जयपुर में 'सर तन से जुदा' नारा लगाते युवकों का यह वीडियो पुराना है
बूम ने पाया कि यति नरसिंहानंद के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक नारे लगाते युवकों का यह वीडियो पुराना है.
राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड और नूपुर शर्मा के द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में कुछ युवक डासना मंदिर के महंत स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती की चर्चा करते हुए 'सर तन से जुदा' का नारा लगा रहे हैं. वीडियो को शेयर करते हुए इसे राजस्थान के जयपुर का बताया जा रहा है.
वायरल हो रहे करीब पौने दो मिनट के वीडियो में कुछ युवक रात के समय किसी जगह पर खड़े दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान युवकों ने एक बैनर भी लगाया हुआ है, जिसमें स्वामी यति नरसिंहानंद की तस्वीर भी मौजूद है. वीडियो में मौजूद युवक नरसिंहानंद के बारे में अपशब्द कहते हुए उनपर 'नबी की शान में गुस्ताखी करने' का आरोप लगा रहा है. इसी दौरान एक युवक यह कहते हुए भी सुनाई दे रहा है कि हम जयपुर की घाट गेट दरवाजे में बैनर लगाने आए हैं और जो भी ऐसी हरकत करेगा, उसकी यही सजा होगी. साथ ही वीडियो में 'सर तन से जुदा' नारे भी लगाए जा रहे हैं.
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वायरल वीडियो को हालिया बताकर सोशल मीडिया पर काफ़ी शेयर किया जा रहा है.
केंद्र सरकार में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी वायरल वीडियो को अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है.
एक फ़ेसबुक यूज़र ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है 'जयपुर के घाटगेट पर कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा फिर से एक बार स्वामी नरसिंगानद को सर तन से जुदा करने के खुले आम धमकी दी गई आखिर कब तक यह तालिबानी फरमान वाला कानून की यह लोग पैरवी करते रहेंगे.'
वहीं एक अन्य फ़ेसबुक यूज़र ने भी इसी तरह के कैप्शन के साथ वायरल वीडियो को शेयर किया है.
वायरल पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले संबंधित कीवर्ड की मदद से इससे जुड़ी ख़बरों को ख़ोजना शुरू किया तो हमें ऐसी कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें इसे हाल का बताया गया हो. इसी दौरान हमें 2021 में किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें वायरल वीडियो मौजूद था. ट्विटर यूजर ने भी इस वीडियो को जयपुर के घाटगेट का बताया था.
इसके बाद हमने जयपुर पुलिस के ट्विटर अकाउंट को खंगालना शुरू किया तो हमें रिप्लाई वाले सेक्शन में कई ट्वीट मिले, जो जयपुर पुलिस ने इस वीडियो को लेकर किए थे.
एक ट्विटर यूज़र ने जब इस वीडियो को पिछले दिनों हुए कन्हैयालाल हत्याकांड से जोड़कर ट्वीट किया तो जयपुर पुलिस ने जवाब देते हुए लिखा था 'सर उक्त वीडियो अप्रैल 2021 का है, कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जयपुर घाट गेट बाज़ार में खड़े होकर एक वीडियो बनाकर वायरल करने कि कोशिश की गयी है. यह वीडियो समाज में धार्मिक आधार पर द्वेष और नफ़रत पैदा करने का प्रयास है, इससे सामाजिक वमनैस्यता बढ़ती है.'
ट्वीट में जयपुर पुलिस ने इस वीडियो को फॉरवर्ड नहीं करने की अपील भी थी. जयपुर पुलिस ने वायरल वीडियो के संदर्भ में किए गए एक ट्वीट के जवाब में लिखा कि 'इस वीडियो को जो कोई भी WhatsApp, Facebook या अन्य तरीक़े से फॉरवर्ड करेगा वह भी आपराधिक कृत्य के लिए ज़िम्मेदार माना जायेगा. उसके ख़िलाफ़ भी क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी. अतः इस वीडियो को ना तो डाउनलोड करें और ना ही फॉरवर्ड करें'.
अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने घाट गेट इलाका जो रामगंज थाने के अंतर्गत आता है, वहां के एसएचओ से संपर्क किया तो उन्होंने भी वायरल वीडियो को अप्रैल 2021 का बताया. हालांकि यह साफ़ नहीं हो पाया कि पुलिस ने वायरल वीडियो के मामले में उस दौरान शिकायत दर्ज की थी या नहीं.
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