नव-निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मुख्य अतिथि आमंत्रित किये जाने का दावा करने वाला एक फ़र्ज़ी पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मनमोहन सिंह के कार्यालय के एक सहायक ने बूम को बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि बाइडेन ने बहुमत के लिए ज़रूरी 270 इलेक्टोरल वोटों का आंकड़ा पार कर लिया है और राष्ट्रपति पद तक पहुंचने के लिए रास्ता साफ़ कर लिया है, फिर भी उन्हें औपचारिक रूप से राष्ट्रपति चुना जाना बाकी है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रों के विदेश प्रमुखों या यहां तक कि ऐसे व्यक्ति जो पहले इस तरह के पदों पर रहे थे, पारंपरिक रूप से अमेरिकी राष्ट्रपतियों के उद्घाटन के लिए "मुख्य अतिथि" के रूप में आमंत्रित नहीं किए जाते हैं।
इसके अलावा, अमेरिका की चुनावी प्रक्रिया खत्म नहीं हुई है क्योंकि मीडिया आउटलेट्स को जॉर्जिया, एरिज़ोना और अलास्का राज्य में चुनाव परिणाम नहीं मिले हैं।
यूएस कांस्टीट्यूशंस के अनुसार नव निर्वाचित राष्ट्रपतियों को चुनावी वर्ष के बाद 20 जनवरी की दोपहर के समय अपने कार्यालयों का प्रभार लेना होता है।
हवा साफ़ है या ख़राब बताने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स आख़िर है क्या?
मनमोहन सिंह ने बाइडेन के साथ 2009 से 2014 तक भारत के प्रधान मंत्री के रूप में एक आधिकारिक तौर पर साथ काम किया है, जब बाइडेन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे। वह अमेरिका के उप राष्ट्रपति 2017 तक थे |
फ़ेसबुक पर राहुल गांधी फ्रेंड्स क्लब नाम के एक पेज ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और जो बाइडेन की हाथ मिलाते हुए तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा कि "अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि होंगे मनमोहन सिंह जी।" पोस्ट को 4 हज़ार से ज्यादा लाइक और 800 बार से ज्यादा शेयर किया जा चुका है।
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें।
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इसके अलावा ट्विटर पर भी समान दावे के साथ बड़े पैमाने पर पोस्ट शेयर किया गया है। वायरल ट्वीट यहां, यहां और यहां देखें।
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नहीं, डेनमार्क ने मुसलमानों के मतदान अधिकार रद्द नहीं किए हैं
पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी सहयोगी कमला हैरिस क्रमशः अमेरिकी राष्ट्रपति पद और उप-राष्ट्रपति पद के लिए 279 इलेक्टोरल कॉलेज डेलीगेट्स का आंकड़ा हासिल कर चुके हैं। चुनाव के बाद 4 दिन चली वोटों की गिनती के बाद उनकी जीत तय हुई, जहां उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हराया।
बूम ने कुछ सम्बंधित कीवर्ड का इस्तेमाल करते हुए सर्च किया तो ऐसी कोई विश्वसनीय मीडिया या सरकार के स्रोत से ख़बर नहीं मिली जो स्पष्ट करे कि मनमोहन सिंह को बतौर मुख्य अतिथि अमरीकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में न्योता दिया गया है।
इसके अलावा, अमेरिकी चुनाव अभी ख़त्म नहीं हुआ है। चार राज्यों में चुनाव होने बाकी हैं। हालांकि, पारंपरिक शपथ ग्रहण के अनुसार, बाइडेन और हैरिस को औपचारिक रूप से अपने कार्यालयों के लिए चुना जाना बाकी है। यह औपचारिक चुनाव 14 दिसंबर या उसके आसपास होगा, जब निर्वाचक मंडल अपने-अपने राज्यों में आने वाले राष्ट्रपति को वोट देने के लिए बैठक करेगा। जैसा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने पेन्सिलवेनिया, जॉर्जिया और मिशिगन में मतगणना की प्रक्रिया के ख़िलाफ़ कई मुकदमों की पुष्टि की है, जो कि बाइडेन की चुनावी जीत में निर्णायक साबित हुए। ऐसे में मतगणना प्रक्रिया में और देरी हो सकती है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने अभी तक बाइडेन की जीत को स्वीकार नहीं किया है।
बाइडेन अभियान को अभी अपनी उद्घाटन टीम की घोषणा करना बाकी है, जिसे नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की टीम द्वारा स्थापित किया गया है। यह टीम अभियान के दृष्टिकोण से सभी आमंत्रण और लॉजिस्टिक्स की देखरेख करती है, जबकि उद्घाटन समारोह में जॉइंट कांग्रेशनल कमेटी सरकार की ओर से प्रक्रिया को देखती है। 2016 में, तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रम्प ने 15 नवंबर को अपनी टीम की घोषणा की थी।
राज्य के प्रमुखों या विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को पारंपरिक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित नहीं किया जाता है, हालाँकि राजधानी में कई विदेशी मिशनों को आमंत्रित किया जाता है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति आम तौर पर अपने उद्घाटन के मुख्य अतिथि होते हैं। उत्सव में, एक बॉल सहित, अमेरिकी कांग्रेस द्वारा एक लंच का आयोजन होता है और नए राष्ट्रपति के पद संभालने के ठीक बाद व्हाइट हाउस में प्रवेश करने के दौरान परेड आयोजित की जाती है।
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