नहीं, आदित्य पंचोली सुशांत के घर पुलिस अधिकारी बनकर सबूत मिटाने नहीं गए
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर में आदित्य पंचोली नहीं बल्कि बांद्रा पुलिस स्टेशन में तैनात एपीआई अविनाश नदविंकेरी है।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने सोशल मीडिया पर साजिशों के सिद्धांत को बदल कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर हर रोज़ नया अफ़साना गढ़ा जा रहा है। सुशांत की मौत से जुड़ा नया दावा सामने आया है, जिसमें बताया जा रहा है कि अभिनेता आदित्य पंचोली एक पुलिस अधिकारी की वेशभूषा में सुशांत के घर सबूत नष्ट करने के लिए गए थे।
इस दावे को एक तस्वीर के सहारे गढ़ा गया है, जिसमें पंचोली से मिलता जुलता एक पुलिस अधिकारी है। सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर करते हुए सुशांत की मौत पर सवाल उठाया गया है। दावा किया गया कि यह 'सबूत' है जो साबित करता है कि सुशांत को मारा गया था। हालांकि, यह दावा फ़र्जी है।
बूम ने पाया कि वायरल फोटो में बांद्रा पुलिस स्टेशन में तैनात एक सहायक पुलिस इंस्पेक्टर (एपीआई) है जो पुलिस को मौत की सूचना देने के बाद राजपूत के घर पर था। हमने मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में तैनात एपीआई अविनाश नदविंकेरी के रूप में पुलिसकर्मी की पहचान की है।
हमने आदित्य पंचोली से संपर्क किया, उन्होंने सोशल मीडिया के इस दावे को बकवास क़रार दिया। उन्होंने बताया कि "वह घर पर थे और यह सोचना कितना बेतुका और मूर्खतापूर्ण है कि मैं पुलिस की वर्दी पहनूंगा और घटनास्थल पर जाऊंगा।"
मुंबई के पुलिस अधिकारी की तस्वीर फेसबुक और ट्विटर पर अलग-अलग कैप्शन के साथ वायरल है, जिसमें दावा किया गया है कि पंचोली राजपूत के घर पर गए थे।
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कैप्शन में लिखा है, "फेक पुलिस: आदित्य पंचोली सबूत मिटाने के लिए मुंबई पुलिस के रूप में सुशांत सिंह राजपूत के घर में घुसकर तोड़फोड़ की।" एक अन्य कैप्शन में लिखा है, "देखिए सुशांत के घर में अभिनेता आदित्य पंचोली ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर उन्हें मार दिया।"
आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
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राजपूत की मौत के कुछ दिनों बाद ही यह आरोप फेसबुक पर वायरल हो गया और कई फ़ेसबुक ग्रुप में हजारों बार शेयर किया गया। फ़ेसबुक पोस्ट में पुलिस अधिकारी की तस्वीर पर गोला बनाकर पंचोली की तस्वीर से तुलना की गयी है ताकि उनकी शारीरिक बनावट, हेयरस्टाइल और भौंहों के आकार आदि में कथित समानता को दर्शाया जा सके।
फ़ेसबुक पोस्ट यहां देखें और आर्काइव यहां देखें
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वायरल पोस्ट में एक पुलिसकर्मी को काला मास्क पहने अन्य पुलिसकर्मियों के साथ एक ब्लैक बॉडी बैग को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए दिखाया गया है।
इसके अलावा यह यूट्यूब पर अलग-अलग कैप्शन के साथ वायरल है, जिसमें इशारा किया गया है कि पुलिस अधिकारी के भेष में आदित्य पंचोली हैं। ज़्यादातर वीडियो में एक समान कैप्शन हैं, "मर्डर की चौंकाने वाली ख़बर- सुशांत के घर पुलिस वर्दी में आदित्य पंचोली 14 जून सूरज"
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि तस्वीर में दिख रहा पुलिस कर्मी आदित्य पंचोली नहीं है बल्कि वास्तव में मुंबई पुलिस का एक अधिकारी है। हमने उनकी पहचान बांद्रा पुलिस स्टेशन में सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) अविनाश नदविंकेरी के रूप में की। अविनाश उस टीम का हिस्सा थे, जो पुलिस को उसकी मौत की सूचना देने के बाद अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के घर पहुंची थी।
हमने सबसे पहले आदित्य पंचोली से संपर्क किया जिन्होंने इस बात से इनकार किया कि वो वायरल तस्वीर में है। "मैंने इन पोस्ट और उस फ़ोटो को देखा है और लोगों को यह सोचने की ज़रूरत है कि सोशल मीडिया पर वे मुझ पर कितना गंभीर आरोप लगा रहे हैं।" उन्होंने कहा, "उन्हें क्या लगता है कि यह किसी फिल्म में क्राइम सीन था कि मैं एक पुलिस वाले के रूप में तैयार होऊंगा और उसके घर जाऊंगा? मैं घर पर था और ये लोग इन चीजों को शेयर कर रहे हैं। वे ऐसा क्यों सोचते हैं कि घर बैठे मेरे पुलिस वर्दी होगी? पंचोली ने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर ये पोस्ट और आरोप हास्यास्पद और बेतुके लग सकते हैं, लेकिन ये बहुत गंभीर हैं। "उन्होंने सूरज (पंचोली के बेटे) के साथ भी ऐसा ही किया। उनकी तस्वीर की तुलना टी-शर्ट पहने हुए इमारत से बाहर चलने वाले किसी व्यक्ति से हुई। लोगों को ऐसे समय पर ज़िम्मेदार होना चाहिए, जब सब कुछ और कुछ भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा सकता है।"
हमने फोटोग्राफर मानव मंगलानी द्वारा क्लिक की गई मूल तस्वीर को ट्रेस किया और राजपूत की मौत के उसी दिन 14 जून को अपलोड किए गए उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर पाया। मंगलानी ने तीन अलग-अलग कोणों से एक ही दृश्य और एक ही पुलिसकर्मी की तस्वीर खींची है।
हमने फ़ोटोग्राफर मंगलानी से संपर्क किया, जिन्होंने साफ़ किया कि तस्वीर में आदित्य पंचोली नहीं हैं। लेकिन वह उसी दृश्य की दूसरी तस्वीर उपलब्ध नहीं करा सके जिसमें पुलिसकर्मी का बैज साफ़ दिख रहा हो।
हमने मुंबई पुलिस के एक स्रोत से संपर्क किया, जिसने पुलिसकर्मी की पहचान एपीआई अविनाश नदविंकेरी के रूप में की। इसे एक संकेत के तौर पर लेते हुए हमने नादविंकेरी के फ़ेसबुक अकाउंट की तलाश की। हमने फ़ेसबुक पर उपलब्ध उनकी तस्वीर के साथ वायरल तस्वीर की तुलना की।
हमें शरीर की बनावट, भौंहों के आकार और पदनाम- उनके कंधे पर तीन सितारे सहित कई समानताएं मिलीं। हमने फ़ेसबुक पर एपीआई नदविंकेरी की अन्य तस्वीरों का विश्लेषण किया और देखा की उन्होंने अपनी कोहनी के अंदर नीचे एक दाहिने हाथ पर टैटू गुदवाया हुआ है।
टूल्स का इस्तेमाल करते हुए हमने टैटू पर ज़ूम किया। वायरल फोटो में भी एक ही टैटू दिखाई दे रहा था। नीचे पीले रंग के घेरे में डाला गया है:
कई वायरल पोस्ट में वर्दीधारी पुलिसकर्मी की हेयरस्टाइल की तुलना करते हुए उसे पंचोली बताया गया है। इसलिए हमने भी हेयरस्टाइल की तुलना की और पाया कि पंचोली की हेयर स्टाइल और पुलिसकर्मी के बालों में थोड़ी समानता ज़रूर है लेकिन एकदम सटीक नहीं है। तुलना करने के लिए हमने नदविंकेरी के व्हाट्सएप डिस्प्ले पिक्चर का इस्तेमाल किया, जो सार्वजनिक रूप से वो ,लोग देख सकते हैं जिनके पास उसका फोन नंबर है।
हमने तीन तरह से तुलना की, पहले पंचोली की तस्वीर की एपीआई नदविंकेरी की व्हाट्सएप डिस्प्ले पिक्चर से तुलना की और फिर पंचोली की फोटो की तुलना राजपूत के घर पर पुलिसकर्मी की वायरल फोटो से की।
आप नीचे दिए गए तीन तरह की तुलना देख सकते हैं:
पुलिसकर्मी के पास पंचोली की तुलना में बाल मोटे और अधिक हैं और बाल कटवाने का तरीका भी अलग है।
वायरल तस्वीर में पंचोली के न होने की पुष्टि होने के बाद हमने एपीआई नदविंकेरी से संपर्क किया, जो वायरल दावे के बारे में चौंके तो नहीं थे लेकिन आगे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को अपने बांद्रा स्थित अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे, मुंबई पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज किया था। इस घटना के बाद से फेसबुक और ट्विटर पर कई फ़र्जी ख़बरों और गलत सूचनाओं का प्रसार हुआ, ख़ासतौर पर टीवी चैनलों ने इस मामले को ख़ूब मसालेदार बनाकर भ्रामक ख़बरें प्रसारित कीं। सुशांत की मौत से शुरू यह मामला अब ड्रग्स के सेवन पर आ चुका है, जिसके लपेटे में कई बॉलीवुड सितारे आ चुके हैं। अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा एक समानांतर ड्रग्स रैकेट की जांच की जा रही है। राजपूत की प्रेमिका रिया चक्रवर्ती को कथित रूप से एनसीबी द्वारा राजपूत के लिए ड्रग्स की खरीद के लिए गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
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