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फैक्ट चेक

युवाओं पर पुलिस बर्बरता दिखाती यह तस्वीरें पुरानी हैं

वायरल तस्वीरें लखनऊ में 2018 में हुए सहायक शिक्षक भर्ती के विरोध प्रदर्शन की हैं ना कि युवाओं द्वारा नौकरी की मांग को लेकर किये गए विरोध की

By - Mohammad Salman | 23 Sept 2020 7:40 PM IST

उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ हालिया विरोध प्रदर्शनों की तस्वीरों को ग़लत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ पुलिस की क्रूरता दिखाने वाली पुरानी तस्वीरें वायरल हो रही हैं।

बूम ने पाया कि वायरल तस्वीरें 2 नवंबर 2018 को लखनऊ में विधानसभा के सामने प्राइमरी शिक्षक भर्ती में धांधली के विरोध में हुए प्रदर्शन की हैं। 

हाल ही में देश के कई हिस्सों में बढ़ती बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ छात्र संगठनों सहित तमाम विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए प्रदेश के कई ज़िलों में पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा, जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर पुरानी तस्वीरें वायरल हुई हैं।

इंटरनेट यूज़र्स ने 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके को ट्विटर पर राष्ट्रीय बेरोज़गारी दिवस के रूप में ट्रेंड कराया था। उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों की छात्र इकाईयों ने पूरे प्रदेश में रोज़गार की मांग को लेकर कई विरोध प्रदर्शन रैलियों का आयोजन किया था। 

वायरल तस्वीरों को हालिया प्रदर्शन से जोड़कर कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा कि "तुमने वोट धर्म और मंदिर के लिए दिया था अब नौकरी मांगोगे तो डंडे ही मिलेंगे #अफ़सोस"

Full View

पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें 

योगी आदित्यनाथ की पुरानी तस्वीर फ़िल्म सिटी का निरीक्षण बताकर वायरल


फ़ेसबुक के अलावा ट्विटर पर भी बड़ी तादाद में वायरल तस्वीर को उसी कैप्शन के साथ शेयर किया गया है।


फ़ैक्ट चेक 

बूम ने वायरल तस्वीरों के ओरिजिनल सोर्स का पता लगाने के लिए रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें इन तस्वीरों से जुड़ी 2018 की कई न्यूज़ रिपोर्ट्स और ट्वीट मिले, जो इस घटना के संदर्भ में विस्तृत विवरण दे रहे थे। लाइव हिंदुस्तान की न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक 2 नवंबर 2018 को उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षक पद के आवेदकों द्वारा लखनऊ में विधानसभा के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया था। आवेदकों का आरोप था कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में धांधली की गयी है।

अमर उजाला की ख़बर के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68500 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुई धांधली और इसकी जांच में बरती जा रही अनियमितताओं से नाराज़ होकर इन नियुक्तियों की जांच सीबीआई को सौंप दी थी ।

इस परीक्षा में हुई धांधलियों, बार-कोड के बावजूद कॉपी बदलने और सही जवाबों पर भी शुन्य अंक देने के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में 41 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनकी हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई की गई थी।

रिवर्स सर्च में वायरल तस्वीर हमें राहुल गांधी के 3 नवंबर 2018 को किये ट्वीट में मिली। राहुल गांधी ने तस्वीर पोस्ट करते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि "वादा था 2 करोड़ रोजगार का, मगर UP में 68,500 सहायक शिक्षकों की भर्ती सही से कराए जाने की माँग कर रहे युवाओं के साथ योगी सरकार का बर्ताव देखिए। जो बच्चों का भविष्य बनाते हैं उनके भविष्य पर ऐसी मार? कांग्रेस उत्तर प्रदेश के शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ है। युवा इसका जल्द जवाब देंगे।"


आर्काइव वर्ज़न यहां देखें 

क्या सच में इस साल उत्तर प्रदेश के छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी?

इसके अलावा समाजवादी पार्टी प्रवक्ता ऋचा सिंह ने भी ट्वीट करते हुए तस्वीर शेयर किया था, और पुलिस की बर्बरता के लिए यूपी सरकार की आलोचना की थी।


ट्वीट का आर्काइव यहां देखें 

हालांकि, बूम ने पाया कि इन पुरानी वायरल तस्वीरों के साथ एक तस्वीर ऐसी है जो प्रयागराज (इलाहाबाद) में यूपी लोक सेवा आयोग के सामने इस साल 17 सितंबर को हुए विरोध प्रदर्शन की है। तस्वीर में लाल शर्ट पहने एनएसयूआई उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वयं इसकी पुष्टि की है।


किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज बताकर पुरानी तस्वीर फ़र्जी दावे के साथ वायरल 

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