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फ़र्ज़ी: येद्युरप्पा-लिंगायत गुरु के विवाद को सीएए से जोड़ा जा रहा है

बूम ने पाया कि कैप्शन भ्रामक है क्योंकि लिंगायत गुरु की टिप्पणी नागरिकता संशोधन अधिनियम से संबंधित नहीं थी।

By - Krutika Kale | 24 Jan 2020 6:14 PM IST

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येद्युरप्पा का एक वीडियो ग़लत दावे के साथ वायरल हो रहा है। वीडियो में येद्युरप्पा को मंच पर वीरशैव लिंगायत पंचमसाली गुरु स्वामी वचानन्द के साथ दिखाया गया है। वीडियो में गुरु समुदाय के नेताओं के लिए कैबिनेट पदों पर जोर दे रहे हैं। जबकि वीडियो को ग़लत तरीके से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) से जोड़ा जा रहा है।

47 सेकंड की क्लिप में स्वामी वचानन्द कन्नड़ में कुछ कहते हैं, जिसके बाद येद्युरप्पा भड़क जाते हैं। इस वीडियो को भ्रामक कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है।

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इस क्लिप को हिंदी में एक कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है जिसमें लिखा है 'गुरु जी द्वारा सीएए का विरोध करने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री नाराज हो गए।'

कैप्शन के दूसरे भाग में दावा किया गया है कि मुख्यधारा की मीडिया ने क्लिप नहीं दिखाया है।

हिंदी में कैप्शन - "कर्नाटक BJP के C.M के मंच से ही जब गुरु जी ने CAA का विरोध किया तो CM साहब भड़क उठे😜 ऐसी बे इज्जती आपने कभी नही देखी होगी दलाल मीडिया के चाटूकार पत्रकारो ने एक बार भी नही चलाया करो तो ज़रा फेमस गुरू जी को😂😂"

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ट्वीट के अर्काइव के लिए यहां क्लिक करें।

हमें कई सोशल मीडिया अकाउंट देखें जिन्होंने यह वीडियो, समान टेक्स्ट के साथ शेयर किया है।

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कई ट्विटर यूज़र्स ने ऊपर दिए गए ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि यह क्लिप असंबंधित है।

न्यूज मिनट ने बताया कि यह घटना जनवरी में देवनगेरे जिले के हरिहर में पंचमाली समाज गुरुपीठ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हुई थी।

पंचमसाली कर्नाटक में एक छोटा लेकिन राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिंगायतों का एक उप-संप्रदाय है। वीडियो में गुरु कहते है, "मुख्यमंत्री, आप एक अच्छे इंसान हैं। मुरुगेश निरानी आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, अगर आप इस बार उनका हाथ छोड़ते हैं, तो पूरा समुदाय आपके हाथ से निकल जाएगा।" मुरुगेश रुद्रप्पा निरानी बिलागी, बागलकोट से विधायक हैं। वह येद्युरप्पा के करीबी विश्वासपात्र हैं और लिंगायत समुदाय से भी हैं।

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मुख्यमंत्री जवाब में उनसे कहते हैं, "आप मुझे धमकी नहीं दे सकते।" जिस पर स्वामी कहते हैं, "मैं धमकी नहीं दे रहा हूं। मैं सच कह रहा हूं और अपना अधिकार मांग रहा हूं।"

वास्तव में, हमें इस विशेष घटना के बारे में रिपोर्टिंग करते हुए कई लेख मिले। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में पूरी घटना के बारे में विस्तार से बताया है।

इसके अलावा, जब येदियुरप्पा ने रैली को संबोधित किया, तो उन्होंने इस्तीफे की पेशकश भी की। ऊपर दिए गए एनडीटीवी लेख ने यह भी बताया, येदियुरप्पा ने कहा, "मैं गुरु से अनुरोध करता हूं, कृपया मेरी स्थिति को समझें। 17 विधायकों ने विधायकों और मंत्रियों के रूप में इस्तीफ़ा दे दिया। येद्युरप्पा उनके लिए नहीं हैं तो मुख्यमंत्री नहीं होंगे। यह उनके बलिदान और आशीर्वाद और आपके सभी प्रयासों के कारण है, जो मैं राज्य का सीएम बना हूं। गुरु को सुझाव देने दीजिए, मैं व्यक्तिगत रूप से चर्चा करूंगा। अगर आपको जरूरत नहीं है, तो मैं कल इस्तीफ़ा देने को तैयार हूं। मैं अपनी कुर्सी से चिपका नहीं हूं।"

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नीचे न्यूज मिनट का एक अंश है, जिसमें वीडियो के बारे में बताया गया है।

घटना के दौरान, स्वामी वचानंद, जो पीठ के गुरु हैं, उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि बीएस येद्युरप्पा अगले कैबिनेट विस्तार में संप्रदाय के कम से कम तीन विधायकों को समायोजित करने में विफल रहते है तो समुदाय उनके ख़िलाफ जाएगा। जब गुरु ने यह बयान दिया तब मुख्यमंत्री इस आयोजन में मौजूद थे।

मंच पर मौजूद बागलकोट के बिलगी से विधायक मुरुगेश निरानी का उल्लेख करते हुए गुरु ने कहा कि, उन्हें "अच्छी कैबिनेट" सीट मिलनी चाहिए। उनकी तरफदारी करते हुए गुरु ने कहा कि निरानी एक चट्टान और संप्रदाय की तरह येद्युरप्पा के पीछे खड़े थे, और अगर मुख्यमंत्री उन्हें समायोजित करने में विफल रहे तो पूरी पंचमाली अब उनका समर्थन नहीं करेगी। "



 


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