प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लेह दौरा - जो 3 जुलाई को हुआ था - सोशल मीडिया पर विवाद का कारण बन गया है | मोदी एक मिलिट्री हॉस्पिटल में भारत-चीन विवाद में घायल सैनिकों से मिलने गए थे | वायरल पोस्ट्स का दावा है की यह दौरा दिखावा था क्योंकि तस्वीर में दिख रहे सैनिकों में कोई घायल नहीं दिख रहा है | लोगों ने यह भी कहा की यह एक मोदी द्वारा प्रायोजित फ़ोटो ऑप था । भारतीय सेना ने एक बयान में इन दावों को ख़ारिज कर दिया है |
प्रधानमंत्री का यह दौरा भारतीय सैनिकों और चीनी आर्मी के बीच गलवान घाटी में हुई झड़प, जिसमें करीब 20 सैनिक मारे गए थे, के कुछ हफ़्तों बाद हुआ | लेह दौरे के दौरान प्रधानमंत्री भारतीय सेना, वायु सेना और इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस से मिले |
ट्विटर पर वायरल तस्वीरें मोदी को सैनिकों से हॉस्पिटल में मिलते जुलते दिखाती हैं और पीछे प्रोजेक्टर, एक स्क्रीन, फ्रेम्ड फोटोज़, और मेडिकल साधनों की कमी दिखाती हैं |
My dear Army brothers, I am ashamed that my Prime Minister made you do event management for his political intent. I respect you for your sacrifices and I understand your reason behind doing this !
— Sangram Satpathy (@sangramsatpath9) July 3, 2020
Surender Modi, you are a disgrace. Podium in a hospital?? Really?? For your lust?? pic.twitter.com/cNYix4KPKf
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युथ कांग्रेस के राष्ट्रिय कैंपेन इन-चार्ज श्रीवत्स वाय.बी ने भी सामान दावा किया और ट्वीट कर कहा की पी.एम मोदी ने कांफ्रेंस रूम को हॉस्पिटल वार्ड कहा है |
56-inch tummy is the first PM to call a conference room as a hospital ward.
— Srivatsa (@srivatsayb) July 4, 2020
Even Oscars falls short for such acting! pic.twitter.com/2uVeguZ5Bf
आर्काइव यहाँ देखें |
The army should put its foot down and tell Modi it will not be a part of his marketing gimmicks. This is the limit, turning a conference room into a ward for Photo op#MunnaBhaiMBBS pic.twitter.com/k1DKvl71ti
— Neha (@ShantiseAshanTi) July 4, 2020
आर्काइव यहाँ देखें |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया की लेह में इस मिलिट्री हॉस्पिटल ने मोदी के दौरे के लिए कोई बदलाव नहीं किया और न ही कांफ्रेंस रूम को दौरे के लिए हॉस्पिटल वार्ड में बदला | वीडिओज़ दिखाते हैं की यह रूम काफी दिनों से वार्ड में परिवर्तित है और आर्मी प्रमुख जनरल एम.एम नरवणे भी अपनी दो दिन की ट्रिप पर सैनिकों से मिले थे | यह 23 जून को हुई थी |
हमनें पूर्व मिलिट्री नर्सिंग ऑफ़िसर से बात की जो लेह में इस हॉस्पिटल में काम कर चुके हैं | उन्होंने समझाया की यह तस्वीरें एक कमरे से है जो कांफ्रेंस रूम तो है पर उसे आपातकाल में वार्ड बना दिया जाता है | वायरल पोस्ट्स में किये गए कुछ दावों को हमनें नीचे जांचा है |
क्या एक कांफ्रेंस रूम नरेंद्र मोदी के दौरे की वजह से हॉस्पिटल वार्ड में तब्दील किया गया?
हमनें पाया की यह कांफ्रेंस रूम मोदी के दौरे से पहले ही वार्ड में बदल दिया गया था | नीचे आधिकारिक ट्वीट देखा जा सकता है जो आर्मी प्रमुख एम.एम नरवणे के दौरे की तस्वीरें दिखाता है | यह ट्वीट 23 जून का है |
General MM Naravane #COAS interacting with our gallant soldiers at Military Hospital, Leh during his two day visit to Eastern #Ladakh. pic.twitter.com/pG22J7kIs4
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) June 23, 2020
तस्वीरों की तुलना दिखाती है की नरेंद्र मोदी और नरवणे के दौरों में परदे सामान हैं, फ्रेम और दीवाल पर दिख रही चीजे भी सामान है | इससे यह पुष्टि होती है की कमरा मोदी के दौरे के पहले ही मरीज़ों के वार्ड में तब्दील हो चूका था |
नीचे नरेंद्र मोदी द्वारा सैनिकों से बातचीत देखी जा सकती है |
हमने एक सीनियर एक्स-सर्विस वुमन से भी बात की जो मिलिट्री नर्सिंग सर्विस का हिस्सा रह चुकी है और जिन्होंने लेह जेनेरल हॉस्पिटल में काम किया है । उन्होंने कहा की आपातकाल के दौरान हॉस्पिटल का कोई भी हिस्सा मरीज़ों के लिए वार्ड में तब्दील किया जा सकता है | "तस्वीरों में दिख रहा रूम एक कांफ्रेंस रूम या ट्रेनिंग रूम है जिसमें विसुअल उपकरण दिख रहे हैं पर इसे मरीज़ों के लिए वार्ड में बदला गया है | यह एक मानक प्रक्रिया है और एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के दौरे से असंबंधित है," उन्होंने कहा और बताया की यह हिस्सा जनरल हॉस्पिटल का हिस्सा है | उन्होंने यह भी साफ़ किया की, "मेडिकल उपकरण की कमी इसलिए होगी क्योंकि उन्होंने उपकरण के लिए अलग नर्सिंग स्टेशन बनाया होगा |"
क्या सैनिक घायल होने का दिखावा कर रहे हैं?
पूर्व मिलिट्री रेसर्विसट एवं वकील, नवदीप सिंह ने साफ़ किया की सैनिक स्वस्थ हो रहे है और कोई बड़ी इंजरी का सामना नहीं कर रहे हैं |
Those soldiers are not there for major physical injuries but for recuperation cum debriefing, a standard process. They have to be kept away from other patients hence a temporary ward might've been created in the hospital seminar room or other large area.https://t.co/zXvNtU7HwS pic.twitter.com/gj7h2j6GlQ
— Navdeep Singh (@SinghNavdeep) July 4, 2020
निराधार आरोप: भारतीय सेना
पोस्ट्स के वायरल होने पर आर्मी ने स्पस्टीकरण दिया और एक बयान जारी किया जिसका हिंदी अनुवाद नीचे पढ़ें |
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 03 जुलाई, 2020 को लेह के जिस जनरल अस्पताल में घायल सैनिकों को देखने गए थे वहां उपलब्ध सुविधाओं की स्थिति के बारे में कुछ वर्गो द्वारा दुर्भावनापूर्ण और निराधार आरोप लगाए गए हैं।
सेना की ओर से इस पर दिए गए स्पष्टीकरण में कहा गया है कि बहादुर सैनिकों के उपचार की व्यवस्था को लेकर आशंकाएं व्यक्त किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सशस्त्र बलों द्वारा अपने सैनिकों के उपचार के लिए हर संभव बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। स्पष्टीकरण में आगे कहा गया है कि जनरल अस्पताल में दी जा रही सेवाएं आपात स्थितियों में 100 बिस्तरों की विस्तार क्षमता का हिस्सा हैं और पूरी तरह से अस्पातल के सामान्य परिसर में ही है। सेना ने कहा है कि कोविड प्रोटोकोल के तहत जनरल अस्पताल के कुछ वार्डों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित करना पड़ा है। अस्पताल को कोविड समर्पित अस्पताल बनाए जाने के बाद से यहां आमतौर पर एक प्रशिक्षण ऑडियो वीडियो हॉल के रूप में उपयोग किए जाने वाले स्थान को वार्ड में परिवर्तित कर दिया गया है।
कोविड प्रभावित क्षेत्रों से आने के बाद क्ववारंटीन में रखे जाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए गलवान से लौटने के बाद से घायल बहादुर सैनिकों को इस हॉल में रखा गया है। थल सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे और सेना के कमांडर भी घायल सैनिकों से मिलने इसी हॉल में गए थे।