सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल जिसमें एक हिजाब पहने महिला एक प्लेकार्ड पकड़े हुए और उसपर पैग़म्बर मुहम्मद के बारे में बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी हुई हैं.
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर फ़ोटोशॉप्ड है. मूल तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है.
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वायरल तस्वीर में प्लेकार्ड पर लिखा है, "आओ ज्ञान झाडे, पैगंबर जब पहला मुसलमान था तो उसका खतना किस मौलवी ने किया, सोचने की बात है"
इस तस्वीर को कई दक्षिणपंथी फ़ेसबुक ग्रुप्स और पेजों पर शेयर किया गया है.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर एडिटेड है. मूल तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है.
हमने इमेज सर्च इंजन टिनऑई पर तस्वीर को खोजा तो शटरस्टॉक पर मूल तस्वीर मिली.
इस तस्वीर को देखने पर हम पाते हैं कि हिजाबी लड़की के हाथ में प्लेकार्ड है वो एकदम सादा है यानी कि उसपर कुछ भी नहीं लिखा.
शटरस्टॉक पर यह तस्वीर अलग-अलग कलर कॉम्बिनेशन के साथ भी मौजूद है.
इस तस्वीर का कंट्रीब्यूटर यानी योगदानकर्ता रॉपिक्सेल को बताया गया है.
हमें यह तस्वीर रॉपिक्सेल पर भी मिली.
इसके बाद हमने वायरल तस्वीर के प्लेकार्ड में लिखे शब्दों को फ़ेसबुक पर खोजा तो साल 2020 और 2021 के कई पोस्ट मिले जिसमें ऐसा ही दावा किया गया था.
ऐसे में हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि मनगढ़ंत शब्दों को मूल तस्वीर में एडिट करके अलग से जोड़ दिया गया ताकि वायरल पोस्ट वास्तविक दिखे.
माना जाता है कि ख़तना की शुरुआत पैगंबर इब्राहिम के समय हुई. वो पैग़म्बर मुहम्मद से क़रीब दो से ढाई हजार साल पहले दुनिया में आये थे. इस्लाम में इब्राहीम को ख़ास दर्जा प्राप्त है.
ख़तना मुसलमानों और यहूदियों में एक धार्मिक संस्कार होता है. लड़का पैदा होने के कुछ समय बाद उनके लिंग के आगे की चमड़ी निकाल दी जाती है.
नहीं, भारतीय मूल के ऋषि सुनक अभी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री नहीं चुने गए हैं