
सोशल मीडिया पर हाल ही में म्यांमार में आए भूकंप के दावे से एक वीडियो वायरल है. यह वीडियो कार में लगे डैशकैम से रिकॉर्ड की गई जिसमें भूकंप के झटकों से एक पुल थरथराता हुआ नजर आ रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो म्यांमार नहीं, बल्कि ताइवान में अप्रैल 2024 में आए भूकंप के दौरान का है.
म्यांमार में 28 मार्च को 7.7 तीव्रता से आए भूकंप में भारी संख्या में जनहानि हुई. अब तक भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर में था जहां अब तक 2700 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. 4,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं. भूकंप के झटके पड़ोसी देश थाईलैंड की राजधानी बैंकाक तक महसूस किए गए थे.
फेसबुक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, 'म्यांमार में आए भयानक भूकंप की एक दिल दहला देने वाली वीडियो.'

एक्स पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया. सर्च के दौरान हमें एक फेसबुक पेज पर 27 दिसंबर 2024 को अपलोड किया गया वीडियो मिला. हालांकि इसके कैप्शन में लोकेशन का जिक्र नहीं था.
वीडियो के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने वीडियो के कॉमेंट सेक्शन को एक्सप्लोर किया. एक एक यूजर ने बताया कि वायरल वीडियो ताइवान से है. यूजर ने कमेंट में लोकेशन का कोऑर्डिनेट्स शेयर किया है.
इसकी मदद से गूगल मैप पर सर्च करने पर हमें उसी स्थान का स्ट्रीट व्यू मिला जिसे नीचे देखा जा सकता है. गूगल मैप में लोकेशन का नाम ताइवान के ह्वालिएन स्थित Shiliugu Boulevard बताया गया. यहां मेलुन नदी पर स्थित एक पुल पर वायरल वीडियो शूट किया गया था.
दोबारा गूगल रिवर्स सर्च करने पर हमें इंस्टाग्राम पर 21 फरवरी को अपलोडेड वीडियो मिला जिसमें बताया गया है कि वीडियो 3 अप्रैल 2024 को ताइवान में आए 7.4 तीव्रता वाले भूकंप का है. इस दौरान ताइवान स्थित एक पुल जोरों से हिलने लगा था.
संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें मीडिया रिपोर्ट से ज्ञात हुआ कि 3 अप्रैल 2024 को आए भूकंप के चलते ताइवान के पूर्वी तट पर स्थित एक काउंटी-प्रशासित शहर ह्वालिएन में काफी नुकसान हुआ था. इस भूकंप में 9 लोगों की मौत हो गई थी. 1,000 से अधिक लोग घायल हुए थे.
ई-ताइवान न्यूज की 10 अप्रैल 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, 3 अप्रैल को आए 7.2 मैग्नीट्यूड तीव्रता के भूकंप से कारण ह्वालिएन शहर के सिलिगू एवेन्यू पर स्थित मेलुन नदी पुल क्षतिग्रस्त हो गया था. स्थानीय सरकार द्वारा पुल की मरम्मत कराए जाने के बाद 10 अप्रैल से पुल पर आवागमन शुरू हो गया था.