Claim
"भगत सिंह जी अमर रहे इनका क़र्ज़ हम कैसे चुका सकते है"
Fact
बूम ने पाया कि यह दावा फ़र्ज़ी है. वायरल तस्वीर 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड (Jallianwala Massacre) के बाद ली गयी थी. कई रिपोर्ट्स इस बात की पुष्टि करती हैं. न्यूज़ रिपोर्ट्स में फ़ोटो में दिख रहे शख़्स के भगत सिंह (Bhagat Singh) होने का ज़िक्र नहीं है. बूम ने इसपर पहले भी रिपोर्ट प्रकाशित की है. तब हमनें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के प्रोफ़ेसर रह चुके चमन लाल द्वारा एक पुस्तक 'भगत सिंह रीडर' (Bhagat Singh Reader) को पढ़ा. इस पुस्तक में शहीद-ए-आज़म की चार तस्वीरें संग्रहित हैं. इस किताब में यह भी बताया गया है कि भगत सिंह की केवल चार तस्वीरें ही मौजूद हैं. पूरा लेख नीचे पढ़ें.