दावा: 'उन सभी भाइयो को मुबारक जिसने कांग्रेस को वोट दिया।' 'कांग्रेस समर्धक हिन्दु भाइयो मुबारक हो आपकी चाहत की मांग शुरू हो गयी है।' "कांग्रेस की जीत को अब तक 24 घंटे भी नहीं हुए और नारे शुरू हो गए की, "बाबरी मस्जिद लेके रहेंगे, पाकिस्तान ज़िंदाबाद"
रेटिंग: झूठ
सच्चाई: यह रैली पाकिस्तान की नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की है।
'जुनैद ज़ुबैरी' नामक यूट्यूब यूजर ने 6 दिसंबर, 2016 को यह वीडियो अपलोड किया था । बूम की पड़ताल में हमें पता चला की यह वीडियो "संभल बाबरी मस्जिद जुलूस" नामक रैली का है जिसमे पाकिस्तानी झंडे नहीं बल्कि
'इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग' के झंडे लहराए गए थे।
इस वीडियो को फ़ेसबुक के
'पॉलिटिक्स सोलिटिक्स' नामक पेज पर चौदह हज़ार (14,000) से ज़्यादा शेयर्स मिले है।
Full View फ़ेसबुक पर
'सच्ची खबर' नामक न्यूज़ पेज पर इस वीडियो को दस हज़ार (10,000) से ज़्यादा व्यूज भी मिले है।
Full View ट्विटर पर भी इस वीडियो को धड़ल्ले से वायरल किया जा रहा है।
तारेक फ़तेह नामक पाकिस्तानी पत्रकार ने भी इस वीडियो को अपने अकाउंट से ट्वीट कर डिलीट कर दिया जिसका
संग्रहित वर्शन आप यहाँ देख सकते है।
'मधु पूर्णिमा किश्वर' ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया है।
क्या है वीडियो की सच्चाई। यूट्यूब पर
'जुनैद ज़ुबैरी' नामक यूट्यूब यूजर के वीडियो को यहां देखा जा सकता है। https://youtu.be/QfY0wTo4Xi0 ज्ञात रहे की राजस्थान में चुनाव जीतने के कांग्रेस के दो दिनों के भीतर ही गलतफहमी के कई नए उदाहरण सामने आना शुरू हो गए हैं। इससे पहले, तिवरी में कांग्रेस की जीत में एक इस्लामी धार्मिक झंडे को पाकिस्तानी ध्वज के रूप में दिखाया गया था। इस वीडियो में आप जुलूस में गुज़रते लोगो को यह नारा लगाते हुए सुन सकते है की, "बाबरी मस्जिद लेके रहेंगे , नारे तकबीर अल्लाहुअक्बर"
पाकिस्तान के झंडे में और
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के झंडे में यह फर्क है।
'ऑल्ट न्यूज़ ' और
'द क्विंट' नामक न्यूज़ वेबसाइट ने इस कहानी के सन्दर्भ में रिपोर्ट्स की है जिन्हे यहां पढ़ा जा सकता है।