फैक्ट चेक

अर्धनग्न तस्वीर के ज़रिये सोशल मीडिया पर हुई जामिया की छात्रा को टारगेट करने की कोशिश

बूम ने पाया की वायरल पोस्ट में शेयर किया गया तस्वीरों का सेट अलग है

By - Saket Tiwari | 28 May 2020 8:51 PM IST

अर्धनग्न तस्वीर के ज़रिये सोशल मीडिया पर हुई जामिया की छात्रा को टारगेट करने की कोशिश

सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट के ज़रिये जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की एक छात्रा को टारगेट करने की कोशिश की गयी है | दो तस्वीरों के एक सेट में जहां एक तरफ दो मुस्लिम महिलाओं (दोनों जामिया की छात्राएं) को एक रैली में AIMIM के चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी के साथ बात करते देखा जा सकता है तो वहीँ दूसरी ओर एक महिला की अर्धनग्न तस्वीर है | दोनों तस्वीरों में लाल घेरे से चिन्हित करके दावा किया गया है की उनमे दिख रही महिलाएं एक हैं |

जब हमने तस्वीर में ओवैसी के साथ बात करती दिख रही महिला (लदीदा फ़रज़ाना) से संपर्क किया तो उन्होंने बूम को बताया की दूसरी तस्वीर में दिख रही महिला वो नहीं हैं और उन्होंने आगे जोड़ा की वो अब इस तरह के दुष्प्रचार के खिलाफ़ क़ानूनी लड़ाई लड़ेंगी |

वायरल पोस्ट में ओवैसी के साथ दिख रही दोनों महिलाएँ दरअसल जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की छात्राएं हैं | इसी तस्वीर के साथ एक अन्य अर्धनग्न तस्वीर जोड़ कर दावा किया गया है ओवैसी के साथ नज़र आ रही महिला का पोर्न वीडियो वायरल हुआ है ।

बूम ने पाया कि ओवैसी के साथ फ़ोटो में दिख रही महिलाओं में 'लाल घेरे' में लदीदा फ़रज़ाना हैं और उनके साथ खड़ी हैं आयशा रेना । वायरल तस्वीर के साथ कैप्शन में फ़रज़ाना को सबीना बानो के नाम से पहचाना जा रहा है, यह नाम भी ग़लत है । 

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये पता लगाया की ये तस्वीर अन्य वेबसाइट्स पर मौजूद थी |

नोट: इस आर्टिकल के पब्लिश होने के बाद वो महिला, जिनकी तस्वीर का गलत इस्तेमाल हुआ था, ने बूम से संपर्क किया और बताया की वो स्वयं साइबर क्राइम का शिकार हैं क्यूंकि उनकी तस्वीर उनकी मर्ज़ी के बगैर इस्तेमाल की गयी थी | बूम ने इसके बाद वो तमाम लिंक्स तथा पोस्ट्स अपने आर्टिकल से निकाल दिए जिससे उनकी आइडेंटिटी रिवील हो सकती थी |

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असदुद्दीन ओवैसी और जामिया छात्राओं की तस्वीर

इस तस्वीर को भी हमनें रिवर्स इमेज सर्च पर डाल कर देखा । हमें द न्यूज़ मिनट की एक रिपोर्ट मिली ।

इस रिपोर्ट में तस्वीर में दिख रही दोनों लड़कियों को - लदीदा फरज़ाना और आयेशा रेना - पहचाना गया है ।

22 दिसंबर, 2019 को प्रकाशित द न्यूज़ मिनट के लेख अनुसार यह वही दो लड़कियां हैं जिनका वीडियो दिसंबर में वायरल हुआ था । इस वीडियो में वह लाठीचार्ज कर रहे कुछ पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ खड़ी दिखाई देती हैं ।

इस लेख में यह भी बताया गया है कि आयशा रेना और लदीदा फरज़ाना का हैदराबाद में भव्य स्वागत हुआ और वह असादुद्दीन ओवैसी से मिली थी । 


बूम ने इसके बाद लदीदा फ़रज़ाना से संपर्क किया ।

उन्होंने हमें बताया, "सबसे पहली बात की मैं सबीना बानो नहीं हूं, मेरा नाम लदीदा फ़रज़ाना है । इस तरह के 'सेक्सुअल कनोटेशन' के मामले में अब मैं कानूनी लड़ाई लड़ने जा रही हूं । यह भद्दी बातें रुकनी चाहिए जो अधिकतर संघ परिवार और उसकी परवरिश से आती है । मुझे यह अजीब नहीं लगा क्योंकि संघ परिवार है ही ऐसा । कुछ ही दिन पहले सफूरा ज़रगर के साथ ऐसा ही हुआ था । यह रुकना चाहिए क्योंकि क्या पता अगली बार वह किसके पीछे आएं?"

इस तरह के 'सेक्सुअल कनोटेशन' के मामले में अब कानूनी लड़ाई लड़ने जा रही हूं - लदीदा फ़रज़ाना, छात्र, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली

इसके अलावा हमें खोज करने पर आयशा रेना का ट्विटर हैंडल मिला । उन्होंने भी यही तस्वीर साझा करते हुए लदीदा फ़रज़ाना को टैग किया था ।

(एडिटर नोट: इस आर्टिकल को अपडेट करके उस महिला - जिसकी तस्वीर का दुरूपयोग हुआ है - से जुड़े सारे सन्दर्भ, लिंक्स और पोस्ट्स हटा दिए गए हैं |)

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