क्या अयोध्या में रोड निर्माण के दौरान मिला 5,000 साल पुराना मंदिर?
सोशल मीडिया पर एक मंदिर की तस्वीर के साथ यही दावे किये जा रहे हैं जबकि तस्वीर अयोध्या की नहीं है |
'अयोध्या में मिला 5,000 पुराना मंदिर' के दावे के साथ सोशल मीडिया पर यूज़र्स काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, वाराणसी की एक तस्वीर शेयर कर रहे हैं |
बूम ने पाया कि तस्वीर वाराणसी, उत्तर प्रदेश, के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में चल रहे विकास कार्यों को दर्शाता है, न कि अयोध्या को जैसा दावा किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने, 8 मार्च, 2019 को इस परियोजना की नींव रखी थी। यह एक विकास और सौंदर्यीकरण परियोजना है।
नेटिज़ेंस फ़र्ज़ी दावा कर रहे हैं जिसमें लिखा है: "अयोध्या में मिला 5000 साल पुराना मंदिर Jai shree ram"|
इसके अलावा एक और दावा वायरल है कि, "यह अयोध्या -"द राम जन्म भूमि"- में सड़क चौड़ीकरण के दौरान "ढका हुआ" 5000 साल पुराना मंदिर है। स्थानीय लोगों ने इस खूबसूरत मंदिर पर घर बनाया था जो इन सभी मंदिरों को "ढँक" दिया था। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में कई और मंदिरों को खोला जाएगा। # जयश्रीराम खुशखबरी: मंदिरों का नवीनीकरण शुरू कर दिया गया है।"
कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां, यहां और यहां देखें |
क्या ये तस्वीरें अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की हैं?
फ़ैक्ट चेक
बूम ने इस तस्वीर के साथ रिवर्स इमेज सर्च की परन्तु कुछ हाथ नहीं लगा | इसके बाद हमनें पोस्ट्स के कमेंट सेक्शन को खंगाला और पाया कि कुछ कमैंट्स इस तस्वीर को काशी का बता रहे थे |
कमैंट्स से संकेत लेकर हमनें, "Kashi Vishwanath Corridor Construction" कीवर्ड्स खोज की | हमें अमर उजाला और द वायर की रिपोर्ट्स मिली जो समान तस्वीरों को इस्तेमाल करती हैं एवं बताती हैं कि यह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर है ना कि अयोध्या | द वायर की एक रिपोर्ट में वायरल तस्वीर जैसी ही एक अन्य तस्वीर प्रकाशित है जिसके कैप्शन में लिखा है, "काशी विश्वनाथ मंदिर से 200 मीटर दूर स्थित मंदिर"
जबकि अमर उजाला के लेख में प्रकाशित तस्वीर वायरल तस्वीर से भिन्न एक अन्य कोण से ली गयी है, द वायर में प्रकाशित तस्वीर वायरल तस्वीर के सामने की ओर से ली गयी है |
बूम ने काशी विश्वनाथ मंदिर एडमिनिस्ट्रेशन और अन्य सम्बंधित विभाग के अधिकारयों से भी संपर्क किया है | जवाब मिलने पर रिपोर्ट अपडेट किया जाएगा ।|
इसके बाद, बूम ने स्थानीय निवासी उत्कर्ष मिश्रा से बात की । "यह मंदिर वाराणसी में ललिता घाट के पास ही है एवं काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए घरों को तोड़े जाने के बाद दिख रहा है । ये अयोध्या नहीं है," उत्कर्ष ने कहा ।
हमनें वायरल तस्वीर के साथ अमर उजाला में प्रकाशित फ़ोटो एवं द वायर में प्रकाशित तस्वीर की तुलना की और पाया कि तीनों मंदिरों के शिखर एवं आसपास का मैदान एवं इमारते एक जैसी हैं |