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फैक्ट चेक

क्या देश भर में अख़बार जला कर मीडिया का बॉयकॉट किया जा रहा है?

हिंदी अख़बार दैनिक जागरण ने अप्रैल 24 को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर गलत लेख के साथ छाप दी थी | कार्यकर्ताओं ने विरोध में जागरण की प्रतियाँ जलाई

By - Shraddha Tiwari | 26 April 2020 8:03 AM GMT

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर ज़ोरों से वायरल हो रही है | तस्वीर में कतार में रखे अखबारों के एक खेप को जलाया जा रहा है | इसके साथ लिखा हुआ कैप्शन कहता है: इतना जहर घोला है मीडिया ने हवाओ में..अब तो अखबार भी जलाए जा रहे है खुलेआम फिजाओं में..| वायरल पोस्ट के द्वारा ये जताने की कोशिश की गयी है की पब्लिक अब मीडिया का खुलकर बहिष्कार कर रही है |

बूम ने अपनी पड़ताल में पाया की ये तस्वीर/तस्वीरें दरअसल समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रमुख हिंदी अख़बार दैनिक जागरण के ख़िलाफ़ निकाली गई मुहीम से थी | 

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वायरल पोस्ट्स आप नीचे देखे सकते हैं तथा इनके आर्काइव्ड वर्ज़न यहां और यहां देखें जा सकते हैं |


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ऐसी कई तस्वीरें फ़ेसबुक पर इसी कैप्शन के साथ काफ़ी वायरल हैं |



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फ़ैक्ट चेक

तस्वीर को गौर से देखने पर हमने पाया की जलाये जा रहें सारे अख़बार दैनिक जागरण हैं | एक तस्वीर में बूम ने देखा की अख़बार जला रहे व्यक्ति ने लाल रंग की टोपी पहन रखी है जो अक्सर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पहना करते हैं | बूम ने इसके बाद 'समाजवादी पार्टी' और 'दैनिक जागरण' कीवर्ड्स के साथ इंटरनेट सर्च किया तो हमें पूरी बात पता चली |

दैनिक जागरण के गोरखपुर संस्करण में अप्रैल 24 को एक रिपोर्ट छपी थी जिसके मुताबिक लॉकडाउन हटने के बाद शराब सस्ते दामों पर बिकने का अंदेशा जताया गया था | इसी लेख के साथ जागरण ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर भी प्रकाशित की थी | इसके बारे में और जानकारी यहां प्राप्त करें | 


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रिपोर्ट के साथ छपे अखिलेश यादव की तस्वीर से ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे ये बयान यदाव ने दिया हो | इससे कई लोगों को, खासकर पार्टी कार्यकर्ताओं को, आपत्ति हुई | इसके बाद सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अख़बार द्वारा माफ़ी ना मांगने पर बहिष्कार किये जाने की बात कही गयी | इस ट्वीट को नीचे देखें |


आधिकारिक ट्वीट से पहले ही दैनिक जागरण का बहिष्कार सपा नेताओं द्वारा होने लगा था और "#Boycott_DainikJagran" जैसे हैशटेग पर कई पोस्ट किये जाने लगे जिनमें सपा नेता पार्टी की लाल टोपी लगाए अख़बार की प्रतिया जलाते हुए दिखें | सपा के प्रमुख नेताओं ने भी ट्वीट कर अख़बार का बहिष्कार करने को कहा |



हालांकि बाद में (अप्रैल 25, रात्रि 8 .16 मिनट) जागरण ने साफ़ किया की यादव की तस्वीर गलती से दूसरे रिपोर्ट के साथ चली गयी थी | डेस्क द्वारा हुई इस गलती पर जागरण ने खेद प्रकट किया | रिपोर्ट यहां पढ़ें |



ये पोस्ट ऐसे समय पर वायरल हो रहा है जब की भारतीय मीडिया को उसके निष्पक्ष होने को लेकर काफ़ी सवालों का सामना कर पड़ रहा है | हालांकि दैनिक जागरण द्वारा छापी गई खबर एक गलती थी जिसके लिए अख़बार ने खेद भी व्यक्त किया है |



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