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मंदिर तोड़ने के मुद्दे को लेकर जावेद अख़्तर के नाम से वायरल ये बयान फ़र्ज़ी है

जब बूम ने अख़्तर से बात की तो उन्होंने बताया की ऐसा कोई भी बयान उन्होंने ने कभी नहीं दिया

By - Saket Tiwari | 6 July 2019 3:58 PM GMT

We Support Narendra Modi नामक फ़ेसबुक पेज पर एक पोस्ट शेयर की गयी है जिसमें जावेद अख़्तर की फ़ोटो से साथ ये फ़र्ज़ी बयान लिखा गया है 'हंगामा क्यों है बरपा, बेजान मूर्तियां ही तो तोड़ी है | मार तो नहीं डाला लिंचिंग तो नहीं की है - जावेद अख़्तर' | आपको बता दें की यह फ़र्ज़ी दावा है एवं जावेद अख़्तर ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया |

यह वाक्या तब वायरल हो रहा है जब हाल ही में दिल्ली के हौज़ क़ाज़ी इलाक़े में एक मंदिर को ज़रा सी मुठभेड़ के चलते तोड़ दिया गया | दरअसल हौज़ क़ाज़ी में एक पार्किंग लॉट पर संजीव कुमार नामक शख़्स की आस मुहम्मद नामक शख़्स से बाइक पार्क करने को लेकर बहस हुई थी | बहस ने तुरंत सांप्रदायिक रंग ले लिया और चांदनी चौक के पास हौज़ क़ाज़ी में एक मंदिर को तोड़ दिया गया | आप पोस्ट को यहाँ और इसके आर्काइव्ड वर्शन को यहाँ देखें |

हौज़ क़ाज़ी घटना पर बूम की ख़ास रिपोर्ट नीचे पढ़ें |

How Fake News Turned A Parking Brawl At Delhi’s Hauz Qazi Into A Communal Flashpoint

फ़र्ज़ी वायरल तस्वीर

इस बयान से पहले भी कई दफ़ा बॉलीवुड के कलाकारों, लेखकों, और राजनेताओं के नाम से फ़र्ज़ी बयान वायरल हुए है जिन पर बूम ने रिपोर्ट की हैं | नीचे पढ़ें |

क्या योगी आदित्यनाथ ने कहा की पोर्न देखने से ज़्यादा बच्चे होते हैं ?

क्या निर्मला सीतारमण ने धोनी के बलिदान बैज वाले दस्तानों के हित में बयान दिया?

फ़ैक्ट चेक

बूम ने इस बात की पुष्टि करने के लिए जावेद अख़्तर से बात की तो उन्होंने कहा, "मैंने कभी इस घटना पर इस तरह का कोई बयान नहीं दिया | यह ज़ाहिर सी बात है की यह बयान मेरा नहीं है | तटस्थता तथा निष्पक्षता अक्सर लोगो को असुविधाजनक स्थिति में डाल ही देते हैं | हर एक फ़र्ज़ी बयान के साथ, जो मेरे नाम पर आते हैं, ये लोग ख़ुद साबित करते हैं की मैं कितना निष्पक्ष हूँ | यह इस बात को भी साबित करता है की मैं भी इन्ही लोगों जितना पक्षपाती हूँ |

हर एक फ़र्ज़ी बयान के साथ जो मेरे नाम पर डाले जाते हैं, ये लोग ख़ुद साबित करते हैं की मैं कितना निष्पक्ष हूँ -- जावेद अख़्तर,

इस मुद्दे पर उन्होंने आगे कहा, "कभी कभी इन बातों से मुझे खीझ होती है और कभी कभी अचंभा भी होता है | ये लोग जो मुझसे इतनी नफ़रत करते हैं और इन फ़र्ज़ी बयानों को फैलाते हैं, इन्हें कभी कोई सच्ची बात मिलती ही नहीं मुझे नीचा दिखाने के लिए | बारे में सिर्फ झूठ बोलना ही आता है |

जावेद अख़्तर ने बूम से बात करने के बाद ट्वीट करके भी इस बात को पब्लिक डोमेन में लिखा की उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है |



बूम ने गूगल सर्च भी किया परन्तु इस बयान से मिलता जुलता कोई बयान मुख्य धारा की मीडिया ने रिपोर्ट नहीं किया था |

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