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फैक्ट चेक

कैलाश मानसरोवर पर भारतीय सेना का कब्ज़ा दिखाती ये तस्वीर एडिटेड है

बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर में बैकग्राउंड एडिट करके जोड़ा गया है | असल तस्वीर में भारतीय सैनिक लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल पर तिरंगा लहरा रहे हैं

By - Mohammad Salman | 26 Sep 2020 9:22 AM GMT

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लंबे समय से भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इससे जुड़ी ख़बरें सोशल मीडिया पर लगातार घूमती रहती हैं। हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें दावा किया गया कि भारतीय सेना ने कैलाश मानसरोवर में कब्ज़ा कर लिया है।

तस्वीर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि भारतीय सैनिकों ने कैलाश पर्वत पर कब्जा कर लिया है, जिस पर 1962 से चीन का कब्जा था। वायरल तस्वीर में भारतीय सैनिकों को कैलाश पर्वत के सामने तिरंगा लहराते हुए दिखाया जा सकता है।

फ़ेसबुक पर तस्वीर इस दावे के साथ शेयर की गयी है 'बधाई हो कैलाश मानसरोवर के पुराने रास्ते पर भारतीय सेना ने किया कब्जा !! मोदी_है_तो_मुमकिन_है कैलाश पर्वत श्रृंखला के बड़े हिस्से को भारत ने अपने कब्जे में ले लिया .यह क्षेत्र 1962 के युद्ध में चीन ने जबरन कब्जा लिया था चीन वामपंथ और कांग्रेस को बड़ा झटका हर_हर_महादेव' |

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पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें 

ऐसा ही एक दावा यहाँ देखें | आर्काइव यहां देखें |

'वोट फ़ॉर एमआईएम' टीशर्ट पहने शाहरुख़ खान की ये तस्वीर फ़ोटोशॉप्ड है

इसी तस्वीर को रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बक्शी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "1841 में जनरल जोरावर सिंह ने तिब्बत पर हमला किया था। और 800 किमी तक घुस गए थे। मानसरोवर झील पर कब्जा जमा लिया था। पवित्र झील के किनारे चीनी सेना के साथ युद्ध हुआ। हमारी आर्मी अब माउंट कैलाश पर बैठी हुई है।"


पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें 

फ़ेसबुक पर यूज़र्स ने बड़े पैमाने पर कैलाश मानसरोवर पर भारतीय सेना के कब्ज़े के दावे को शेयर किया है।


कैलाश मानसरोवर कैलाश पर्वत श्रृंखला में एक झील है, जो चीन के तिब्बत क्षेत्र से होकर गुजरती है। कैलाश पर्वत हिंदुओं के लिए बेहद पवित्र माना जाता है और बड़ी तादाद में लोग तीर्थयात्रा के लिए यहाँ जाते हैं। इसे भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती का निवास माना जाता है। श्रद्धालु भारत और चीन की सरकार द्वारा आयोजित वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं।

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फ़ैक्ट चेक

गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये जब हमने इस तस्वीर को सर्च किया तो जवानों के तिरंगा लहराते यह तस्वीर कई जगह मिली। लेकिन उसमें बैकग्राउंड में कैलाश पर्वत नहीं दिख रहा था। इंडिया टुडे की वेबसाइट में 26 जनवरी 2020 की पिक्चर गैलरी में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय सेना के जवानों ने 71 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर जम्मू और कश्मीर में एलओसी पर बच्चों और जवानों के साथ राष्ट्रीय पर्व को मनाया था।


वायरल तस्वीर को हमने यांडेक्स इमेज सर्च पर खोजा तो हमें डेलीहंट न्यूज़ ऐप पर 21 जून को पब्लिश एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली। "भारतीय रक्षा बलों को अधिक वित्तीय शक्ति" शीर्षक के साथ पब्लिश रिपोर्ट के कवर इमेज में इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था।


इसके अलावा यांडेक्स रिवर्स सर्च करने पर ही हमें यूट्यूब पर एक वीडियो मिला, जिसमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था।

वीडियो को 25 सेकंड के टाइमस्टैम्प पर देखें। 


नीचे वायरल तस्वीर और मूल तस्वीर के बीच तुलना करने पर हमने पाया कि तस्वीर के बैकग्राउंड में छेड़छाड़ की गयी है। दोनों तस्वीर को देखने पर जवान एकसमान मुद्रा में खड़े हैं। कुल 9 जवानों में एक जवान तिरंगा लहरा रहा है, जबकि चार जवान उसके बायीं और दायीं तरफ़ एक-एक हाथ उठाये खड़े हैं। दोनों तस्वीर में सिर्फ़ बैकग्राउंड अलग है। साफ़तौर पर देखा जा सकता है कि मूल तस्वीर के बैकग्राउंड को एडिट करके उसमें कैलाश पर्वत दिखाया गया है।


दरअसल 12 सितंबर को एबीपी न्यूज़ ने सूत्रों के हवाले से एक ख़बर चलायी थी जिसमें दावा किया था कि भारत ने कैलाश पर्वत जाने वाले पुराने रास्ते पर भारतीय जवानों ने कब्ज़ा कर लिया है। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से यह रास्ता चीन के कब्ज़े में था।

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भारत-चीन सैन्य अभ्यास की पुरानी तस्वीर फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल 

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