सोशल मीडिया पर पिछले दिनों हैदराबाद का एक वीडियो ग़लत दावे के साथ ख़ूब शेयर किया गया है। दो समूहों के बीच हाथापाई का यह वायरल वीडियो हैदराबाद के लाल दरवाज़ा इलाक़े का है, जिसमें दावा किया गया है कि मुसलमानों ने हिन्दुओं को गणेश प्रतिमा को स्थापित करने से रोका, जिसके बाद हिन्दुओं ने उनकी पिटाई कर दी।
बूम ने हैदराबाद के मुगलपुरा पुलिस, जिसके अंतर्गत लाल दरवाज़ा क्षेत्र आता है - से बात की तो उन्होंने इस घटना में साम्प्रदायिक कोण को ख़ारिज करते हुए हमें बताया कि प्रतिमा स्थापना को लेकर एक परिवार के रिश्तेदारों के बीच झड़प हुई थी और वो सभी हिंदू धर्म के मानने वाले थे।
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वायरल वीडियो में कई लोगों को गणेश प्रतिमा के आसपास भीड़ लगाते देखा जा सकता है। अचानक से मारपीट शुरू हो जाती है और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी लोगों को एकदूसरे से अलग करने की कोशिश में लग जाते हैं | वीडियो के समाप्त होने तक हाथापाई रुक जाती है।
नीचे वायरल पोस्ट में वीडियो के साथ एक हिंदी कैप्शन है जिसमे कहा गया है 'हैदराबाद में गणेश जी की मूर्ति लगाने पर मुसलमानो ने हिन्दुओ के साथ मारपीट किया | मजहब ही सिखाता है हिन्दुओ से बैर रखना' |
हैदराबाद में गणेश जी की मूर्ति लगाने पर मुसलमानो ने हिन्दुओ🚩 के साथ मारपीट किया.😠😠👇
— कपिल वर्मा (@kapilverma73) August 23, 2020
मजहब ही सिखाता है हिन्दुओ🚩 से बैर रखना..🤔@Rajput_Ramesh pic.twitter.com/S0FPf3j5r3
इसी वीडियो को फ़ेसबुक पर भी काफ़ी शेयर किया गया है।
नीचे दिए गए पोस्ट के साथ हिंदी कैप्शन कहता है 'हैदराबाद कुछ युवक गणेश प्रतिमा की स्थापना का विरोध कर रहे थे, मौके पर ही पेल दिए गए हिन्दू मरा नही था, बस सोया था,अब जाग रहा है' ।
यही वीडियो कई फ़ेसबुक पेजों से वायरल है।
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने अंग्रेज़ी के शब्द hyderabad, ganesha, idol और fight से कीवर्ड सर्च किया तो हमें दी न्यूज़ मिनट द्वारा किया गया एक आर्टिकल मिला जिसमे इस घटना को हैदराबाद के मुगलपुरा क्षेत्र से बताया गया था।
घटना पर और जानकारी पाने के लिए हमने मुगलपुरा पुलिस स्टेशन को कॉल किया। स्टेशन हाउस अफ़सर, मुगलपुरा ने हमें बताया कि इस पुरे मामले में कोई भी सांप्रदायिक कोण नहीं था।
"घटना दो दिन पहले की है जब मुगलपुरा के लाल दरवाज़ा क्षेत्र में कुछ लोग आपस में भिड़ गए थे। दोनों पक्षों के सभी लोग हिन्दू हैं और रिश्तेदार हैं | मामला गणेश प्रतिमा की स्थापना को लेकर उठा था," एस.एच.ओ ने हमें बताया।
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एस.एच.ओ ने बूम को ये भी बताया कि प्रतिमा को ले आते वक्त उसके हाथ खंडित हो गए थे।
हमने मुगलपुरा पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर संदीप रेड्डी से भी बात की जिन्होंने हमें वो ही बातें बताई जो एस.एच.ओ ने पहले बताई थी। रेड्डी ने ये भी बताया कि घटना अगस्त 22 को घटित हुई थी।
"मारपीट में लिप्त दोनों पक्ष हिन्दू थे और कोई भी सांप्रदायिक कोण नहीं है इसमें। मामले का निपटारा शांतिपूर्ण ढंग से पुलिस स्टेशन के बाहर ही हो गया था तो कोई केस भी नहीं दर्ज हुआ," रेड्डी ने बूम को बताया।