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फैक्ट चेक

दुर्गा पूजा पर द वायर के लेख का स्क्रीनशॉट भ्रामक दावे के साथ वायरल

बूम ने पाया कि वायरल स्क्रीनशॉट द वायर के एक लेख से क्रॉप किया गया है, जिसमें स्मृति ईरानी जेएनयू के एक कार्यक्रम में बांटे गए पर्चे का उद्धरण करती हैं।

By - Nivedita Niranjankumar |
Published -  27 Oct 2020 7:53 PM IST
  • दुर्गा पूजा पर द वायर के लेख का स्क्रीनशॉट भ्रामक दावे के साथ वायरल

    साल 2016 में प्रकाशित द वायर के एक लेख का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि समाचार वेबसाइट ने दुर्गा पूजा के त्यौहार को 'जातिवादी' और हिंदू देवी को 'सेक्स वर्कर' कहा है।

    वायरल स्क्रीनशॉट 27 फ़रवरी 2016 के एक समाचार लेख का एक छोटा सा टुकड़ा है, जिसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा भाषण में दुर्गा पूजा के बारे में उन पंक्तियों को पढ़ते हुए क्वोट किया है। स्मृति ईरानी दुर्गा पूजा का वर्णन उस पर्चे से पढ़ रही थीं | उन्होंने दावा किया था कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रों के 'महिषासुर शहादत दिवस' मनाने के दौरान इन पर्चों को बांटा था।


    लेख में महिषासुर और मंत्री की हेडलाइन के साथ कहा गया है कि "जेएनयू में 'महिषासुर शहादत दिवस' समारोह के संदर्भ में गुस्सा क्यों हैं, यह उससे भी ज़्यादा सवाल उठा सकता है जितना वह पसंद करती हैं।"

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    लेख का स्क्रीनशॉट दुर्गा उत्सव के दौरान शेयर किया जा रहा है। आज कल देश के कई हिस्सों में दुर्गा पूजा और नवरात्रि मनाए जा रहे हैं, यह दोनों त्योहार देवी दुर्गा का उत्सव हैं।

    Is this true? Has @thewire_in stooped to this level? pic.twitter.com/zxQdYewys9

    — Maithili (@SuvarnMaithili) October 22, 2020

    वही स्क्रीनशॉट ट्विटर पर कैप्शन के साथ वायरल है।

    First #Tanishq then #EROS_NOW and now #TheWire Hope some day they also get some guts to write something about the 6 year old girl Aisha.. It's easy to target Hinduism as you know that you'll not be beheaded after writing this. #TheWire #DurgaPuja #sicularism #sickularism pic.twitter.com/LKaLm8zl6z

    — James vinchi 🇮🇳 (@JamesVinchi) October 23, 2020

    वायरल स्क्रीनशॉट में लिखा है, "दुर्गा पूजा सबसे विवादास्पद नस्लीय त्योहार है, जहां एक गोरी चमड़ी वाली सुंदर देवी दुर्गा को महिषासुर नाम के एक काले चमड़ी वाले इंसान को बेरहमी से मारने का चित्रण किया गया है। महिषासुर, एक बहादुर आत्म-सम्मानीय नेता, जिसे आर्यों ने विवाह के लिए बरगलाया गया था। उन्होंने दुर्गा नामक एक सेक्स वर्कर को नियुक्त किया था, जिसने महिषासुर को शादी के लिए लुभाया और नव रातों के हनीमून के बाद नींद के दौरान उसे मार डाला।"

    Is this really on @thewire_in? If it is, really deplorable! pic.twitter.com/tpW77olHVL

    — Mission Kaali - Say No To Conversion (@missionkaali) October 24, 2020

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    फ़ैक्ट चेक

    हमने स्क्रीनशॉट की लाईनों को खोजा तो पाया कि यह 27 फ़रवरी 2016 के लेख से है जब जेएनयू में दो छात्र गुटों के बीच उपजे विवाद के बीच भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसमें तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित कई छात्रों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार को जेएनयू के छात्रों को संभालने के तरीके के लिए आलोचना झेलनी पड़ी थी। साथ ही सरकार ने कहा था कि गिरफ़्तार छात्र देश विरोधी नारे लगा रहे थे और भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे।

    ईरानी ने जेएनयू मुद्दे पर सरकार के कामकाज की आलोचना का उल्लेख किया और 24 फरवरी, 2016 के अपने लोकसभा भाषण में यूनिवर्सिटी में होने वाली राष्ट्र-विरोधी घटनाओं का हवाला दिया। इन कथित राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के एक उदाहरण के रूप में ईरानी ने कहा कि छात्र महिषासुर शहादत दिवस मना रहे थे। भाषण में उन्होंने एक पर्चा पढ़ा और कहा कि यह आयोजकों ने छात्रों को बांटा था।

    द वायर के लेख में कहा गया कि, "बुधवार को अपने लोकसभा भाषण में एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी ने जेएनयू में हालिया घटनाओं से निपटने में सरकार की आलोचना का जवाब देते हुए आरोप लगाया कि कैंपस में कई "राष्ट्रविरोधी "कार्यक्रम हुए थे। 'महिषासुर शहादत दिवस' इस सूची में दिखाया गया है। ईरानी ने "भगवान से माफ़ी" मांगते हुए वह कथित तौर पर कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा लाए गए एक पर्चे से पढ़ती हैं:" इसके बाद लेख, ईरानी की पंक्तियों को क्वोट करता है जिसे स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है।


    द वायर ने ईरानी को उक्त पंक्तियों का क्रेडिट दिया है, जिसमें उन्होंने एक पर्चे से पढ़ते हुए आरोप लगाया था कि आयोजकों ने महिषासुर शहीदी दिवस समारोह के बाद इसे वितरित किया था।

    हमने इस भाषण की खोज की और 24 फ़रवरी 2016 को यूट्यूब पर भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक चैनल पर उनका यह भाषण मिला। भाषण में ईरानी को कथित तौर पर जेएनयू छात्र संघ द्वारा आयोजित की जाने वाली घटनाओं, बैठकों को सूचीबद्ध करते हुए देखा जा सकता है, जो कि राष्ट्र विरोधी हैं और वह एक नोटिस उठाती हैं, जिसमें वह दावा करती हैं कि वह 10 फ़रवरी 2016 की रात यूनिवर्सिटी में किसी प्रकार के कार्यक्रम की मनाही थी, जिसमें लिखा था, "महिषासुर शहादत दिवस के लिए सार्वजनिक बैठक भी बाधित हुई थी"। वह फ़िर विस्तार से बताती है कि महिषासुर शहादत दिवस दरअसल है क्या और कहती हैं कि "भगवान मुझे यह पढ़ने के लिए माफ़ कर दे"।

    इसके बाद वह उस पर्चे से उन्हीं पंक्तियों को पढ़ती हैं जिसमें ईरानी का दावा है कि जेएनयू के एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों द्वारा जारी किया गया था और इसके साथ यह भी समाप्त होता है कि, "यह कैसी विकृत मानसिकता है। इसके लिए मेरे पास कोई जवाब नहीं है"।

    द वायर की पूरी स्टोरी यहां पढ़ें।

    बूम ने द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वर्धराजन से भी संपर्क किया, जिन्होंने हमें अपने ट्वीट के बारे में बताया, जिसमें कहा गया कि स्क्रीनशॉट "फ़रवरी 2016 में एचआरडी मिनिस्टर के रूप में स्मृति ईरानी का एक क्वोट है, संसद में जो उन्होंने कहा था वह जेएनयू के एक पर्चे से था।"

    What's being circulated by Hindutva loonies on Twitter as The Wire's 'view' is actually a quote of Smriti Irani, as HRD min in Feb 2016, reading out in parliament extracts from what she said was a JNU pamphlet. The full story we ran is here: https://t.co/Rqf0qWljIo

    — Siddharth (@svaradarajan) October 26, 2020

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    Tags

    Fact CheckFake NewsThe WireDurga PoojaJawaharlal Nehru UniversityJNUKanhaiya KumarSmriti Irani
    Read Full Article
    Claim :   द वायर ने दुर्गा पूजा को जातिवादी और देवी दुर्गा को सेक्स वर्कर कहा है।
    Claimed By :  Twitter Users
    Fact Check :  False
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