Claim
सोशल मीडिया पर सभी के खातों में 15-15 लाख रुपये आने की बात कहने वाला एक पुराना व्यंग्य लेख वायरल है. यह व्यंग्य लेख खबर के प्रारूप में है, यूजर्स इसे वास्तविक खबर मानते हुए सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.
Fact
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल पेपर कटिंग मार्च 2019 में होली के दौरान प्रकाशित एक व्यंग्यात्मक लेख की है. यह किसी भी तरह की कोई वास्तविक खबर नहीं थी. दिसंबर 2023 में भी यह पेपर कटिंग वायरल हुई थी. तब बूम ने इसका फैक्ट चेक किया था. दरअसल, नवभारत टाइम्स ने 2019 में होली के त्योहार के दौरान यह व्यंगात्मक लेख प्रकाशित किया था. सोशल मीडिया यूजर्स ने लेख के साथ लगा डिस्क्लेमर (बुरा न मानो होली है) वाला हिस्सा काटकर इसे वास्तविक खबर के रूप में शेयर किया था. इसके साथ ही नवभारत टाइम्स ने एक और व्यंग्यात्मक लेख (अगर लोगों ने वोट नहीं दिया तो पैसे काट लिए जाएंगे) प्रकाशित किया था. तब नवभारत टाइम्स ने इस लेख को लेकर एक्स पर स्पष्टीकरण दिया था, इसे होली के समय प्रकाशित होने वाला मजाकिया लेख बताया था. चुनाव आयोग ने भी इस वायरल दावे को खारिज करते हुए नवभारत टाइम्स का यह स्पष्टीकरण एक्स पर पोस्ट किया था. इसके अलावा 2019 में भी जब यह (सभी के खातों में 15 लाख रूपये वाला) व्यंग लेख वास्तविक खबर के रूप में वायरल हुआ था, तब बूम ने नवभारत टाइम्स के डिप्टी एडिटर नवीन कृष्णन ने बात की थी. उन्होंने कहा था, "यह व्यंग लेख है, नवभारत टाइम्स में हर साल होली पर व्यंग्यात्मक खबरें प्रकाशित करने का हमारा इतिहास रहा है. हमने हर रिपोर्ट के साथ और पेज पर एंकर स्टोरी के नीचे एक डिस्क्लेमर भी दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस पेज पर मौजूद सभी लेख और विज्ञापन काल्पनिक हैं." पढ़ें पूरी रिपोर्ट