फास्ट चेक

पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा के दावे से वायरल वीडियो बांग्लादेश का है

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो बांग्लादेश के मुर्शिदपुर में दो मुस्लिम समूहों के बीच हुई हिंसा का है. इसका पश्चिम बंगाल की हिंसा से कोई संबंध नहीं है.

By -  Rohit Kumar |

15 April 2025 4:42 PM IST

Bangladesh violence video shared as communal incident in West Bengal

Claim

लोगों की हिंसक भीड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में लाठी-डंडे लिए भीड़ फसलों और सामानों को नुकसान पहुंचाती हुई नजर आ रही है.


एक्स पर एक यूजर ने इस वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा, ‘पश्चिम बंगाल में 12 गांव खाली कराकर 150 एकड़ हिन्दू का खेत खत्म कर दिया,पशु, वृक्ष, गाड़ी, बंगला, फूंक रहें हैं. नमाजवादी और भारत के सेक्युलर और बुद्धिजीवी मिडिया को डर नहीं लगा, जिओ मेरे मुस्लिम शेरो इसी तरह पेलते रहो हिंदुओं को समझो बंगाल तुम्हारा फिर एक दिन पूरा हिंदुस्तान तुम्हारा. बताओ सरकार से लड़ने के बजाय हिंदुओं को टारगेट कर रहे ये जिहादी कट्टरपंथी. गजवा-ए-हिन्द जिंदाबाद.’

Fact

बूम ने पाया कि यह वीडियो पहले भी दिसंबर 2024 में वायरल हो चुका है. तब इसके साथ दावा किया गया था कि बांग्लादेश के शेरपुर जिले के मुर्शिदपुर में इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने हिंदुओं के घरों और संपत्तियों पर हमला किया और नुकसान पहुंचाया. तब बूम ने इसका फैक्ट चेक किया और पाया कि यह दो मुस्लिम समूहों के बीच हुई झड़प का वीडियो था.

बूम को 'शेरपुर बांग्लादेश हिंसा' से जुड़े कीवर्ड को गूगल सर्च करने पर इस घटना की कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं. इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुर्शिदपुर में दरबार शरीफ नाम के एक इस्लामी दरगाह, जिसे डोजा पीर दरबार के रूप में भी जाना जाता है, में दो मुस्लिम समूहों के बीच हिंसा हुई थी.

दरगाह के सूत्रों ने न्यूज वेबसाइट Dhaka Tribune से दावा किया था कि यह हमला स्थानीय निवासियों के इस आरोप से प्रेरित था कि दरबार में इस्लामी विरोधी गतिविधियां हो रही हैं. Bangla Affairs के यूट्यूब चैनल पर शेयर की गई वीडियो रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाले विजुअल्स भी हैं.

तब BOOM Bangladesh ने इस एक स्थानीय रिपोर्टर से बात की थी, जिन्होंने बताया था, "यह हिंसा तब शुरू हुई जब लोगों के एक ग्रुप ने दरगाह पर इस्लामी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया और दरबार में मौजूद लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की. इसके चलते एक अनुयायी की मौत हो गई, जिसके बाद हिंसा और बढ़ गई. उन्होंने बताया कि हिंसा दो मुस्लिम समूहों के बीच हुई थी."

BOOM ने शेरपुर सदर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी से बात की थी, जिन्होंने पुष्टि की थी कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था. पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें-


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