मध्य प्रदेश कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए फ़र्ज़ी वीडियो किया ट्वीट
बूम ने पाया कि यह पुलिस शूटिंग का वीडियो दरअसल झारखण्ड पुलिस की 2017 में आयोजित एक मॉक ड्रिल है ।
करीब तीन साल पुराना पुलिस द्वारा झारखण्ड में की गयी एक मॉकड्रिल का वीडियो मध्य प्रदेश कांग्रेस ने मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषणों के साथ जोड़कर ट्वीट किया | कांग्रेस ने इस ट्वीट से मुख्य मंत्री पर निशाना साधते हुए फ़र्ज़ी दावा किया कि पुलिस किसानों पर गोलियां बरसा रही है |
साथ ही फ़र्ज़ी दावे में शिवराज सिंह चौहान की सरकार को निशाना बनाते हुए कहा गया कि यह चौहान के मुख्य मंत्री होने से मध्य प्रदेश के हाल हैं | आपको बता दें कि यह वीडियो एक मॉक ड्रिल का है जो झारखण्ड पुलिस ने नवंबर 2017 में आयोजित की थी | यह ट्रेनिंग का एक हिस्सा थी | इसका वास्तविक किसी घटना से सम्बन्ध नहीं है |
दरअसल मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने एक वीडियो ट्वीट किया | यह वीडियो दरअसल पिछले 15 सालों में सरकार की कमियां उजागर करते कई न्यूज़ लेखों, शिवराज सिंह चौहान के भाषणों और इस मॉक ड्रिल के वीडियो को जोड़कर बनाया गया है | यह वीडियो तब वायरल है जब मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव होने वाले है | इसके परिणाम 3 नवंबर, 2020 को आएँगे |
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वॉइस ओवर में जैसे-जैसे वीडियो आगे बढ़ रहा है, शिवराज सिंह चौहान सरकार की आलोचना करते एक व्यक्ति को सुना जा सकता है | जैसे ही मॉक ड्रिल की यह वीडियो क्लिप शुरू होती है, वॉइस ओवर में बताया जाता है कि, "आपके रहते जब निहत्थे और गरीब धरतीपुत्र किसानों को सरेबाज़ार पुलिस ने गोली से ख़त्म कर दिया...... तब आपकी संवेदना क्या सोई पड़ी थी?"
वीडियो के साथ कैप्शन में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने लिखा: "शिवराज के 15 साल, मध्यप्रदेश हुआ बदहाल; झूठ, घोषणा, अभिनय, भ्रष्टाचार और किसानों की मौत का पर्याय बन चुके शिवराज और उनके बदलते नक़ाबों की पीछे छिपी सत्ता हवस अब जनता देख चुकी है। शिवराज जी, अब आप जितना झूठ फैलाओगे, मतदाताओं की नज़र से उतना ही गिरते जाओगे।"
नीचे ट्वीट का स्क्रीनशॉट देखें | ट्वीट यहां देखें और इसका आर्काइव्ड वर्शन यहां देखें |
यही दावे के साथ वीडियो कांग्रेस के मध्य प्रदेश शाखा ने फ़ेसबुक पर भी पोस्ट किया है | पोस्ट यहां देखें और आर्काइव यहां |
यही वीडियो कई और पेजों ने साझा किया है |
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने जब पड़ताल की तो पाया कि यह वीडियो पिछले दो सालों में तरह तरह के फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल हुआ है | कभी मंगलौर में पुलिस की गोलीबारी तो कभी मध्य प्रदेश में पुलिस द्वारा इरादतन गोलीबारी |
हालांकि इस वीडियो का सच यह है कि यह एक मॉक ड्रिल है | यह ड्रिल झारखण्ड की खूंटी पुलिस द्वारा मुस्तैदी का परिक्षण करने के लिए नवंबर 2017 में की गयी थी | हमें यह वीडियो मिला जिसमें मॉक ड्रिल का लम्बा वर्शन है |
इस वीडियो में हमें आखरी भाग में सुनने को मिलता है की एक ऐलान किया जा रहा है | इस ऐलान में कहा गया है: "यह केवल एक डेमो था जिसमें खूंटी पुलिस ने सक्रियता दिखाई इसी तरह किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए हमारी पुलिस हमेशा तत्पर है, तैयार है |"
इसके अलावा 4 नवंबर 2017 को अपलोड किया गया एक और वीडियो मिला जिसमें यही वीडियो के स्निपशॉट थे और हैडिंग थी: "Jharkhand police KHUNTI (part of traning) REHEARSAL"
यह वीडियो मॉक यानी दिखावटी प्रदर्शनकारियों की तरफ से फिल्माया गया है | लोग वीडियो बना रहे हैं और वही ऐलान किया जा रहा है जो ऊपर दिए गए वीडियो में है |
इस वीडियो को बूम इंग्लिश ने पहले भी ख़ारिज किया है |