गुजरात के सूरत में हुई अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही का पुराना वीडियो फ़िर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है | इसके साथ ग़लत दावा जोड़ा जा रहा है की सरकार मंदिरों को गिरा रही है और जमीन उद्योगपतियों को दे रही है |
इस लेख के लिखने तक वीडियो को 10,000 बार देखा जा चूका है | क्लिप के साथ कैप्शन में लिखा है : "मोदी ने 50 मंदिर गिरवाए जिसमें जमीन अम्बानी को दे सके"
यह क्लिप वास्तविक वीडियो से काटी गयी है जो एन.डी.टी.वी ने 2008 में शूट किया था | वीडियो को इतनी सफाई से काटा गया है की पीछे चल रहे नरेशन से घटना की जगह, समय, साल किसी भी बात का पता नहीं चल रहा है | नरेशन में सुना जा सकता है: "सूरत में विनाशकारी झड़प तब शुरू हुई जब म्युनिसिपल कारपोरेशन ने मंगलवार देर रात एक मंदिर गिराया…"
यह भ्रामक और ग़लत जानकारी है | आप इस फ़ेसबुक पोस्ट को यहाँ और ट्विटर पोस्ट नीचे देख सकते हैं और इनके आर्काइव्ड वर्शन क्रमशः यहाँ और यहाँ देखें |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो को कीफ्रेम्स में तोड़ा और एक रिवर्स इमेज सर्च किया | हमें यूट्यूब पर एन.डी.टी.वी द्वारा प्रकाशित एक वीडियो मिला जिसे 20 नवंबर, 2008 को अपलोड किया गया था |
यह घटना नवंबर 2008 में तब हुई जब तब गुजरात के मुख़्य मंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे राज्य में अवैध मकानों, और अतिक्रमण को गिराने और हटाने का आदेश दिया था | सूरत की यह घटना भी उसी अभियान का हिस्सा थी | ध्यान देने वाली बात यह है की यह अभियान सिर्फ़ मंदिरों को गिराने के लिए नहीं था परन्तु कुछ मंदिर थे जो अवैध स्थानों पर बने थे जो इस अभियान के अंतर्गत गिराए गए थे |
इस अभियान का विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दल एवं अन्य हिंदुत्ववादी समूहों ने विरोध किया था | इन समूहों ने कहा था की हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है | ये वीडियो क्लिप कुछ महीनों पहले एक अलग दावे के साथ वायरल हुआ था जिसपर बूम ने एक लेख भी लिखा था | तब यह नरेंद्र मोदी के नाम पर वायरल एक फ़र्ज़ी दावे के लिए वायरल हुआ था |
इस वीडियो क्लिप का हाल की स्थिति से या बीते हुए मंगलवार से कोई लेना देना नहीं है |
यह अभियान 2008 नवंबर में ही रोक दिया गया था जब तब के विश्व हिन्दू परिषद् के अध्यक्ष अशोक सिंघल नरेंद्र मोदी से मिले थे और इस बारे में चर्चा की थी | एन.डी.टी.वी ने एक अलग एपिसोड में इस मीटिंग और अभियान के बंद होने के बारे में रिपोर्टिंग की थी |