दो साल पुराना सतना मध्य प्रदेश से एक वीडियो फ़ेसबुक पर वायरल हो रहा है | इसमें लोग एक 'झूठी' अर्थी लेकर मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान के विरोध में ज़ोर ज़ोर से नारे लगा रहे हैं | यह वीडियो हाल का नहीं है |
बूम ने पाया कि 2018 में कथित तौर पर आशा कार्यकर्ताओं ने शिवराज सिंह चौहान के ख़िलाफ़ रैली निकाली थी जहाँ, "मामा नहीं कसाई है, कंस का जुड़वा भाई है" नारे लगाए थे | आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को 'मामा' भी बुलाया जाता है |
कुछ ही दिनों में मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने वाले हैं | यह चुनाव 3 नवंबर, 2020, को होने वाले हैं जिनके परिणाम 10 नवंबर को घोषित होंगे | इसके चलते प्रदेश में राजनीती गरमाई है | दो बड़े राजनैतिक दल एक दूसरे पर तंज कस रहे हैं | कई बार रैलियों के दौरान मंचों पर कटाक्ष भरी बातें हुई | यहां और यहां पढ़ें |
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए फ़र्ज़ी वीडियो किया ट्वीट
इसी बीच यह पुराना वीडियो वायरल हो रहा है | नीचे देखें और इसका आर्काइव्ड वर्शन यहां देखें |
चाबुक से मार खाते व्यक्ति की तस्वीर भगत सिंह बताकर वायरल
नहीं, बिल गेट्स ने भारतवासियों के लिए यह नहीं बोला है
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल हो रहे कैप्शन के साथ कीवर्ड्स सर्च की | हमें 2018 से कुछ वेब सर्च रिजल्ट्स मिले जिसमें यूट्यूब वीडिओज़ और फ़ेसबुक पोस्ट्स थीं |
इनमें से एक वीडियो एम.पी तक यूट्यूब चैनल का था | वायरल वीडियो इसी चैनल का वीडियो है | यहां तक की टिकर और लोगो भी वायरल वीडियो में एम.पी तक चैनल के हैं |
एम.पी तक के वीडियो के अनुसार वीडियो में आशा कार्यकर्ताएं हैं जो शिवराज सिंह के ख़िलाफ़ रैली निकाल रही हैं |
इस वीडियो रिपोर्ट में अंत में बताया गया है कि रैली सतना, मध्य प्रदेश में हुई थी | बूम ने इसके बाद आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बारे में न्यूज़ रिपोर्ट्स खोजी और पाया कि राज्य में आशा वर्कर्स 2 अक्टूबर, 2018 को प्रदर्शन कर रही थीं | वे नियमित आय और यात्रा भत्ता के साथ कई अन्य मांगों को लेकर सड़क पर उतरी थीं |
चाबुक से मार खाते व्यक्ति की तस्वीर भगत सिंह बताकर वायरल
यह ध्यान देने लायक बात है कि शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में 2013-18 के बीच मुख्य मंत्री थे | दिसंबर 2018 में बीजेपी विधानसभा चुनाव हार गयी जिसके बाद पार्टी सत्ता से बाहर हो गयी | सत्ता 17 दिसंबर 2018 को कांग्रेस के उम्मीदवार कमलनाथ के हाथों में गयी थी परन्तु कुछ ही दिनों में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफ़े के बाद सरकार गिर गयी और सत्ता 23 मार्च 2020 को फिर चौहान के पास चली गयी | चौहान तब से मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री हैं |