सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट ने उत्तर प्रदेश के लाखों स्टूडेंट्स की परेशानी बढ़ा दी है। वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार के बजट में कमी के चलते छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी। सोशल मीडिया में यह दावा एबीपी न्यूज़ चैनल के एक स्क्रीनशॉट को शेयर करके किया जा रहा है।
वायरल पोस्ट में कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मंदिरों में करोड़ों रुपये ख़र्च कर देती है लेकिन पिछड़े छात्रों को स्कॉलरशिप देने से हाथ खड़ा कर रही है।
फ़ेसबुक में वायरल स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा कि "अभी तो बेरोजगार युवाआ साथी बहुत सारी डिग्री लेकर भटक रहे हैं नौकरी के लिए और अब बाबा ये बोल रहे हैं की इस साल छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी बजट की कमी है। अब ऐ सरकार गरीब असहाय लाचार छात्रों को शिक्षा से भी बंचित करने पर लग गई है। कोरोनावायरस में तो बहुत बजट मिला। उस वजट का क्या होगा बाबा जी"
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
एक फ़ेसबुक यूज़र ने स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योदी आदित्यनाथ को आड़े हाथों लिया और लिखा कि "मंदिर के लिए करोड़ों का बजट, कुंभ के लिए करोड़ों का बजट, धार्मिक स्थलों का विकास करने के लिए करोड़ों का बजट लेकिन शिक्षा की बात आती है तो बोलती बंद, शर्म आनी चाहिए ऐसे शासकों को…"
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वायरल स्क्रीनशॉट को फ़ेसबुक और ट्विटर पर बड़े पैमाने पर शेयर किया गया।
फ़ेसबुक पर स्क्रीनशॉट काफ़ी ज़्यादा वायरल है। ऐसे ही कुछ पोस्ट यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं।
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल स्क्रीनशॉट की हकीक़त जानने के लिए इसका विश्लेषण किया। एबीपी न्यूज़ के यूट्यूब चैनल पर मौजूद ब्रेकिंग न्यूज़ वीडियोज से वायरल स्क्रीनशॉट की तुलना पर हमने पाया कि न्यूज़ फॉन्ट, चैनल लोगो और न्यूज़ के बाद लगे चार डॉट्स काफ़ी अलग हैं।
एबीपी न्यूज़ पर वीडियो देखने पर पाएंगे कि स्क्रीन पर न्यूज़ साफ़ सुथरे ढंग से दिखती हैं, चैनल का लोगो "BREAKING NEWS" के ठीक ऊपर दायें तरफ़ होता है और नीचे स्क्रीन पर टिकर चलता हुआ दिखता है। वायरल स्क्रीनशॉट में न्यूज़ बॉक्स में लिखी हुई है, चैनल लोगो "BREAKING NEWS" के ठीक बराबर है और ख़बर के अंत में चार डॉट्स या बिंदियां हैं।
हम नीचे वायरल स्क्रीनशॉट के साथ एबीपी न्यूज़ की एक दूसरी ख़बर की तुलना कर रहे हैं, जिससे वायरल स्क्रीनशॉट और एबीपी न्यूज़ की मूल शैली में अंतर समझा जा सकता है।
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बूम ने वायरल स्क्रीनशॉट और स्कॉलरशिप से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग में जिला समाज कल्याण अधिकारी आकांक्षा दीक्षित से बात की। उन्होंने बताया कि "सोशल मीडिया में स्कॉलरशिप से जुड़ी जो ख़बर चल रही है, वो सही नहीं है। हमें शासन की तरफ़ से ऐसा कोई आदेश नहीं मिला।"
हमने समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक पी.के त्रिपाठी से भी संपर्क किया, लेकिन फ़ोन ऑफ होने कारण उनसे संपर्क नहीं हो सका।
हमने उत्तर प्रदेश छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति ऑनलाइन प्रणाली की वेबसाइट पर जाकर चेक किया। हमने देखा कि वेबसाइट में स्कॉलरशिप के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं। इसके अलावा भारत सरकार की तरफ़ से छात्रों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप से जुड़ा एक नोटिफिकेशन भी देखा जा सकता है।
कोरोना महामारी के कारण विभागीय प्रक्रिया में देरी होने के कारण स्कॉलरशिप देने में देरी ज़रूर हुई है। इस बारे में 20 अगस्त को "लाइव हिंदुस्तान" ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि "स्कॉलरशिप के लिए राज्य सरकार ने बजट जारी कर दिया है। चूंकि अधिकतर अधिकारी इस समय कोरोना के प्रसार रोकने के काम में लगे हुए हैं, इसलिए जो काम अप्रैल में होना था वो अब तक नहीं हो सका।"
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