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फैक्ट चेक

दो साल पुरानी तस्वीर किसान आंदोलन में मृत किसान बताकर वायरल

किसान आंदोलन से जोड़कर इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर यूज़र्स श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शेयर कर रहे हैं।

By - Mohammad Salman | 25 Dec 2020 4:58 PM IST

सड़क पर पड़े एक मृत व्यक्ति की दो साल पुरानी तस्वीर फ़र्ज़ी दावे के साथ तेज़ी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि यह मृतक व्यक्ति किसान आंदोलन के प्रदर्शनकारियों में से एक है। किसान आंदोलन से जोड़कर इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर यूज़र्स श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शेयर कर रहे हैं।

बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट का दावा ग़लत है, यह तस्वीर इंटरनेट पर साल 2018 से मौजूद है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीन नये कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान दिल्ली सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित कई मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की कई बैठकों के बावजूद अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है। कड़ाके की ठंड में कृषि क़ानून वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों में से अब तक कई किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक़, विरोध प्रदर्शन में ठंड के कारण क़रीब 33 किसानों की मौत हो चुकी है।

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हाल ही में भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्रहान) ने पंजाब के 15 ज़िलों में कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में जान गंवाने वाले 41 किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम आयोजित था।

ट्विटर पर तस्वीर शेयर करते हुए आल इंडिया किसान संघर्ष नाम के ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया कि "दुखी मन से बता रहा हूं।।।दिल्ली किसान मोर्चे में एक और किसान भाई शहीद हो गए , उनके इस शहादत को मै कोटि कोटि नमन करता हूँ।"

पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

जम्मू कश्मीर कांग्रेस नेता आबिद मीर मगामी ने तस्वीर के साथ ट्वीट में लिखा कि "एक और किसान हुआ शहीद।" हालांकि, बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया। ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें।

फ़ेसबुक पर भी इसी समान दावे के साथ तस्वीर बड़े पैमाने पर शेयर की जा रही है।


पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो हमें सितंबर 2018 का फ़ेसबुक पोस्ट मिला। 2 सितंबर, 2018 को तस्वीर के साथ शेयर किए गए कैप्शन के अनुसार, पंजाब के तरन तारन साहिब शहर के बोहरी चौक पर एक व्यक्ति का अज्ञात शव मिला। पंजाबी भाषा लिखे कैप्शन में कहा गया कि "यह वृद्ध जो लगभग 70 साल का है, उसका शव तरन तारन के बोहरी चौक में पड़ा था। शव की पहचान नहीं हो पाई है।"

(पंजाबी भाषा में लिखा मूल कैप्शन: ਇਹ ਬਜੁਰਗ ਜਿਸ ਦੀ ੳੁਮਰ ਲਗਭਗ 70ਸਾਲ ਹੈ ਤਰਨ ਤਾਰਨ ਦੇ ਬੋਹੜੀ ਚੋਕ ਵਿੱਚ ਇਸਦੀ ਡੈਡ ਬੋਡੀ ਪਈ ਹੈ ਸ਼ਨਾਖਤ ਨਹੀ ਹੋਈ ਕਿਰਪਾ ਕਰਕੇ ਸਾਰੇ ਸ਼ੇਅਰ ਕਰੋ ਤਾ ਜੋ ਇਹਨਾ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰ ਨੂੰ ਪਤਾ ਲੱਗ ਜਾਵੇ।)


इसके अलावा अन्य फ़ेसबुक पेजों ने भी अज्ञात व्यक्ति की तस्वीर को उसी जानकारी के साथ शेयर किया, जिसमें वह तरन तारन साहिब के बोहरी चौक में मृत पाया गया था। आर्काइव वर्ज़न यहां देखें


हालांकि, बूम स्वतंत्र रूप से पता लगाने में असमर्थ था कि असल में तस्वीर कब और कहां की है। चूंकि, यह तस्वीर इंटरनेट पर सितंबर 2018 से मौजूद है, ऐसे में यह ज़रूर स्पष्ट हो जाता है कि यह किसान आंदोलन के दौरान मृत प्रदर्शनकारी किसानों में से किसी की नहीं है।

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