने वाले ट्वीट पर बूम ने बारीकी से नज़र डाली है।

जेएनयू में दीपिका

रविवार रात को बर्बरतापूर्ण हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कैंपस में कई लोग इकट्ठा हुए और उनके साथ समर्थन दिखाया - पादुकोण उनमें से एक थीं।

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घटना की तस्वीरें और वीडियो तेजी से फैलने लगे। ऐसी समाग्री फैलाई गयीं जिसमें बताया गया कि दीपिका तो चुपचाप खड़ी दिखाई दी और कन्हैया कुमार ने भीड़ के साथ नारे लगाए। अन्य तस्वीरों में, उन्हें जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशे घोष के साथ मुलाकात करते हुए देखा जा सकता है, जिन्हें हमले के दौरान सिर पर गंभीर चोट लगी थी।

जबकि कई लोग इस कार्य के समर्थन में सामने आए, लेकिन कुछ लोगों को दीपिका का दौरा अच्छा नहीं लगा।

#BoycottChhapaak और 'टिकट रद्द करना'

फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कई बार पादुकोण के इस कदम की आलोचना करते हुए उनके ख़िलाफ तीखा हमला किया। आगे उन्होंने टाइम्स नाउ पर जाकर जेएनयू के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के पादुकोण के फैसले पर अपनी आपत्ति जताई।

हैशटैग #boycottchhapaak ने फौरन ट्विटर पर गति पकड़ ली।

बूम ने इस हैशटैग को लेकर कई ट्वीट देखे, जिसमें पादुकोण के इस कदम के विरोध में पहले से बुक की गई छपाक टिकटों को कैंसल कराने के स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किए गए थे। हालांकि, करीब से देखने पर हमें पता चला कि वे एक ही स्क्रीनशॉट को शेयर कर रहे थे - सीट A8, A9 और A10 के लिए वडोदरा में एक सिनेमा में छपाक के लिए रद्द टिकट, रु 420।

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इस बीच, 2010 से पादुकोण का एक पुराना साक्षात्कार निकाला गया, जहां उन्होंने कहा कि वह भविष्य में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहेंगी। इसे एएनआई नेशनल ब्यूरो चीफ नवीन कपूर सहित कई लोगों ने शेयर किया था।

कई अन्य लोगों ने किया समर्थन

जबकि उनकी फिल्म का बहिष्कार करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाए गए थे, कई लोग उनके समर्थन में आए थे। फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप, जो सत्तारूढ़ पार्टी के मुखर आलोचक और छात्र विरोध के बड़े समर्थक थे, उन्होंने विरोध के दौरान पादुकोण की तस्वीरों के साथ अपनी ट्विटर प्रोफाइल तस्वीर और कवर इमेज बदल ली थी।

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