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फैक्ट चेक

बांग्लादेश में महिला पर हुए हमले की पुरानी तस्वीरें भारत बताकर वायरल

वायरल पोस्ट दावा करता है की केरला में एक दलित महिला पर मुस्लिमों और ईसाईयों ने इसलिए हमला कर दिया क्यूंकि वो पूजा कर रही थी | बूम ने पाया की ये तस्वीर बांग्लादेश से है

By - Saket Tiwari | 27 April 2020 1:19 PM GMT

एक घायल महिला की तस्वीर पिछले कुछ सालों से अलग अलग कैप्शंस के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है | तस्वीर/तस्वीरों में महिला के शरीर पर चोट के निशान देखें जा सकते हैं | एक तस्वीर में महिला के सर से खून बह रहा है | अन्य तस्वीरों में उसके कन्धों पर निशान है जिससे प्रतीत होता है कि उसे बेरहमी से पीटा गया है |

इन तस्वीरों के साथ पिछले कुछ सालों में कई तरह के फ़र्ज़ी साम्प्रदायिक दावे किये गए हैं जिन्हें सोशल मीडिया पर ज़ोर-शोर से वायरल किया गया | हाल ही में फिर से शेयर किये गए इस तस्वीर के साथ जो कैप्शन वायरल हो रहा है वो कहता है: केरल में ईसाई मिशनरीयो और जिहादियों का आतंक अब इतना बढ़ चुका है कि हिन्दुओ को पूजा अर्चना और अपने धार्मिक रीती रिवाज़ो को पूरा करने का अधिकार भी छिना जा रहा है..! इस दलित आदिवासी महिला को बुरी तरह पीटा ओर कपड़े फाड़ दिए क्यों की ये पूजा कर रही थी..!!"

बूम ने अपने पड़ताल में पाया कि घटना दरअसल चित्तागोंग, बांग्लादेश, से हैं ना की केरला से |

यह भी पढ़ें: बांग्लादेश में गटर से खाना खाते शख़्स की तस्वीर यूपी के नाम पर वायरल

पोस्ट्स नीचे देखें इनके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें|

नोट: तस्वीरें परेशान करने वाली हैं, अतः अपने विवेक का सहारा लें

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एक यूज़र ने यही तस्वीर बूम को भेजी और इसके पीछे कि सच्चाई जानने का अनुरोध किया |


यह तस्वीरें ट्विटर पर भी ऐसे ही दावों के साथ वायरल हैं|

साल 2018 के दौरान यही तस्वीरें इस दावे के साथ वायरल थी कि: केरल में एक हिन्दू महिला को पूजा करने की वजह से मारा गया और बेइज्ज़त किया गया ,मूर्ति तोड़ दिया शांतिदूतों ने ।। ज्यादा से ज्यादा शेयर करो ताकी पीड़ित महीला को इंसाफ मिल सके |


फ़ैक्ट चेक

बूम ने रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये पता लगाया की ये तस्वीरें करीब तीन साल से वायरल हैं | हमने इंटरनेट भी खंगाला पर हमें केरला से संबंद्धित ऐसे किस घटना के बारे में कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली |

इसके बाद हमनें सर्च इंजन यांडेक्स पर इसी तस्वीर के साथ रिवर्स इमेज सर्च किया तो पाया की यह तस्वीर कन्नड़ में लिखे एक लेख में इस्तेमाल हुई थी | हमनें इस लेख में एक फ़ेसबुक पोस्ट एम्बेडेड पाई जिसमें घटना का विवरण था | फ़ेसबुक पोस्ट के हिसाब से यह घटना 8 अक्टूबर 2017 या उससे पहले कि है |

पोस्ट बांग्ला में हैं जिसका हिंदी अनुवाद है: "इनका नाम पंचबाला कर्माकर है जो स्थाई रूप से चित्तागोंग ज़िले में बंशखाली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत उत्तरी जलदी गांव कि निवासी हैं | इस मजबूर और गरीब महिला को प्रभावशाली पड़ोसी प्रदीप घोष और उसके लड़के बिस्वजीत घोष ने पीटा | उसकी स्थिति गंभीर है | उसकी देखभाल और इलाज़ के लिए कोई नहीं है, इस पोस्ट को शेयर करें|"

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इसी तस्वीर के साथ वायरल होती एक अन्य तस्वीर, जिसमें पूजा के थाल और अन्य सामान ज़मीन पर गिरे देखें जा सकते हैं, का पता लगाने में बूम को सफ़लता नहीं मिली | 

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