महाराष्ट्र के अहमदनगर बस स्टैंड में हाल ही में एक मॉक ड्रिल की दो वीडियो क्लिप्स झूठे दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं | साथ में यह दावा किया जा रहा है कि वो नागपुर के बस स्टैंड पर पकड़े गए आतंकवादियों का वीडियो है।
मुख्य रूप से व्हाट्सएप और फ़ेसबुक पर दावे वायरल हैं।
वीडियो में मिलिट्री कि वर्दी पहने पुरुष एक बस के पास आते हैं और उसे घेर लेते हैं। उनमें से कुछ बस के ऊपर चढ़ते हैं और एक आदमी को हिरासत में लेते हैं। हिरासत में लेते ही वीडियो समाप्त हो जाता है। दो वीडियो क्लिप नीचे देखे जा सकते हैं।
अलग-अलग दावों के साथ फ़ेसबुक और व्हाट्सएप पर कई पोस्ट हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्शन तक यहाँ पहुँचा जा सकता है।
फ़ैक्ट-चेक
बूम ने गूगल पर एक कीवर्ड खोज की और नागपुर में एक स्थानीय प्रकाशन, नेशन नेक्स्ट का एक लेख पाया। लेख नागपुर पुलिस का हवाला देते हुए कहता है कि यह वीडियो नागपुर का नहीं है। हमने नागपुर जिला पुलिस से संपर्क किया और पाया की वीडियो नागपुर से नहीं है। यहाँ तक की उन्हें इनमें से किसी भी वीडियो के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
राष्ट्र नेक्स्ट के यूट्यूब वीडियो के वर्णन में इस वीडियो को अहमदनगर बस अड्डे का बताया गया है |
बूम ने अहमदनगर के स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक दिलीप पवार से संपर्क किया। पवार ने हमें बताया, "यह एक मॉक ड्रिल थी, जो इसी महीने 3 सितंबर को की गयी थी।"
“अब तक कोई आतंकवादी गतिविधि नहीं हुई है। हम त्योहारों पर हर बार इस तरह से पूर्वाभ्यास करते रहते हैं," उन्होंने आगे यह बताया कि जिला रिजर्व बल, जिला पुलिस और अन्य पुलिस रिजर्व के सैनिक शामिल थे जो इस ज़िले के हैं और इस तरह के मामलो को संभालने के लिए प्रशिक्षित हैं।
पवार ने यह भी कहा कि चूंकि यह त्यौहारों का मौसम है इसलिए इस समय में पुलिस बल अधिक सतर्क रहते हैं ।
जब हमनें इस बारे में सवाल किया कि क्या स्थानीय पुलिस के पास किसी भी आतंकी खतरे के बारे में केंद्रीय ख़ुफ़िया एजेंसियों से कोई जानकारी है, तो उन्होंने उसी का खंडन किया और कहा: "नहीं, हमारे पास कोई केंद्रीय एजेंसी से किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि की सूचना नहीं आयी है, यह सिर्फ एक नियमित पूर्वाभ्यास है।"