सूडान स्थित जर्मन एम्बेसी पर प्रदर्शनकारियों के हमले का 8 साल पुराना वीडियो फ़र्ज़ी दावों के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह सूडान स्थित फ़्रेंच एम्बेसी है |
यह क्लिप हाल में फ़्रेंच शिक्षक के क़त्ल के बाद वायरल है | सैमुएल पैटी ने अपनी कक्षा में प्रोफ़ेट मुहम्मद के कार्टून दिखाते हुए 16 अक्टूबर को फ्री स्पीच पर लेक्चर दिया था | इसके बाद चेचन उत्पत्ति वाले एक उग्र इस्लामिक व्यक्ति ने उनका सर कलम कर दिया
फ़्रांसिसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने 'स्वतंत्र बोल' या फ्री स्पीच का समर्थन करते हुए ऐसे कार्टून जो प्रोफ़ेट मुहम्मद को दर्शाते हैं को बंद न करते के पक्ष में भाषण दिया था | इसके बाद सोशल मीडिया पर हज़ारों कि तादाद में मुस्लिम यूज़र्स फ़्रेंच उत्पाद के बॉयकॉट का समर्थन करने लगे |
नहीं, यह तस्वीर उस शिक्षक की नहीं है जिनका फ़्रांस में सर कलम किया गया है
वायरल क्लिप में देखा जा सकता हैं कि प्रदर्शनकारियों ने रोड पर हंगामा किया और इमारतों और अन्य चीज़ों को आग लगा दी |
इस वीडियो के साथ वायरल कैप्शन कुछ यूँ है: "सूडान में फ्रांस की अंबेसी को मुसलमानों ने किया आग के हवाले | ऐ ज़ालिमों! तुम दुनिया के मुसलमानों पर लाख ज़ुल्म व सितम करो,बर्दाश्त किया जा सकता है लेकिन हमारे नबी की शान में गुस्ताख़ी हम हर्गिज़ बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं चाहे तुम हमें आतंकवादी कहते फिरो या जिहादी"
दुर्गा पूजा पर द वायर के लेख का स्क्रीनशॉट भ्रामक दावे के साथ वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने रिवर्स इमेज सर्च कर पाया कि यह घटना सितम्बर 2012 में सूडान स्थित जर्मन एम्बेसी पर हमले की है | प्रदर्शनकारियों ने जर्मनी की एम्बेसी के ख़िलाफ़ तोड़-फोड़ की थी ना की फ़्रेंच एम्बेसी में | इस पर कई न्यूज़ रिपोर्ट्स हमें मिली |
यह प्रदर्शन दरअसल यु.एस की एक फ़िल्म के ख़िलाफ़ था जो इस्लाम विरोधी मानी जा रही थी | अन्य कई पश्चिमी देशों की एम्बस्सियों के ख़िलाफ़ भी आक्रामक प्रदर्शन हुए थे | इन देशों में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और ब्रिटैन शामिल थे |
हमें एक जर्मन न्यूज़पेपर 'Der Tagesspiegel' की 14 सितम्बर, 2012, की एक रिपोर्ट मिली जिसमें वही दृश्य थे जो वायरल वीडियो में दिख रहे हैं | इस रिपोर्ट के अनुसार, सूडान में प्रदर्शनकारियों ने जर्मन एम्बेसी पर आक्रामक हमला कर आग लगाई | यह प्रदर्शन उस मूवी के ख़िलाफ़ था जो इस्लाम के ख़िलाफ़ मानी जा रही थी |
डी.डब्लू की 14 सितम्बर 2012 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश और जर्मन एम्बेसी में तोड़-फोड़ कर रहे करीब पांच हज़ार प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए शुक्रवार को सूडान पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया | इसके बाबजूद कुछ लोग जर्मन एम्बेसी में घुसने में कामियाब रहे |
इस रिपोर्ट ने यह भी बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाज़ी भी कि और जर्मन एम्बेसी के अंदर घुस कर जर्मन झंडा फाड़ दिया और काला इस्लामी झंडा लगा कर इमारत में आग लगा दी |
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक निजी अमेरिकी फ़िल्म, "इनोसेंस ऑफ़ मुस्लिम", में प्रोफ़ेट मुहम्मद को व्यभिचारी, समलैंगिक और बच्चों के प्रति निर्दई बताया है जिसके कारण प्रदर्शन हुए हैं |
हमें सी.एन.एन का भी एक वीडियो मिला जिसमें वायरल वीडियो के विसुअल हैं |
बूम ने इससे पहले भी कई फ़र्ज़ी दावों को खारिज किया है जो फ़्रांसिसी शिक्षक कि मौत के बाद वायरल हुए हैं |
नहीं, यह तस्वीर उस शिक्षक की नहीं है जिनका फ़्रांस में सर कलम किया गया है