सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है | इसमें एक सिख व्यक्ति भारतीय तिरंगे को जूता दिखा रहा है और कुछ और लोग तिरंगे पर खड़े हैं | फ़ेसबुक पर दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन में ली गयी है जो इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य दिखाती है | आपको बता दें कि यह दावा फ़र्ज़ी है |
बूम ने वास्तविक तस्वीर की खोज की और पाया कि यह 15 अगस्त 2013 में सेंट्रल लंदन में ली गयी थी जब ख़ालिस्तान समर्थकों ने प्रदर्शन किया था | इस तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति मनमोहन सिंह खालसा हैं जो 'दल खालसा यु.के' के संस्थापकों में से एक हैं | उनकी 2017 में मृत्यु हो चुकी है | 'दल खालसा यु.के' दरअसल ब्रिटैन में स्थित 'दल खालसा', एक खालिस्तानी समर्थकों की संस्था, का भाग है |
यह तस्वीर कम से कम 2013 से इंटरनेट पर मौजूद है |
केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानून के विरोध में किसानों ने पिछले महीनों में लगातार आंदोलन किये | इसी कड़ी में पंजाब और हरयाणा के किसानों ने 26 नवंबर 2020 से दिल्ली चलो मार्च का आयोजन किया है | इसी दरमियान फ़र्ज़ी ख़बरों का सैलाब आ गया है | केंद्र सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच 5 दिसंबर 2020 को हुई एक वार्ता का कोई परिणाम नहीं निकला | जहाँ सरकार ने अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा, किसानों ने मांग की कि इन तीनों कानूनों को भंग कर दिया जाए |
सोनिया मान और महताब विर्क की तस्वीर फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल
महाशय धर्मपाल गुलाटी के अंतिम क्षण को दिखाता यह वीडियो दरअसल 2019 का है
वायरल हो रही तस्वीर को फ़ेसबुक यूज़र ने क्रॉप किया है ताकि उसके महत्वपूर्ण हिस्से जैसे समय का वॉटरमार्क और संस्था का पूरा नाम ना दिखे | तस्वीर साझा करते हुए एक फ़ेसबुक यूज़र ने लिखा है: "किसान आंदोलन की आड़ में क्या चल रहा है ये समझना कोई राकेट साइंस नहीं..."
इन पोस्ट्स को नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां देखें |
यही तस्वीर बूम को टिपलाइन पर भी प्राप्त हुई है |
मैं यहीं हूँ यदि वो मेरी चोट देखना चाहते हैं: किसान जिसपर लाठीचार्ज हुआ
आम आदमी पार्टी का पुराना वीडियो किसान प्रदर्शन से जोड़कर वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च कर देखा और पाया कि कई ट्विटर हैंडल्स द्वारा इसे पिछले साल भी पोस्ट किया गया था |
ऐसे ही एक ट्वीट में, जिसे 21 अगस्त 2019 को ट्वीट किया गया था, हमें पूरी तस्वीर मिली | इस ट्वीट में मिली तस्वीर में फ़ोटो का वह हिस्सा भी है जिसे फ़ेसबुक पर अपलोड करने से पहले काट दिया गया था | पूरी तस्वीर में समय का वाटरमार्क है जिससे पता चलता है कि यह 15 अगस्त 2013 को ली गयी थी | इसके अलावा प्लेकार्ड में 'दल खालसा यु.के' लिखा है जो वायरल हो रही तस्वीर में काट दिया गया है |
इस इवेंट को लेकर हमनें यूट्यूब पर खोज की परन्तु कोई ऐसा वीडियो नहीं मिला जो इस कार्यक्रम को दिखाता हो | इसके अलावा हमें वायरल तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति के कई भाषण के वीडिओज़ मिले | इन वीडिओज़ के शीर्षकों में उन्हें मनमोहन सिंह खालसा बताया गया था | यहां और यहां देखें | मनमोहन सिंह खालसा, दल खालसा यु.के के वाईस प्रेजिडेंट थे और दल खालसा के संस्थानों में से एक थे | उनका देहांत 20 नवंबर 2017 को लंदन में हो गया है |
इसके बाद हमनें रिवर्स इमेज सर्च में 'dal khalsa uk' कीवर्ड्स के साथ खोज की और एक 'दल खालसा' ब्लॉग पाया | वायरल हो रही तस्वीर के साथ-साथ कई अन्य तस्वीरें भी इस ब्लॉग में प्रकाशित हुई थी | अन्य तस्वीरों में भी वायरल तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति मौजूद है |
ब्लॉग के अनुसार यह सेंट्रल लंदन, यु.के, में एकत्र हुए ख़ालिस्तान समर्थकों के एक प्रदर्शन के वक़्त ली गयी थी जो 15 अगस्त 2013 को हुआ था | ब्लॉग में यह भी बताया गया है कि वह भारत द्वारा सिखों, कश्मीरियों और अन्य अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे | ब्लॉग यहां पढ़ें और इसका आर्काइव्ड वर्शन यहां देखें |
यह तस्वीर किसान प्रदर्शन की नहीं बल्क़ि सात साल पुरानी है | बूम इस बात की पुष्टि स्वतंत्र रूप से नहीं कर सकता की तस्वीर जिस आयोजन से है उसका कारण क्या था |
क्या किसान आंदोलन के समर्थन में कनाडाई प्रधानमंत्री धरने पर बैठ गए हैं?