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नहीं, रूस ने मुस्लिमों और गैर-मुस्लिमों की शादी पर रोक नहीं लगाई है

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि रूस ने मुसलमानो और गैर-मुस्लिमों के बीच होने वाली शादियों पर प्रतिबन्ध लगा दिया है

By - Saket Tiwari | 26 Nov 2020 7:20 PM IST

सोशल मीडिया पर पिछले दिनों एक फ़र्ज़ी दावा वायरल रहा है कि रूस में व्लादिमीर पुतिन ने मुस्लिमों और गैर-मुसलामानों के बीच होने वाली शादियों पर प्रतिबन्ध लगा दिया है |

बूम ने पाया कि इस 'प्रतिबन्ध' का रुसी सरकार या व्लादिमीर पुतिन से कोई सम्बन्ध नहीं है | यह फ़तवा मुस्लिमों की एक धार्मिक संस्था 'रुसी मुस्लिम स्पिरिचुअल डायरेक्टरेट' या 'कॉउंसिल ऑफ़ क्लेरिक्स ऑफ़ द स्पिरिचुअल डायरेक्टरेट ऑफ़ मुस्लिम्स' ने कुछ वक़्त पहले जारी किया था जिसके चलते इस संस्था की भारी आलोचना हुई थी |

फ़ेसबुक पर अलग-अलग पेजों पर वायरल दावें में लिखा है: रूस ने मुसलमानों को "गैर-मुस्लिम" से शादी करने पर प्रति'बंध लगा दिया है। जय श्री राम |

यह वीडियो व्लादिमीर पुतिन की बेटी को कोवीड-19 वैक्सीन लेते नहीं दिखाता

कुछ और दावों में कहा जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह प्रतिबन्ध लगाया है | कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां देखें |

Full View



नहीं, यह फ़्रांस की संसद में क़ुरान पर चर्चा नहीं है

फ़ैक्ट चेक

बूम ने इंटरनेट पर इस तरह के किसी आदेश के बारे में खोज की पर हमें रुसी सरकार की तरफ़ से जारी ऐसी कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली |

हालांकि सर्च के दौरान हमें कुछ रिपोर्ट्स मिलें जो एक 'रुसी मुस्लिम स्पिरिचुअल डायरेक्टरेट' संस्था के द्वारा रुसी भाषा में जारी एक फ़तवा (यहां पढ़ें) और उसके बाद हुए विवाद के बारे में बात करती हैं |


रेडियो फ्री यूरोप रेडियो लिबर्टी नामक एक वेबसाइट पर प्रकाशित लेख के मुताबिक़ रूस में कुछ मुस्लिम शिक्षाविदों ने यह बैन लगाने का निर्णय लिया था जिसके चलते पूरे देश में इस कदम की भारी आलोचना हुई | एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ इस फ़तवे पर निर्णय पिछले साल नवंबर में ही ले लिया गया था पर उसे लागू 10 नवंबर 2020 को किया गया है |

द मास्को टाइम्स के एक लेख के मुताबिक़ स्पिरिचुअल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ़ मुस्लिम्स ऑफ़ रशिया (DUM) की सलाहकारी कॉउंसिल ने कहा कि, "अंतर्धार्मिक शादियां जो मुस्लिम लड़के और गैर-मुस्लिम लड़की के बीच होंगी वो 'चुनिंदा मामलों' में स्वीकृत होंगी जो स्थानीय मुफ़्ती मंज़ूर करेंगे |"

हमनें इस कौंसिल की वेबसाइट भी ऊपर दिए गए लेखों द्वारा पाई | इस कदम की भारी आलोचना होने के बाद कॉउंसिल के फर्स्ट डिप्टी चेयरमैन दमिर मुखेतडीनोव ने सफाई दी और कहा कि रूस एक धर्मनिरपेक्ष देश है और कॉउंसिल का निर्णय किसी भी तरह से रशियन फेडरेशन को प्रदर्शित नहीं करता है |


फ़र्ज़ी स्क्रीनशॉट का दावा, संबित पात्रा की 'बेटी' मुस्लिम युवक संग फ़रार

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