Claim
सोशल मीडिया पर एक अख़बार की कटिंग को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा कि दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा "अब यूपी-बिहार के लोगों को दिल्ली से भी भगा देना चाहिए".
Fact
बूम ने अपनी जांच में पाया कि अख़बार की कटिंग के साथ किया जा रहा वायरल दावा फ़र्ज़ी है. दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. बूम इससे पहले मार्च 2019 में इस अख़बार की कटिंग का फ़ैक्ट चेक कर चुका है जिसमें इसे फ़र्ज़ी पाया था. बूम ने जब इस सम्बन्ध में पड़ताल की तो हमें रमेश बिधूड़ी के इस बयान को लेकर कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली. वायरल कटिंग में भी न्यूज़पेपर अथवा संवाददाता का नाम नहीं है. आगे पड़ताल करते हुए हमने पाया था कि खुद सांसद रमेश बिधूड़ी ने 13 अक्टूबर 2018 को अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस दावे का खंडन करते हुए लिखा था, "सत्ता की लोलुपता में लोग कितना गिर सकते हैं, अभी मुझे जानकारी मिली कि सोशल मीडिया पर मेरे नाम से यूपी, बिहार निवासियों के लिए बयान दिया बताया जबकि ना किसी अखबार का नाम दिया गया और ना छापने वाले का. ऐसा 25 जून को भी अखबार की फ़र्ज़ी कटिंग को आप के प्रवक्ता ने चलाया था परिणाम स्वरूप सार्वजनिक तौर पर उन्हें माफ़ी माँगनी पड़ी क्योंकि तब जनसत्ता अखबार का नाम दिया था जिसे अखबार ने नकार दिया था." आगे वह कहते हैं कि "दिल्ली देश की राजधानी है यह सबकी है, हम देश जोड़ने वाले हैं तोड़ने वाले नहीं, दिल्ली यूपी बिहार के सम्मानित वासियों के साथ सवा सौ करोड़ भारतीयों की है." इसके अतिरिक्त, तत्कालीन दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी इस खबर को फ़र्ज़ी बताया था. पूरी स्टोरी नीचे पढ़ें