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      राजनीति

      जेएनयू हिंसा: व्हाट्सएप्प से पहले हमले की योजना बनाना इतना आसान नहीं था

      जेएनयू पर हमला करने वाली भीड़ के बारे में जानकारी अब भी संदेहास्पद है। हमारे पास केवल व्हाट्सएप्प ग्रुप के स्क्रीनशॉट मौजूद हैं।

      By - Archis Chowdhury |
      Published -  8 Jan 2020 3:24 PM IST
    • जेएनयू हिंसा: व्हाट्सएप्प से पहले हमले की योजना बनाना इतना आसान नहीं था

      05 जनवरी, 2020 की शाम नकाबपोश भीड़ ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के हॉस्टल में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की। ये भीड़ लाठियों और रॉड से लैस थी।

      विश्वविद्यालय के भीतर हुए इस हमले से पूरा देश सन्न है। इस हमले के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सुर्खियों में आ गई है। शाखा के सदस्यों पर अब व्हाट्सएप्प समूहों का उपयोग करके हमले के आयोजन का आरोप लगाया गया है।

      ग्रूप चैट के स्क्रीनशॉट के साथ फ़ोटो और वीडियो का इस्तेमाल करते हुए, बूम ने पाया कि कम से कम तीन एबीवीपी सदस्यों को हमले से जोड़ा जा सकता है।

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      टूटे हुए शीशे, फूटे हुए सिर और बहुत सारे स्क्रीनशॉट

      उस रात बाद में, सोशल और मेनस्ट्रीम मीडिया पर जेएनयू से जुड़े ख़बरों की बाढ़ आ गई थी, जिसमें हिंसा से जुड़ी विचलित करने वाली तस्वीरें शामिल थी। जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष का एक वीडियो वायरल हुआ, जहां उनके सिर से खून बहता हुआ देखा गया था।

      JNUSU president Aishe Ghosh injured after clashes reported from JNU over hostel fee hike and registration boycott. pic.twitter.com/9SWu2qNtVz

      — Kainat Sarfaraz. (@kainisms) January 5, 2020

      हमले के कुछ समय बाद ही व्हाट्सएप्प ग्रुपों के स्क्रीनशॉट ऑनलाइन दिखाई देने लगे - जहां यह हमला अच्छी तरह से योजना बना कर किया गया लग रहा था। कई लोगों ने दावा किया कि दो ऐसे घुसपैठ ग्रूप ने हमले की योजना बनाई है। "फ्रेंड्स ऑफ़ आरएसएस" और "यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट" जैसे ग्रूप के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।

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      So a WhatsApp group of RSS- Bajrang Dal- ABVP has been created to orchestrate violence. Some chats are as following:
      1- Main gate par Kya karna hai.
      2- Police nahi aayegi.
      3- VC apna hai

      This is an organised violence. pic.twitter.com/BrFNAnC5g6

      — Sunil Ambhore (@SunilAmbhore20) January 5, 2020

      घुसपैठ

      रविवार की शाम को, जैसे ही नकाबपोश हमलावर जेएनयू से बाहर निकल रहे थे, दिल्ली स्थित कार्यकर्ता आनंद मंगनाले को "यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट" नामक एक व्हाट्सएप्प ग्रूप में शामिल होने का निमंत्रण लिंक मिला। ग्रूप के बातचीत से हमले की योजना बनाने का संकेत मिलता है। मंगनाले ने एक इच्छुक सदस्य के रूप जानकारी के लिए ग्रूप की जांच की और पूछा कि बाहर निकलते समय गेट पर कुछ करना है।

      इस बीच, मंगनाले द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला नंबर इससे पहले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के लिए क्राउड फंडिंग अभियान के सीमित परीक्षण के लिए इस्तेमाल किया गया था।

      The SM team of INC had hired the services of several private vendors to run the crowd funding campaign, for a limited period before Lok Sabha Elections after which it was discontinued. The number belonged to a vendor and has nothing to do with INC.

      — Congress (@INCIndia) January 5, 2020

      उन्होंने बूम को बताया कि उन्होंने "यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट" लिंक के साथ जुड़ने के बाद, उन्हें ग्रूप में "फ्रेंड्स ऑफ़ आरएसएस" का स्क्रीनशॉट प्राप्त हुआ। फिर उन्होंने फ्रेंडस ऑफ आरएसएस ग्रूप से लिए गए स्क्रीनशॉट की एक श्रृंखला फॉरवर्ड की, जिसमें इसकी जांच कर रहे उसके दोस्त दर्शन मोंडकर के साथ ग्रूप के सदस्यों के चैट का कुछ हिस्सा और एडमिन और सदस्यों के नंबर भी थे।

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      बूम मंगेले द्वारा भेजे गए स्क्रीनशॉट तक भी पहुंचा।

      ( दो ग्रूप का स्क्रीनशॉट )

      ट्रूकॉलर और फ़ेसबुक का इस्तेमाल करते हुए मोंडकर ने यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट ग्रूप के 18 एडमिन नंबर में से 9 का पता लगाया और पाया कि ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य हैं।

      मोंडकर द्वारा बनाई गई सूची में उल्लिखित प्रत्येक व्यक्ति को बूम ने फोन किया। जबकि हमें मिले अधिकांश नंबर स्विच ऑफ या अनुत्तरदायी थे, कुछ नंबरों से हमें जवाब मिला। इनमें से दो थे वेंकट चौबे और विजय कुमार। उन दोनों ने दावा किया कि उन्हें किसी और द्वारा ग्रूप में डाल दिया गया था ताकि वे दोषी की तरह दिखें।

      मंगनाले के स्क्रीनशॉट वायरल होने और ग्रूप में घुसपैठियों से परेशान होने के बाद, उन्हें जल्द ही ग्रूप से एक नंबर द्वारा हटा दिया गया, जो एबीवीपी दिल्ली की संयुक्त सचिव अनिमा सोनकर का है।

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      दिल्ली के एक अन्य कार्यकर्ता शिवम शंकर सिंह, जो ग्रूप को करीब से फॉलो कर रहे थे, उन्होंने भी ग्रूप चैट के स्क्रीनशॉट ट्वीट किए और पुष्टि की कि घुसपैठियों' द्वारा ग्रूप को ट्रोल करने और उसका नाम बदलने के बाद एडमिन सतर्क हो गए थे। सिंह ने आगे शिकायत की कि "अच्छा इरादा रखने वाले" लोगों द्वारा ट्रोलिंग से वास्तव उनके द्वारा ग्रूप के अंदर की जा रही जांच पर रोक लग गई।

      I can piece the story together because I have many screenshots with names and numbers disclosed.

      This was stupid of the well intentioned people. Listen, learn and understand.

      You destroyed a source of intel by being a troll! And you achieved nothing. New groups cost zero.

      — Shivam Shankar Singh (@ShivamShankarS) January 5, 2020

      एबीवीपी कनेक्शन की जांच

      बूम ने देखा कि एबीवीपी के पूर्व संयुक्त सचिव योगेंद्र भारद्वाज से संबंधित नंबर ने "फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस" ग्रूप पर "यूनिटी फॉर लेफ्ट" नाम के अन्य ग्रूप का लिंक भेजा था और सदस्यों से शामिल होने के लिए कहा था। भारद्वाज को दूसरे ग्रूप का एडमिन भी पाया गया था और कहा जा रहा है कि दूसरा ग्रूप विश्वविद्यालय में तबाही मचने से ठीक पहले बनाया गया था।

      स्क्रीनशॉट के अनुसार, भारद्वाज ने ग्रूप में कमेंट किया था, "कृपया इस ग्रूप में वाम आतंक के ख़िलाफ एकजुट होने के लिए शामिल हों। अब इन लोगों को पकड़ना चाहिए और पीटना चाहिए। यह एकमात्र चुनौती है।" बूम ने भारद्वाज से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनका नंबर बंद था।

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      "फ्रेंड्स ऑफ़ आरएसएस" के स्क्रीनशॉट में एक अन्य नंबर से भी कमेंट किया गया था, जिसमें लिखा था, "खजान सिंह के स्विमिंग साइड से प्रवेश करने के लिए डीयू के लोगों को ले आओ। हम यहां 25-30 लोग हैं"। ट्रूकॉलर पर नंबर को ट्रेस करते हुए, हमने पाया कि यह नंबर एबीवीपी की कार्यकारी समिति के सदस्य विकास पटेल का है।

      दिलचस्प बात यह है कि पटेल की तस्वीरें कल वायरल हुई थीं, जहां वह लोगों के एक समूह के साथ एक धातु के बल्ले के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। मौजूद कुछ लोगों के हाथों में डंडे भी हैं।

      ABVP role in JNU violence?

      Image purportedly of Vikas Patel, an ABVP member on JNU campus with a group of young men with lathis.

      Also seen (in blue and yellow hoodie), a JNU student identified as Shiv Poojan Mandal, said to be affiliated to the ABVP. @OnReality_Check 1/n pic.twitter.com/b7dEE4Tw1K

      — Sreenivasan Jain (@SreenivasanJain) January 6, 2020

      एबीवीपी की दिल्ली राज्य संयुक्त सचिव, अनिमा सोनकर, जिनका फोन नंबर "यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट" ग्रूप के एडमिनों से एक के रूप में दिखाया गया था, उन्होंने टाइम्स नाउ पर स्वीकार किया कि फोटो में धातु की बैट लिए दिखाई देने वाला शख्स वास्तव में विकास पटेल ही थे। सोनकर ने दावा किया कि व्हाट्सएप्प समूहों में हथियार ले जाने की बात कहने के बाद पटेल "आत्मरक्षा" में वह बैट ले जा रहे थे।

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      ABVP admitted on TIMES NOW to the 'lathi photograph' & went on to justify it as 'self-defence.'

      As they are questioned further, they have released a counter video in which one of their activist is seen being chased.

      (Disclaimer: Video released by ABVP) pic.twitter.com/rVDG0p5fmL

      — TIMES NOW (@TimesNow) January 7, 2020

      मंगेले द्वारा बूम को भेजे गए कुछ स्क्रीनशॉट्स में, हमने यह भी देखा कि सोनकर का नंबर ग्रूप पर सक्रिय था और ग्रूप में कई लोगों के शामिल होने और एबीवीपी का अपमान शुरू होने के बाद उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों ग्रूप से बाहर किया जिसमें मंगेले भी शामिल थे।

      बूम ने टिप्पणी के लिए सोनकर से संपर्क किया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

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