सोशल मीडिया पर वायरल दावा की सुप्रीम कोर्ट ने अपना मोटो 'सत्यमेव जयते' से बदल कर 'यतो धर्मस्ततो जयः' कर दिया है, फ़र्ज़ी है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का मोटो हमेशा से ही 'यतो धर्मस्ततो जयः' (जहां धर्म है, वहां जीत है) रहा है इसमें कभी कोई बदलाव नहीं किया गया है |
बूम ने पाया कि सुप्रीम कोर्ट के लोगो में राष्ट्रिय प्रतीक के नीचे हमेशा ही 'यतो धर्मस्ततो जयः' रहा है |
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार इस वाक्य की व्याख्या, "मैं केवल सच को कायम रखूँगा," है |
नहीं, मुग़ल गार्डन्स का नाम बदल कर डॉ राजेंद्र प्रसाद गार्डन नहीं किया गया है
वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपाई ने राष्ट्रिय प्रतीक की तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा: सुप्रीम कोर्ट का चिन्ह बदल गया....'सत्यमेव जयते' की जगह..।।यतो धर्मस्ततो जय: ।
बाजपाई ने ट्वीट बाद में डिलीट कर दिया जब उन्हें नेटिज़ेंस ने बताया कि मोटो हमेशा से एक ही है |
यह फ़र्ज़ी दावा ट्विटर और फ़ेसबुक पर कई बार शेयर किया गया है | नीचे कुछ पोस्ट्स देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |
सत्यमेव जयते' की जगह
— बहुजन शेर सुनिल अस्तेय 'सत्यमेव जयते' 🇮🇳 (@SunilAstay) August 21, 2020
।। यतो धर्मस्ततो जय: ।।
हो गया है। ये देश कहाँ जा रहा है???
सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को एक लिस्ट जारी किया है, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के लिए 6 जजों के नामों की सूची जारी की गई है। लेकिन यहां बड़ी खबर यह है कि अशोक स्तंभ के नीचे लिखा शब्द बदल गया है। pic.twitter.com/1MKAcx311m
सुप्रीम कोर्ट का लोगो।
— Annu Bauddh (@AnnuBauddh37) August 21, 2020
सत्यमेव जयते
की जगह।
यतो धर्मस्ततो जय:
हिंदू राष्ट्र बनाने की पहल!
अभी न जागे। तो कब जागोगे? शर्म आनी चाहिए उन बहुजन नेताओं को जो लोकसभा राज्यसभा और विधानसभाओ में चुपचाप बैठे हैं। आवाज बुलन्द करो !💪 pic.twitter.com/Itej40yYgL
बूम की टिपलाइन (770906111) पर भी हमें यह मैसेज प्राप्त हुआ है |
पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने कोविड-19 पॉज़िटिव होने की ख़बर को ख़ारिज किया
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट में ''इतिहास'' सेक्शन में एक लेख पाया जिसमें कोर्ट के इतिहास के बारे में व्याख्या थी | इसमें एक सेक्शन था जो 'सुप्रीम कोर्ट के धर्म चक्र लोगो' के टाइटल के साथ पाया जा सकता है | इस सेक्शन में सर्वोच्च न्यायलय ने लोगो के बारे में विस्तार से बताया गया है |
यह लेख कहता है की लोगो सम्राट अशोक की 'सिंहचतुर्मुख' से लिया गया है जो सारनाथ में है | इस लोगो में एशियाटिक शेरों या सारनाथ शेरों के ऊपर अशोक चक्र है और लिखा है: "यतो धर्मस्ततो जय:" |
बूम ने सुप्रीम कोर्ट की पुरानी वेबसाइट भी आर्काइव से निकाली | इसके बाद हम सुप्रीम कोर्ट म्यूजियम सेक्शन में गए | सबसे पुरानी आर्काइव 6 फ़रवरी 2006 की है | तब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस वी.एन खरे ने म्यूजियम को एक लेटर लिखा था जिसमें सुप्रीम कोर्ट का मोटो देखा जा सकता है |
हमें सुप्रीम कोर्ट के एम्ब्लेम की फ़ोटो 2019 में गेट्टी इमेजेज़ द्वारा पोस्ट की हुई भी मिली जिसे हिंदुस्तान टाइम्स के फ़ोटोग्राफ़र ने ली है । इसमें भी '|| यतो धर्मस्तो जयः ||' लिखा है ।
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के पीआईबी फ़ैक्ट चेक ने भी इस वायरल दावे को ख़ारिज किया था।
दावा: वायरल ट्वीट में दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का चिन्ह 'सत्यमेव जयते' की जगह बदलकर 'यतो धर्मस्ततो जय:' कर दिया गया है.#PIBfactcheck:- यह दावा फर्जी है, सुप्रीम कोर्ट का चिह्न नहीं बदला है। सुप्रीम कोर्ट का ध्येयवाक्य हमेशा ही 'यतो धर्मस्ततो जय:' रहा है. pic.twitter.com/yMc9pEMN1U
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 21, 2020