HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

नहीं, वायरल हो रही यह तस्वीरें केरला की नहीं हैं

बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट का दावा फ़र्ज़ी है, घरेलू हिंसा का यह मामला केरला का नहीं बल्कि बांग्लादेश का है।

By - Anmol Alphonso | 10 Oct 2020 5:05 PM IST

बांग्लादेश में एक घरेलू हिंसा की शिकार एक महिला की तस्वीरों का एक सेट फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल हो रहा है। तस्वीर को केरला का बताकर सांप्रदायिक कोण के साथ शेयर किया जा रहा है।

वायरल तस्वीरों के सेट में पहली तस्वीर एक शादीशुदा जोड़े को दिखाती है जबकि दूसरी दो तस्वीर में महिला के चेहरे और पीठ पर चोट के निशान दिखाती है।

तस्वीर के साथ कैप्शन में झूठा दावा किया गया है कि तस्वीरें केरला की एक घटना की हैं और इसमें कहा गया है कि महिला एक हिंदू है जिसने मुस्लिम व्यक्ति से शादी की थी।

नहीं, आदित्य पंचोली सुशांत के घर पुलिस अधिकारी बनकर सबूत मिटाने नहीं गए 

तस्वीर शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा कि "केरल में फ़िर एक लड़की लव जिहाद की शिकार। हर लड़की शुरू में कहती है मेरा अब्दुल दूसरे मुसलमानों जैसा नहीं है, बहुत नेक है लेकिन जब आंखें खुलती हैं तब लड़कियों के सामने तीन अंजाम होते हैं या तो सूटकेस में दफ़न मिलती है या कोठे पर बेच दी जाती है या बच्चा पैदा करने वाली मशीन बन जाती है। धन्य हो हिंदुत्व को डुबोने वाली कुर्मुखियों, सुधरोगी कब??"

यह तस्वीरें परेशान करने वाली हैं, पाठकों को इन्हें विवेक के साथ देखने की सलाह दी जाती है |


पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

फ़ेसबुक पर उसी कैप्शन के साथ तस्वीरों को बड़े पैमाने पर शेयर किया गया है।


मध्य प्रदेश में बलात्कार के आरोपी की तस्वीर हाथरस मामले से जोड़कर वायरल

फ़ैक्ट चेक

बूम ने पाया कि तस्वीरों के सेट में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला केरला की नहीं बल्कि बांग्लादेश की है।

हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो हमें 26 जून, 2020 की एक स्थानीय न्यूज़ रिपोर्ट मिली, जिसमें महिला की पहचान सुमैया हसन के रूप में की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुमैया ने फ़ेसबुक पर अपने पति और उसके परिवार द्वारा कथित यातना और उत्पीड़न को विस्तार से शेयर किया था। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ सुमैया ने अपने फ़ेसबुक पोस्ट पर अपने शरीर पर चोट के निशानों की तस्वीर भी शेयर की थी।


ढाका ट्रिब्यून के अनुसार इसके बाद ढाका पुलिस ने उसके पति, जाहिद हसन को हिरासत में ले लिया।

ढाका ट्रिब्यून ने तब शाहबाग के पुलिस अधिकारी अबुल हसन के हवाले से कहा था कि जबकि पति हिरासत में था, पीड़िता द्वारा उसके ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाना बाक़ी था | रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पीड़िता ने पहले भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन बाद में मामले को सुलझा लिया गया था।

लेख में वही वायरल फोटो देख सकते हैं और 27 जून, 2020 की ढाका ट्रिब्यून की इस रिपोर्ट में महिला के चेहरे पर चोट के निशान की दूसरी तस्वीर देखी जा सकती है, जिसका क्रेडिट फ़ेसबुक पोस्ट को दिया गया है। हालांकि पोस्ट को अब डिलीट हो चुका है।

घरेलू हिंसा की घटना के बारे में फ़ेसबुक पर पोस्ट करने के बाद सुमैया ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि फ़ेसबुक पोस्ट देखने के बाद शाहबाग पुलिस ने उससे अपने पति के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराने के लिए कहा था, लेकिन उसने मामला दर्ज नहीं कराया था।

बूम पहले भी 'लव जिहाद' के बारे में फ़र्ज़ी ख़बरों का फ़ैक्ट चेक कर चुका है, जब एक हिंदू-मुस्लिम कपल की तस्वीर एक मृत महिला की तस्वीर के साथ वायरल हुई थी। उसमें दावा किया गया था कि शादी के बाद मुस्लिम पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी और एक मृत महिला की तस्वीर को हिंदू-मुस्लिम जोड़े के एक असंबंधित शादी के कार्ड के साथ शेयर कर दिया गया।

कैलिफ़ोर्निया में स्थित एक सुरंग की तस्वीर अटल टनल के नाम पर हुई वायरल

Tags:

Related Stories