HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

सुप्रीम कोर्ट के लोगो पर 'सत्यमेव जयते' कभी नहीं लिखा गया था

बूम ने पाया की सुप्रीम कोर्ट के लोगो पर हमेशा से ही संस्कृत वाक्य "|| यतो धर्मस्ततो जयः ||" लिखा हुआ है

By - Dilip Unnikrishnan | 26 Aug 2020 4:46 PM IST

सोशल मीडिया पर वायरल दावा की सुप्रीम कोर्ट ने अपना मोटो 'सत्यमेव जयते' से बदल कर 'यतो धर्मस्ततो जयः' कर दिया है, फ़र्ज़ी है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का मोटो हमेशा से ही 'यतो धर्मस्ततो जयः' (जहां धर्म है, वहां जीत है) रहा है इसमें कभी कोई बदलाव नहीं किया गया है |

बूम ने पाया कि सुप्रीम कोर्ट के लोगो में राष्ट्रिय प्रतीक के नीचे हमेशा ही 'यतो धर्मस्ततो जयः' रहा है |

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार इस वाक्य की व्याख्या, "मैं केवल सच को कायम रखूँगा," है |

नहीं, मुग़ल गार्डन्स का नाम बदल कर डॉ राजेंद्र प्रसाद गार्डन नहीं किया गया है

वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपाई ने राष्ट्रिय प्रतीक की तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा: सुप्रीम कोर्ट का चिन्ह बदल गया....'सत्यमेव जयते' की जगह..।।यतो धर्मस्ततो जय:

बाजपाई ने ट्वीट बाद में डिलीट कर दिया जब उन्हें नेटिज़ेंस ने बताया कि मोटो हमेशा से एक ही है |

यह फ़र्ज़ी दावा ट्विटर और फ़ेसबुक पर कई बार शेयर किया गया है | नीचे कुछ पोस्ट्स देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |



Full View

बूम की टिपलाइन (770906111) पर भी हमें यह मैसेज प्राप्त हुआ है |


पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने कोविड-19 पॉज़िटिव होने की ख़बर को ख़ारिज किया

फ़ैक्ट चेक

बूम ने सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट में ''इतिहास'' सेक्शन में एक लेख पाया जिसमें कोर्ट के इतिहास के बारे में व्याख्या थी | इसमें एक सेक्शन था जो 'सुप्रीम कोर्ट के धर्म चक्र लोगो' के टाइटल के साथ पाया जा सकता है | इस सेक्शन में सर्वोच्च न्यायलय ने लोगो के बारे में विस्तार से बताया गया है |

यह लेख कहता है की लोगो सम्राट अशोक की 'सिंहचतुर्मुख' से लिया गया है जो सारनाथ में है | इस लोगो में एशियाटिक शेरों या सारनाथ शेरों के ऊपर अशोक चक्र है और लिखा है: "यतो धर्मस्ततो जय:" |


बूम ने सुप्रीम कोर्ट की पुरानी वेबसाइट भी आर्काइव से निकाली | इसके बाद हम सुप्रीम कोर्ट म्यूजियम सेक्शन में गए | सबसे पुरानी आर्काइव 6 फ़रवरी 2006 की है | तब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस वी.एन खरे ने म्यूजियम को एक लेटर लिखा था जिसमें सुप्रीम कोर्ट का मोटो देखा जा सकता है |


हमें सुप्रीम कोर्ट के एम्ब्लेम की फ़ोटो 2019 में गेट्टी इमेजेज़ द्वारा पोस्ट की हुई भी मिली जिसे हिंदुस्तान टाइम्स के फ़ोटोग्राफ़र ने ली है । इसमें भी '|| यतो धर्मस्तो जयः ||' लिखा है ।


प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के पीआईबी फ़ैक्ट चेक ने भी इस वायरल दावे को ख़ारिज किया था।


Tags:

Related Stories