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फैक्ट चेक

फ़ैक्ट चेक : क्या किसान आंदोलन की यह बुज़ुर्ग महिला शाहीन बाग़ की 'दादी' है?

बूम से बात करते हुए बिलकिस बानो ने बताया कि अभी तक उन्होंने किसान विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लिया है, लेकिन जल्द ही वो प्रदर्शन में शामिल होंगी।

By - Mohammad Salman | 28 Nov 2020 3:11 PM IST

किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाली एक बूढ़ी महिला की तस्वीर फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल हो रही है। तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह बूढ़ी महिला बिलकिस बानो (Bilkis Bano) है, जिन्हें दिल्ली में नागरिक सुरक्षा संशोधन अधिनियम (सीएए) के ख़िलाफ़ शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए 'दबंग दादी' के नाम से जाना जाता है।

बूम ने बिलकिस से बात की जिन्होंने बताया कि तस्वीर में दिख रही महिला वो नहीं है और उन्होंने अभी तक किसानों के प्रदर्शन में भाग नहीं लिया है।

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ अपना विरोध दर्ज कराने और निरस्त करने की मांग को लेकर पंजाब के किसानों द्वारा आयोजित दिल्ली चलो मार्च की पृष्ठभूमि में यह तस्वीर शेयर की जा रही है। पिछले तीन दिनों से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले दो दिन से जारी गतिरोध के बाद आख़िरकार किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है।

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वायरल तस्वीरों के दो सेट में, एक तस्वीर में बिलकिस को शाहीन बाग़ सीएए विरोधी प्रदर्शन में बैठे हुए देखा जा सकता है जबकि दूसरी तस्वीर में एक बूढ़ी महिला को सिर पर पीले रंग का दुपट्टा ओढ़े और हाथ में छड़ी लिए दिल्ली की ओर मार्च करते हुए दिखाया गया है।

गौरतलब है कि शाहीन बाग़ सीएए विरोधी प्रदर्शन में 'दबंग दादी' के नाम से मशहूर हुई बिलकिस बानो को प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया था। हाल ही में बीबीसी ने दुनिया की 100 सबसे प्रभाशाली महिलाओं की लिस्ट में उन्हें चार भारतीय महिलाओं के साथ शामिल किया है।

फ़ेसबुक पर तस्वीर शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा कि "शाहीन बाग़ में दादी, अब दादी पंजाबी किसान हैं।"

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पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें 

पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

इसी तस्वीर को बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी ट्वीट करते हुए दोनों महिला को एक बताया। हालांकि कंगना ने बाद में ट्वीट डिलीट कर दिया। उन्होंने लिखा कि "हा हा हा ये वही दादी हैं जिन्हें टाइम पत्रिका में सबसे शक्तिशाली भारतीय होने के लिए जगह दी गयी थी .... और वह 100 रुपये में उपलब्ध है ..."


कंगना रनौत के ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें 

फ़ेसबुक पर वायरल 

तस्वीर के कैप्शन के साथ फ़ेसबुक पर सर्च करने पर उसी दावे के साथ बड़ी तादाद में वायरल पोस्ट मिले।


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फ़ैक्ट चेक

वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज पर सर्च करने पर हमने पाया कि किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च में चलने वाली बुज़ुर्ग महिला सिरसा के डबवाली के साहुवाला गाँव से एक काफ़िले के साथ पैदल मार्च पर निकली हैं। हिंदी अख़बार अमर उजाला ने 27 नवंबर, 2020 को वायरल तस्वीर के साथ एक लेख प्रकाशित किया था, जिसका शीर्षक 'किसानों ने अवरोधक हटाकर दिल्ली किया कूच', लेख में कहा गया कि यह तस्वीर सिरसा में क्लिक की गई थी।


बीबीसी हिंदी ने भी 85 वर्षीय बुज़ुर्ग महिला के नेतृत्व में किसान विरोध प्रदर्शन में भाग लेने और पंजाब से दिल्ली कूच करने वाले दादियों के काफ़िले के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित की। बीबीसी रिपोर्ट में एक बुज़ुर्ग महिला को पीले रंग का दुपट्टा ओढ़े देखा जा सकता है, जैसा कि वायरल तस्वीर में बुज़ुर्ग महिला का पहनावा है।

बूम ने बिलकिस बानो के बेटे मंज़ूर अहमद से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने पुष्टि की कि उनकी माँ (बिलकिस बानो) ने अभी तक किसान प्रोटेस्ट मार्च में भाग नहीं लिया है और तस्वीर में दिख रही महिला वो नहीं है।

मंज़ूर अहमद ने हमें बताया कि उन्होंने किसानों के विरोध मार्च में जाने वाली बूढ़ी महिला की एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें कहा गया था कि बिलकिस दादी भी दिल्ली में हो रहे किसान विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगी। "पीले दुपट्टे में बुज़ुर्ग महिला वो नहीं है। मैंने फ़ेसबुक पर बुज़ुर्ग महिला की उस तस्वीर को पर पोस्ट किया था जिसमें कहा था कि बिलकिस दादी भी जल्द ही किसान विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगी, और ऐसा लगता है कि किसी ने इसे ग़लत तरीके से समझा, जिसके बाद मैंने पोस्ट डिलीट कर दिया।"

मंज़ूर अहमद ने हमें वह तस्वीर भेजी जो उन्होंने फ़ेसबुक पर पोस्ट की थी जिसमें लिखा था कि बिलकिस बानो किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगी। अहमद ने जो तस्वीर हमें भेजी उसके कैप्शन में लिखा है कि "मेरे देश की शेरनियों, मैं आपका साथ देने आ रही हूं - बिलकिस दादी"


हमने बिलकिस बानो से भी बात की, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वायरल तस्वीर में चलने वाली बूढ़ी महिला वो है। आगे बताया कि अभी तक उन्होंने किसान विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लिया है, लेकिन जल्द ही वो विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगी।

"मैं शाहीन बाग़ में घर पर बैठी हूं। मैं तस्वीर में नहीं हूं। जो किसान विरोध कर रहे हैं और जिस महिला की तस्वीर शेयर की जा रही है, वह मेरी नहीं है। मैं कल विरोध में शामिल होऊंगी," बिलकिस बानो ने बूम को बताया।

हम बिलकिस बानो के घर गए और हमने उनका इंटरव्यू किया। नीचे उनका वीडियो है जो इस बात से इनकार करता है कि तस्वीर में महिला वो नहीं है।

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हमें मेरा गांव, मेरा स्वाभिमान नाम के फ़ेसबुक पेज पर 13 अक्टूबर का एक पोस्ट मिला, जिसमें उसी बुज़ुर्ग महिला की तस्वीर कि शेयर किया गया था।

हमने पाया कि बुज़ुर्ग महिला के हाथ में जो झंडा है वो भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) का है और ऐसी तस्वीरें मिलीं जिनमें महिलाओं को एक ही तरह का पीला दुपट्टा पहने देखा जा सकता है।

हालांकि बूम स्वतंत्र रूप से बुज़ुर्ग महिला की तस्वीर के मुख्य सोर्स को सत्यापित नहीं कर सका।

बूम ने पहले भी किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़ी फ़र्ज़ी ख़बरों का खंडन किया है, जब किसानों पर वाटर कैनन से पानी की बौछार करती पुलिस की दो साल पुरानी तस्वीरें हालिया बताकर शेयर की गयी थी।

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