Claim
सोशल मीडिया पर एक परेशान करने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक महिला के साथ बुरी तरह मार-पीट करते नजर आ रहे हैं.
यूजर्स पीड़ित महिला को हिंदू बताते हुए दावा (आर्काइव लिंक) कर रहे हैं कि पाकिस्तान में मुस्लिम वकीलों ने इस हिंदू महिला को इसलिए मारा क्योंकि वह अदालत में घुसने की कोशिश कर रही थी. महिला अदालत का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहती थी कि कैसे पाकिस्तानी पुलिस उसकी नाबालिग बहन के अपहरणकर्ताओं और बलात्कारियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर रही है.
Fact
बूम के फैक्ट चेक में इस महिला की पहचान पाकिस्तान के शाहपुर भंगुक की निवासी अमरत शहजादी के रूप में हुई. अमरत मुस्लिम समुदाय से आती थीं. बूम इस वीडियो का फैक्ट चेक इससे पहले साल 2019 में भी कर चुका है. तब भी वीडियो में दिख रही महिला को हिंदू बताते हुए गलत दावा किया जा रहा था.
वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें इस घटना से संबंधित कई न्यूज रिपोर्ट्स मिली थीं. टाइम्स ऑफ इंडिया की 30 अक्टूबर 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना कथित तौर पर शकरगढ़ में हुई थी, जहां सुनवाई के लिए अदालत आई अमरत नाम की इस महिला के साथ मारपीट की गई. महिला का आरोप था कि वकीलों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसपर हमला किया. वहीं वकीलों का दावा था कि पहले महिला ने उनपर हमला किया था.
तब हमें इस संदर्भ में पाकिस्तान से बीबीसी उर्दू के संवाददाता का एक एक्स पोस्ट भी मिला था. इस पोस्ट में आरोपी वकील की तस्वीर के अलावा घटना से संबंधित एफआईआर की कॉपी भी मौजूद है. इस कॉपी में तीनों आरोपियों का नाम बताते हुए कहा गया कि यासिर खान, वसीम लतीफ और आसिफ सुल्तान ने मोहम्मद सुलेमान जात अंसारी की बेटी अमरत शहजादी को अदालत परिसर में घसीटा तथा उसपर और उसके चचेरे भाई अब्दुल कय्यूम पर हमला किया. हालांकि विवाद का सही कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन हमारी जांच में यह साफ है कि महिला के हिंदू होने का दावा झूठा है. घटना से संबंधित स्थानीय रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है. पूरा फैक्ट-चेक नीचे पढ़ें-