Claim
“आज़ादी के लिए कोड़े खाते भगत सिंह जी की तस्वीर उस समय के अख़बार में छपी थी ताकि और कोई भगत सिंह ना बने हिन्दुस्थान में ..क्या गांधी-नेहरु की ऐसी कोई तस्वीर है आपके पास? फिर कैसे उनको राष्ट्रपिता मान लूं ....”
Fact
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. वायरल तस्वीर 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड के बाद ली गयी थी. मीडिया रिपोर्ट्स में इस तस्वीर में दिख रहे शख़्स के भगत सिंह होने का कोई ज़िक्र नहीं है. बूम पहले भी वायरल तस्वीर का खंडन कर चुका है. हमनें जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर रह चुके चमन लाल की एक किताब 'भगत सिंह रीडर' को पढ़ा. इस किताब में शहीद-ए-आज़म की चार तस्वीरें संग्रहित हैं. हमने पाया कि भगत सिंह की केवल चार तस्वीरें ही मौजूद हैं.